भारत पुराना योद्धा है, जब Smallpox और Polio को हरा दिया तो ये Corona क्या है, WHO ने भारत के एक्शन को सराहा

'बड़ी आबादी के बावजूद इतने कम केस, सिर्फ भारत में ही संभव!'

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कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामले के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि WHO ने भारत की तारीफ़ों के पुल बांधे हैं। WHO ने कहा है कि कोरोना के प्रसार पर रोक लगाने के लिए भारत को अपनी आक्रामक कार्रवाई जारी रखनी चाहिए।

बता दें कि भारत में इस वीडियो के बनने तक कोरोना के 499 मामले सामने आए हैं और इसके प्रसार को रोकने के लिए 548 जिलों में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है।

कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए भारत की ओर से उठाए गए कदम पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के कार्यकारी निदेशक माइकल जे रेयान ने कहा कि भारत चीन जैसा बेहद घनी आबादी वाला देश है और इन घनी आबादी वाले देशों में जो कुछ होता है उससे कोरोना वायरस का भविष्य निर्धारित होगा। उन्होंने आगे कहा कि यह वास्तव में बेहद महत्वपूर्ण है कि भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य स्तर पर अपनी आक्रामक कार्रवाई जारी रखे।

रायन ने कहा कि, ‘भारत ने दो बीमारियों यानि स्मॉल पॉक्स और पोलियो के उन्मूलन में पूरे विश्व का नेतृत्व किया है। भारत में जबरदस्त क्षमता है, सभी देशों में जबरदस्त क्षमता है। जब समुदायों और समाजों को जुटाया जाता है, तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। बता दें कि भारत ने पोलियो से लंबी लड़ाई लड़ी और कुछ साल ही भारत पोलिया मुक्त हो चुका है।

रियान ने इस कड़ी में पोलियो और चेचक जैसी वैश्विक बीमारियों को खत्म करने में भारतीय योगदान की सराहना करते हुए इसे मानवता के लिए भारत का तोहफा करार दिया। रियान के मुताबिक, चेचक के वायरस ने इस धरती पर इतने लोगों जान ली है जो अब तक सारे युद्धों में मारे गए लोगों की संख्या से भी ज्यादा है। लक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य की कोशिशों के माध्यम से भारत ने उस बीमारी को समाप्त कर दिया और दुनिया को एक बेहतरीन तोहफा दिया। सतत निगरानी, मामलों को खोजने और टीकाकरण करने जैसे सारे जरूरी कदम उठाकर भारत ने जबरदस्त काम किया है।

WHO के वरिष्ठ अधिकारी रियान ने कहा कि भारत जैसे देश को इस रास्ते का नेतृत्व करना चाहिए, और दुनिया को दिखाना चाहिए कि क्या किया जा सकता है।

भारत में अभी यह महामारी सिर्फ दूसरे चरण तक पहुंची है। हमारी यह कोशिश है कि यह तीसरे चरण यानि कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन (जहां पता ही नहीं चलता कि वायरस किसकी वजह से किसी शख्‍स में आया) तक नहीं पहुंच है।

इससे पहले भी WHO के भारत में प्रतिनिधि हेंक बेकेडम ने ICMR यानि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ कोरोना वायरस को लेकर बैठक की और भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम और प्रतिबद्धता की जाम कर प्रशंसा की थी।

हेंक बेकेडम ने कहा था, “मुझे लगता है कि भारत सरकार के शीर्ष स्तर द्वारा प्रतिबद्धता और प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा उठाए गए कदम बहुत प्रभावशाली रहे हैं। यही कारण है कि भारत इस वायरस से निपटने को लेकर बहुत अच्छा कर रहा है।”

बता दें कि 17 जनवरी को, जब दुनिया भर में मुश्किल से 41 मामलों की पुष्टि हुई और वुहान में 1 मौत हुई, तो भारत ने चीन जाने के खिलाफ ट्रैवल एड्वाइजारी जारी करते हुए चीन से आने वाले सभी यात्रियों के लिए थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी थी। तब दुनिया को इस वायरस का बहुत कम पता था।

इसके बाद 4 मार्च को जब भारत में मामला बढ़कर 10 तक पहुंचा तब तक एक बड़ा राष्ट्रीय कार्यबल इसकी रोक थाम में लग चुका था, और आवश्यक दवाओं पर निर्यात प्रतिबंध लगाया जा चुका था। 11 मार्च को जब भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत हुई थी, तब तक भारत ने सभी पर्यटक वीजा रद्द कर दिया था। भारत ने 22 मार्च को प्रधानमंत्री के आह्वान पर जनता कर्फ़्यू भी लगाया गया था।

यही नहीं इसके बाद 75 प्रमुख शहरों को लॉकडाउन कर दिया गया। इसके साथ ही यात्री ट्रेनों और मेट्रो का परिचालन भी 31 मार्च तक बंद करने का फैसला लिया गया है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली से लेकर तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश और असम तक लॉकडाउन कर दिया गया है। भारत की तुलना अगर अन्य देशों से करें तो अन्य देशों ने भारत की तरह दूरगामी फैसले नहीं लिए और इस वायरस के प्रकोप को हल्के में लिया, आज हालात यह है कि पूरे यूरोप में इस वायरस ने कहर बरपया हुआ है।

भारत ने सिर्फ अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेश में फंसे अपने नागरिकों को भी वापस अपने देश लाया है। यह सेवा कल मलेशिया से 113 यात्रियों को लाने के बाद बंद हुआ। भारत ने चीन से अभी तक अपने 700 से अधिक नागरिकों को निकाला। चीन से आए हुए सभी नागरिकों की जांच की गई, और पॉज़िटिव केस को तुरंत सभी से अलग किया गया। वहीं भारत ने ईरान से भी 4 बार में 230 भारतीयों को निकाला था। यही नहीं स्क्रीनिंग के लिए भारत ने इटली में भी एक मेडिकल टीम भेजी है।

भारत की स्क्रीनिंग प्रणालियों ने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया है। विदेशों से लाखों लोगों के आने के बावजूद भारत ने अन्य देशों के मुकाबले बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।

रोजाना लगभग 80,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की चेकिंग हो रही है। भारत के सबसे व्यस्त दिल्ली का IGI हवाई अड्डा पर हर घंटे 850 से 2,100 अंतर्राष्ट्रीय यात्री उड़ान भरते हैं।

इसके बावजूद भारत में स्क्रीनिंग बड़े पैमाने पर की जा रही है। यही नहीं भारत सरकार हर स्तर पर काम कर रही है, जागरुकता बढ़ा रही है। जागरूकता फैलाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कमान स्वयं अपने हाथों में ले रखी है। उन्होंने 19 मार्च को देश को संबोधित किया था और आज भी वो संबोधित करेंगे।

सरकार डाक्टरों की मदद से कोरोना वायरस के संदिग्ध रोगियों के साथ डोर-टू-डोर बैठकें कर रही है और जागरूकता अभियान चला रही है। साथ ही अपने सोशल मीडिया के माध्यम से वायरस के बारे में लगातार अपडेट कर रही है।

भारत के इन प्रयासों से ही आज दूसरी सबसे बड़ी आबादी होने के बावजूद, कोरोना का असर भारत में बाकी देशों के मुक़ाबले कम हुआ है। भारत को अब नेतृत्व करते हुए इस वायरस को जड़ से खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए।

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