जैसे-जैसे कोरोना का प्रकोप पूरी दुनिया में फैलता जा रहा है, वैसे-वैसे दुनिया के सभी देश अपने यहां कोरोना की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं। हालांकि, दुनिया के सभी देशों के पास कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं है और यही कारण है कि अब दुनिया के कई देशों ने कोरोना से लड़ने के लिए भारत से मदद मांगनी शुरू कर दी है और इनमें इज़राइल और इटली जैसे देश भी शामिल हैं। चीन से फैले इस वायरस के कारण दुनियाभर की सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई है जिसके कारण सामान और दवाइयाँ एक देश से दूसरे देश ले जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अब कुछ देश दवाइयों और अन्य चिकित्सक उपकरणों की सप्लाई के लिए भारत की शरण में आए हैं और भारत भी इन देशों की मदद करने के लिए कमर कस चुका है।
India has received request for help from countries 4 countries– Bhutan, Maldives, Italy, Iran over #CoronavirusOutbreak. MEA says they are "processing the request" and "package" is being put in place.
— Sidhant Sibal (@sidhant) March 12, 2020
भारत से मदद मांगने वाले देशों में इज़राइल और इटली के अलावा ईरान, मालदीव और भूटान जैसे देश भी शामिल हैं। मालदीव ने भारत से मदद मांगी तो भारत ने तुरंत मालदीव की सहायता के लिए ना सिर्फ राहत सामग्री भेजी बल्कि भारतीय विशेषज्ञों और डॉक्टरों की एक बड़ी टीम को भी मालदीव रवाना किया गया। इसी प्रकार हाल ही में इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी कहा था कि उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए पीएम मोदी से फोन पर बात की है। बता दें कि इज़राइल कई जरूरी वस्तुओं और खाद्य प्रदार्थों के लिए भारत समेत कई देशों पर निर्भर है और इन वस्तुओं की सप्लाई के लिए भारत की ओर से भी इज़राइल को भरोसा दिया गया है।
इसके अलावा इरान को भी भारत ने एक वैज्ञानिक लैब गिफ्ट करने का फैसला लिया है। जब इरान ने ईरान में फंसे भारतीयों की टेस्टिंग करने से मना कर दिया तो भारत ने खुद अपने डॉक्टर्स को ईरान भेजकर वहाँ एक लैब स्थापित की और उसके बाद भारत अपने नागरिकों की टेस्टिंग कर वापस अपने वतन ला रहा है। अब भारत ने ऐलान किया है कि जब इस लैब से भारत के नागरिकों की टेस्टिंग हो जाएगी तो उस लैब को ईरान को ही सौंप दिया जाएगा।
और सिर्फ इज़राइल, मालदीव और ईरान ही नहीं बल्कि भारत ने भूटान और इटली की मदद करने का भी आश्वासन दिया है। पीएम मोदी पहले ही यूके के पीएम बोरिस जॉनसन से भी कोरोना से निपटने के लिए फोन पर बात कर चुके हैं।
PM Modi speaks to Israeli PM Netanyahu & UK PM Boris Johnson on #CoronavirusPandemic pic.twitter.com/TLIOXoEyAw
— Sidhant Sibal (@sidhant) March 12, 2020
इसके अलावा उन्होंने आज ट्वीट कर दक्षिण एशिया के सभी देशों यानि SAARC देशों को कोरोना से साथ मिलकर निपटने के लिए आह्वान किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “मैं सार्क राष्ट्रों के नेतृत्व के सामने कोरोना वायरस से लड़ने की मजबूत रणनीति बनाने का प्रस्ताव रखता हूं। हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने नागरिकों को स्वस्थ रखने के उपायों पर चर्चा कर सकते हैं।‘ उन्होंने आगे लिखा, ‘हम एकजुट होकर दुनिया के सामने एक मिसाल पेश कर सकते हैं और इसे स्वस्थ रखने में योगदान दे सकते हैं”।
Our planet is battling the COVID-19 Novel Coronavirus. At various levels, governments and people are trying their best to combat it.
South Asia, which is home to a significant number of the global population should leave no stone unturned to ensure our people are healthy.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 13, 2020
कोरोनावायरस से निपटने के लिए भारत सरकार ने अब तक जो भी कदम उठाए हैं, वो विश्व-स्तरीय हैं और इसी का नतीजा है कि भारत में बड़ी आबादी होने के बावजूद यह वायरस ज़्यादा लोगों में फैल नहीं पाया है। इस महामारी के समय में भारत सिर्फ अपने लोगों की ही नहीं, बल्कि दुनिया की चिंता कर रहा है और उनकी मदद के लिए आगे आ रहा है। यह दिखाता है कि दुनिया को भारत के नेतृत्व में विश्वास है और भारत इस मुश्किल की घड़ी में दुनिया के साथ खड़ा होकर अपनी विश्व गुरु वाली भूमिका बखूबी निभा रहा है।