विराट कोहली का एग्रेसन यानि आक्रामकता से बहुत पुराना नाता रहा है। एक खिलाड़ी को उसका एग्रेसन खेल में बहुत आगे ले जाता है लेकिन जब वही एग्रेसन ग्राउंड से बाहर आने लगता है तो उसका असर पूरी टीम पर देखने को मिलता है। टीम इंडिया के साथ भी यही आजकल हो रहा है। टीम इंडिया न्यूजीलैंड के दौरे पर है। ट्वेंटी सीरिज जीत चुकी है, वनडे सीरिज हार गई है और टेस्ट में भी करारी हार का सामना करना पड़ा है।
मेजबान न्यूजीलैंड से टेस्ट सीरिज हारने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली एक प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित कर रहे थे उसी दौरान एक पत्रकार से उनकी बहस हो गई। पत्रकार ने सवाल ही कुछ ऐसा पूछ दिया कि कोहली फिर से पुराने दिनों की तरह बौखला गए। पत्रकार ने पूछा- ”क्या आपको आक्रामकता कम करने की जरुरत है?” इस सवाल पर कोहली भड़क गए और उन्होंने पत्रकार को लताड़ते हुए कहा- ”आपको आधी-अधूरी जानकारी के साथ यहां नहीं आना चाहिए था। आपको पहले सही फैक्ट्स लेकर आना चाहिए।”
When asked about his on-field behaviour, Virat Kohli gets tetchy at the post-series presser #NZvIND pic.twitter.com/vtGXm6Xe1A
— ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) March 2, 2020
दरअसल, टेस्ट के दूसरे दिन कीवी खिलाड़ियों के विकेट गिरने पर विराट कोहली ने कुछ ज्यादा ही आक्रामक तरीके से जश्न मनाया। मामला मोहम्मद शमी के ओवर का था, जब उन्होंने पहली पारी में टॉम लाथम का विकेट लिया। लाथम जैसे ही आउट हुए कोहली काफी आक्रामक मूड में जश्न मनाने लगे और वे यहीं नहीं रुके, उन्होंने दर्शकों के एक ग्रुप को भी कुछ अपशब्द कह दिया। इस मोमेंट का वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इसी को लेकर पत्रकार ने कोहली से उनकी आक्रामकता को लेकर सवाल किया, जिसके बाद वे बौखला गए।
आइये जानते हैं पत्रकार और कोहली के बीच क्या संवाद हुआ था?
पत्रकार: मैदान पर अपने व्यवहार के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे? विलियमसन का विकेट गिरते ही आप दर्शकों पर काफी आक्रामक हो गए थे। एक कप्तान के तौर पर आपको नहीं लगता कि दर्शकों से सही से पेश आना चाहिए?
विराट कोहली: आप क्या सोचते हैं?
पत्रकार: सवाल मैंने पूछा है?
विराट कोहली: मैं आपकी प्रतिक्रिया जानना चाहता हूं।
पत्रकार: बतौर कप्तान आपको अच्छा उदाहरण पेश करने की जरुरत हैं कैप्टन कोहली।
विराट कोहली: आपको सबसे पहले यह जान लेना चाहिए कि सच्चाई क्या थी। उसके बाद आप यहां मुझसे सवाल पूछते तो अच्छा लगता। आप आधे-अधूरे सवाल और जानकारी के साथ मुझसे सवाल नहीं पूछ सकते, और यदि आप इसे बहस बनाना चाहते हैं तो यह सही जगह नहीं है। मैदान पर जो भी कुछ हुआ था, उसके बारे में मैनें मैच रेफरी से बात की थी। उन्हें कोई परेशानी नहीं है।
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मालूम हो कि टीम इंडिया और कैप्टन कोहली के लिए न्यूजीलैंड दौरा सबसे शर्मनाक रहा है। पूरे मैच में कैप्टन कोहली ने सिर्फ एक पचासा जड़े थे। वहीं अपनी चार पारियों में उन्होंने सिर्फ 20 रन बनाई है। इसी का नतीजा रहा कि भारत ने ये टेस्ट दौरा अपने हाथ से गवां दिया है। इस जीत के साथ ही कीवी टीम ने सीरिज जीत लिया है।
वास्तव में कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया का विदेशी दौरा बेहद खराब रहा है। आंकड़ो को देखेंगे तो साफ हो जाएगा कि किंग कोहली सिर्फ घर में ही किंग हैं बाहर सिर्फ गुस्सैल कोहली बन जाते हैं।
साल 2018 को कौन भूल सकता है, जब इंगलैंड ने भारत को 4-1 से हराया था। इस टेस्ट सीरिज में कोहली ने सिर्फ 38 की औसत से 418 रन बनाया था। इसी दौरे के बाद से ही कोहली विदेशी सरजमीं पर खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं। 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हो रहे सेंचुरियन टेस्ट में भी कोहली फेल साबित हुए थे। इस हार पर जब सवाल किया गया तब भी कोहली बौखला गए, उन्होंने कहा-
”हमने 30 में से कितने मैच जीते? 21 मैच जीते, दो हारे।” सामने से सवाल आया, ”इनमें से कितने मैच आपने भारत में खेले?” कोहली ने कहा, ”इस बात से कोई फ़र्क नहीं पड़ता। हम हर बार जीतने की कोशिश करते हैं। मैं यहां आपके सवालों का जवाब देने के लिए आया हूं, लड़ने के लिए नहीं।”
पिछली बार उन्होंने बांग्लादेश में 136 रनों की दमदार पारी खेली थी, इसके बाद से कोहली का बल्ला विदेशी मैदानों पर शांत रहा है। आंकड़े देखेंगे तो अब तक के सबसे सफल टेस्ट कप्तान विराट कोहली ही हैं लेकिन जब विदेशों में टेस्ट टीम की बात आती है तो भारत अभी तक फिसड्डी ही रहा है।
विराट कोहली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान हैं, वे विदेशों में जैसा बर्ताव करेंगे ठीक वैसा ही भारत की छवि वहां के लोगों में जाएगी। ऐसे में विराट कोहली द्वारा दर्शकों पर की गई अभद्र टिप्पणी बेहद अशोभनीय है। इसके बाद जब पत्रकार ने सवाल किया तब विराट द्वारा दिया गया जवाब भी उनकी झुंझलाहट को दिखाता है।
वास्तव में एक खिलाड़ी की आक्रामकता उसके खेल में होनी चाहिए न की उसके व्यवहार में। बेशक कोहली एक बेहतर खिलाड़ी हैं लेकिन एक बेहतर इंसान नहीं हैं। उन्हें कैप्टन कूल यानि धोनी से कुछ सीखना चाहिए कि कैसे धोनी विपरीत परिस्थिति में भी बिल्कुल शांत रहते थे और मौका पाते ही बल्ले और अपनी रणनीति से हमला करते थे। विदेशों में कोहली का ये रवैया बेहद शर्मनाक है, इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।