‘लॉकडाउन अभी आगे भी रहेगी’ The Print ने फेक न्यूज फैलाई, PIB ने पोल खोला, अब लोग गाली दे रहे

फेक न्यूज फैलाओ, लोगों को दहशत में डालो, द प्रिंट और शेखर गुप्ता का यही काम है

फेक न्यूज़ और द प्रिंट का पुराना नाता रहा है। कोरोना जैसी विपदा के समय में भी ये फेक न्यूज़ फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अभी जब देश में लॉकडाउन चल रहा है और लोग थोड़े परेशान हैं, तब द प्रिंट ने सोमवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित करते हुए यह दावा किया कि मोदी सरकार कोरोना वायरस लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद भी कुछ हफ्तों के लिए बढ़ा सकती है।

अब यह सोचने वाली बात है कि क्यों ऐसे समय में लोगों में डर पैदा करने के लिए प्रिंट ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट को सरकार ने सिरे से नकार दिया। प्रसार भारती ने तो इसे फेक न्यूज़ कहकर ट्वीट किया तो इसके बाद द प्रिंट ने तुरंत अपने इस रिपोर्ट को डिलीट कर दिया।

‘Modi govt could extent coronavirus lockdown by a week a migrant exodus triggers alarm’ शीर्षक की ‘एक्सक्लूसिव’ रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली NCR से श्रमिकों के पलायन संकट के कारण लॉकडाउन को एक हफ्ते बढ़ाया जा सकता है।

इसके बाद प्रसार भारती ने ट्वीट कर बताया कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने मीडिया में आ रही उन खबरों का खंडन किया है जिनमें दावा किया जा रहा है कि लॉक डाउन को आगे बढ़ा सकती है।

पीआईबी ने कहा, ‘मीडिया में आ रही खबरें और कुछ अफवाहों में दावा किया जा रहा है कि सरकार 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि खत्म होने के बाद इसे और बढ़ा सकती है। कैबिनेट सचिव ने इन खबरों से इनकार किया और कहा कि ये निराधार है।

कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने भी स्पष्ट करते हुए कहा कि लॉकडाउन बढ़ाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि केंद्र सरकार के पास अभी ऐसी कोई योजना नहीं है। ऐसी खबरों को देखकर हैरानी होती है। सरकार की अभी लॉकडाउन बढ़ाने की कोई योजना ही नहीं है।

इसी तरह The Print कुछ दिनों पहले वित मंत्री निर्मला सीतारमण के कथन को लेकर एक फेक न्यूज़ फैलाई थी। लेख को ट्विटर पर शेयर किया गया था जिसका टाइटल था ‘क्यों निर्मला सीतारमण बॉम्बे के लोगों को नहीं समझती हैं’

इस रिपोर्ट के झूठ का पर्दाफाश किसी और ने नहीं बल्कि स्वयं वित्त मंत्री ने किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘क्या ये parody है? इस रिपोर्ट में लिखा गया बयान मेरा नहीं है’। जब वित्त मंत्री ने इस पर खुद जवाब दिया तो The Print ने तुरंत माफ़ी भी मांग ली अब विश्वसनीयता का सवाल था तो माफ़ी मांगनी ही थी।

परन्तु ये सोचने वाली बात है कि यदि निर्मला सीतारमण की निगाहें इस न्यूज़ पर न जाती तो ये मुंबई के लोगों के दिमाग पर क्या प्रभाव डालता? अक्सर यह देखा जाता है कि इस तरह किसी के भी बयान को तोड़-मरोड़ कर फेक न्यूज़ फैलाया जाता है। ऐसे में आंख मूंदकर किसी भी मीडिया पोर्टल पर भरोसा करने से पहले एक बार खबर की जांच अवश्य कर लें।

खैर,  The Print इससे पहले भी रक्षा मंत्री के बयान को भी गलत तरीके से पेश किया था। उस दौरान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ही थी। उस दौरान The Print के लिए column लिखने वाले Lt. Gen H S Panag ने निर्मला सीतारमण के स्टेटमेंट को गलत तरीके से लिखा था।

वैसे The Print और उसके संस्थापक शेखर गुप्ता का फेक न्यूज़ से नाता कोई नया नहीं है। हर मुद्दे पर वे फेक न्यूज़ फैलाकर लोगों को भ्रमित करने का काम करते हैं। अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ये देश की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी फेक न्यूज़ फैलाने से गुरेज नहीं करते।

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