दंगों के बाद अब Corona के खिलाफ भी योगी का दिखा विकराल रूप, कोरोना फैलाने वालों की खैर नहीं

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एक ओर जहां देशभर में घातक वुहान वायरस से निपटने में कई राज्य थिएटर से लेकर स्कूल कॉलेज बंद करने पर तुले हुए हैं, उधर योगी सरकार उनसे दो कदम आगे बढ़कर जांच में सहयोग करने से मना करने वालों के विरुद्ध सख्त प्रावधानों को लागू करने के लिए कमर कस चुकी है।

दरअसल, लखनऊ के जिलाधिकारी ने यह निर्णय लिया है कि जो भी संदिग्ध व्यक्ति वुहान वायरस से संबन्धित जांच में प्रशासन का सहयोग करने से मना करेगा, उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने से सरकार तनिक भी नहीं पीछे हटेगी।

ज़ी न्यूज़ के क्षेत्रीय सूत्रों के अनुसार, “जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना [वुहान] वायरस का कोई भी संदिग्ध रोगी या उसके संपर्क वाला व्यक्ति अगर जांच नहीं करवाता है और जांच करने के लिए पहुंची टीम का सहयोग नहीं करता है, तो इसे बाधा डालकर माहौल खराब करने का आरोपी मानते हुए आईपीसी की धारा 188 के तहत संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इसके तहत छह माह तक की कैद, एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है”।

बता दें की चीन के वुहान शहर में उत्पन्न घातक वुहान वायरस के कारण दुनिया भर में हाहाकार मचा हुआ है। अब तक डेढ़ लाख से ज़्यादा लोग विश्व भर में संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें से 1 लाख से ज़्यादा मामले तो केवल चीन, इटली, स्पेन और ईरान में पाये गए हैं। इसके अलावा इस घातक बीमारी से 5300 से ज़्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है। भारत भी इस बीमारी से अछूता नहीं है, और अब तक कुल 105 से ज़्यादा लोग इस केस से संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 11 लोग ठीक हो गए हैं, जबकि 2 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है।

परंतु कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो बचाव कार्य में बाधा डालने से भी नहीं हिचकिचाते। एक quarantine facility में रह रहे इतालवी पर्यटक पांच सितारा होटल जैसी सुविधाएं मांगने लगा, तो वहीं बेंगलुरु से एक महिला अपने पति के वुहान वायरस से संक्रमित होते ही self isolation में जाने से मना कर दिया और पहले वे दिल्ली भाग आई, और उसके बाद उसने आगरा में स्थित अपने निवास के लिए ट्रेन भी पकड़ी। ऐसी लापरवाही के कारण कितने लोगों को कोरोनवायरस की बीमारी हो सकती है, इसका अभी कोई अंदाज़ा नहीं है। ऐसे ही लोगों से निपटने के लिए योगी सरकार ने Epidemic Act के प्रावधानों को उपयोग में लाते हुए वुहान वायरस से निपटने में सहयोग न करने वाले लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई का ऐलान भी किया है।

यही नहीं, कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए ‘रेपिड रेस्पॉन्स टीम’ के गठन के आदेश दिए हैं। रिस्पांस टीम में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर निगम के अधिकारी तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों को शामिल किया गया है। उदाहरण के लिए लखनऊ शहर को 8 जोनों में बांटा गया है, और हर जोन के लिए एक विशेष टीम गठित की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए अलग से टीम का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं, और हर जोन में एक लिंक अस्पताल को चिन्हित किया जाएगा।

हालांकि अन्य देशों के मुक़ाबले भारत काफी सतर्क है, और इसीलिए वे कोरोना वायरस को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। परंतु योगी सरकार द्वारा यह पहला ऐसा निर्णय नहीं है। वुहान वायरस के अलावा सीएए विरोध के नाम पर फैले उपद्रव को काबू में करने में योगी सरकार ने काफी सराहनीय कदम लिए हैं।

एक ओर जहां पुलिस को अपराधियों से निपटने के लिए खुली छूट दे दी गई है, तो वहीं अपराधियों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उन्हीं की सम्पत्तियों से भरपाई करने का आदेश भी पारित किया गया। सच कहें तो योगी सरकार ने पूरे देश के लिए एक आदर्श उदाहरण पेश किया है, और आशा करते हैं की वे आगे भी देश को सुशासन के क्षेत्र में ऐसे ही राह दिखाए।

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