तेलंगाना में इंडोनेशिया के इस्लामिक उपदेशक लेकर आए कोरोना, इन्हीं के साथियों ने मलेशिया में भी ढाया कहर

कोरोना ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है लेकिन भारत ने भी अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आबादी प्रतिशत के हिसाब से भारत में इस बीमारी का असर बहुत कम है। परंतु विदेश से आए लोग अभी समस्या का कारण बनते जा रहे हैं। कुछ दिनों तक तेलंगाना कोरोना मुक्त था लेकिन अब 18 मामले हो चुके हैं। कारण है इंडोनेशिया से आए मुस्लिम धर्म के प्रचार के लिए आए कुछ लोग।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ई राजेन्द्र ने यहां पत्रकारों से कहा, आज शाम तक तेलंगाना का कोई भी निवासी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाया गया है, विदेश से संक्रमित होकर आए लोगों की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट ही पॉजिटिव आई है। 

इस राज्य ने कोरोनावायरस के 7 नए मामलों की सूचना दी, ये 7 लोग “धार्मिक गतिविधि” के लिए इंडोनेशिया से करीमनगर आए थे। खबर के अनुसार ये सभी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में दिल्ली से आए थे

बता दें कि इंडोनेशियाई लोगों का एक समूह 22 फरवरी को नई दिल्ली आया। कुछ दिनों तक दिल्ली में रहने के बाद, उन्होंने ‘इज्तिमा’ में शामिल होने के लिए हैदराबाद से लगभग 170 किलोमीटर दूर करीमनगर जाने के लिए एक ट्रेन ली। विकिपीडिया के अनुसार इज्तिमा एक इस्लामी ग्रुप है जिसका आयोजन इस्लामिक संगठनों द्वारा लाखों मुसलमानों के साथ मिलकर किया जाता है।

करीमनगर पहुंचने के बाद ये सभी मुकरमपुरा और हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के इलाकों में एक स्थानीय मदरसे या मस्जिद में रुके।

उन्होंने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें चिकित्सा प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कहा और उन्हें स्थानीय अस्पताल में भेज दिया।

एक साथ 7 व्यक्तियों के कोरोना पॉज़िटिव पाये जाने के बाद राज्य सरकार को एक स्पेशल बुलेटिन निकालना पपड़ा। तेलंगाना सरकार ने तुरंत जांच शुरू कर दिया और जिन इलाकों में ये इंडोनेशिया से आए लोग गए थे उधर जांच आरंभ कर दी गयी है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने गुरुवार को राज्य में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जाने वाले उपायों पर चर्चा करने के लिए एक उच्च स्तरीय आपातकालीन बैठक बुलाने का फैसला किया। तेलंगाना के सीएमओ ने कहा कि सभी जिला कलेक्टरों, पुलिस आयुक्तों, एसपी को प्रगति भवन में बैठक में शामिल होंगे।

तेलंगाना सीएमओ ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को सतर्क रहने का आग्रह किया है। उन्होंने आगे कहा गया है कि विदेश से आने वाले सभी लोगों को जांच करानी चाहिए। लोगों को भी सतर्क रहना चाहिए और विदेश से आने वालों के बारे में अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे विदेश से आने वाले लोगों को पूरे चेकअप के बाद ही घर जाने दे। मुख्यमंत्री ने लोगों से त्योहारों और समारोहों से दूर रहने का आग्रह किया है।

ऐसा ही कुछ मलेशिया में भी देखने को मिला था जहां 27 फरवरी से एक मार्च तक कुआलालंपुर में स्थित एक मस्जिद में इस्लामिक मूवमेंट तबलीगी जमात ने एओक इवेंट कराया था, इसकी जड़ें सदियों पहले भारत से जुड़ी थीं। इस इवेंट में 16 हजार लोग शामिल हुए थे, जिसमें 1,500 लोग विदेशी थे। इस मस्जिद में आए लोगों के कारण दक्षिण-पूर्वी एशिया में कोरोना वायरस का संक्रमण व्यापक पैमाने पर फैला है। 

यह सोचने वाली बात है कि इंडोनेशिया से इस्लाम धर्म के लिए आए संक्रमित लोग मलेशिया  के बाद भारत में आकर ऐसे ही बिना जांच के घूम रहे हैं और अन्य लोगों में भी यह संक्रमण फैला रहे हैं। ऐसे लोगों पर राज्य सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। अगर वे पॉज़िटिव पाये गए हैं तो इसका स्पष्ट मतलब यह कि वे इंडोनेशिया में ही संक्रमित हो चुके थे तथा वहाँ भी उन्होंने संक्रमण फैलाया होगा। इन विपदा के समय में इस वायरस को लिए घूमने वाले लोग किसी अपराधी से कम नहीं है। इसीलिए ऐसे लोगों को तुरंत आइसोलेट कर इन्हें quarantine करना चाहिए।

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