कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्वागत समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि रावण की लंका जलाने के लिए विभीषण की जरूरत होती है। इस दौरान शिवराज ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने राज्य में आतंक मचा कर रख दिया है। अगर वह ठीक से शासन करते तो हमें सड़कों पर नहीं उतरना पड़ता।
सिंधिया जी के साथ मिलकर कमलनाथ के आतंक की लंका जलाएंगे
चौहान ने आगे कहा कि आज हम संकल्प लेते हैं कि कमलनाथ सरकार की पाप, अत्याचार, भ्रष्टाचार और आतंक की लंका जलाकर राख कर देंगे। हालांकि लंका जब भी जलानी होती है तो उसमें विभीषण की आवश्यकता पड़ती है और मेरे भाई और सिंधियाजी हमारे साथ हैं, हम मिलकर रावण की लंका जलाएंगे।
शिवराज के इस बयान पर कांग्रेस ने तंज कसा है।
शिवराज ने भाजपा के प्रदेश दफ्तर में आयोजित समारोह में कहा, रावण की लंका को पूरी तरह जलाने के लिए विभीषण की तो जरूरत होती है। मेरे भाई और अब तो सिंधिया जी हमारे साथ हैं। मिलकर लड़ेंगे भी और इनको धाराशायी भी करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद सलूजा ने शिवराज के बयान को लेकर एक ट्वीट कर सिंधिया पर कटाक्ष किया। उन्होंने लिखा, इससे बड़ा अपमान किसी का नहीं हो सकता। भाजपा में प्रवेश से पहले शिवराज गद्दार कहते थे और प्रवेश के बाद विभीषण।
आज सम्मान की परिभाषा भी अलग है,
लोग विभीषण कहलाकर मुस्कुरा रहे हैं।— MP Congress (@INCMP) March 12, 2020
बता दें कि कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के बाद पहली बार भोपाल पहुंचे राज्यसभा प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद को भाजपा के हवाले करने का ऐलान करते हुए इशारों में कहा कि कमल नाथ सरकार जाने वाली है।
भाजपा से तो हमारा पारिवारिक नाता है
भाजपा के प्रदेश कार्यालय में गर्मजोशी के साथ हुए स्वागत से गदगद सिंधिया ने भाजपा की रीति-नीति के साथ अपने पारिवारिक रिश्तों का हवाला दिया। उन्होंने कमल नाथ सरकार पर संकट होने का इशारा किया और कहा, किसी दल के अंदर रहकर आलोचना करना मुश्किल होता है। लेकिन मैं सिंधिया परिवार का खून हूं। जो सही है, उसे सही बोलता हूं। 1968 में मेरी दादी को ललकारा था, तब संविद सरकार का क्या हुआ सब जानते हैं। 1990 में मेरे पिताजी के ऊपर झूठे हवाला कांड के आरोप लगाए और जब मैंने अतिथि विद्वानों, किसानों की बात उठाते हुए सड़क पर उतरने की बात कही तो मुझे कहा कि उतरना है तो उतरो। सिंधिया परिवार को जब ललकारा जाता है तो परिणाम अलग होते हैं।
जिस पार्टी को 20 साल दिया उसे छोड़कर आप लोगों के पास आया हूं
सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व अध्यक्ष व गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के मुखिया जे.पी. नड्डा के प्रति आभार जताया। वहीं कांग्रेस को याद करते हुए भावुक हो गए और कहा, जिस संगठन में मैंने 20 साल बिताए, कड़ी मेहनत, लगन, संकल्प और पसीने की एक-एक बूंद बहाई। उस पार्टी को छोड़कर आज खुद को आपके हवाले कर रहा हूं।
कुर्सी महत्वपूर्ण नहीं, सम्मान महत्वपूर्ण है
सिंधिया ने आगे कहा, चाहे स्व़ अटलजी हों, या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या सिंधिया परिवार की मेरी दादी विजयाराजे सिंधिया, मेरे पिताजी स्व़ माधवराव सिंधिया हों, सभी का लक्ष्य जनसेवा रहा है और सिंधिया परिवार का मुखिया होने के नाते मेरा लक्ष्य भी जनसेवा है। हमारे लिए कुर्सी और पद महत्वपूर्ण नहीं होता। हमारे लिए महत्वपूर्ण सम्मान, पहचान और आपके हृदय में स्थान पाना है।
सिंधिया और शिवराज एक हैं- सिंधिया
इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि तब दल अलग थे, विचार अलग थे, पक्ष और विपक्ष का सवाल था। फिर भी हमारे बीच मनभेद नहीं थे। विपक्ष में बैठकर भी शिवराज जैसा समर्पित नेता और जनता का सेवक शायद ही मध्य प्रदेश में कोई होगा। सिंधिया ने आगे कहा- कई लोग कहेंगे कि सिंधिया जी ये बात आज आप कह रहे हैं। पहले भी कई बार जब हम साथ होते थे तो मैंने कहा था, प्रदेश में दो नेता हैं जो अपनी गाड़ी में एसी नहीं चलाते। वो सिंधिया और शिवराज ही हैं।
सिंधिया जब से भाजपा में आए हैं कांग्रेसी सो नहीं पाए हैं- शिवराज
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब से भाजपा में आए हैं, कांग्रेसी सो नहीं पाए हैं। भाजपा के लिए सत्ता सेवा का माध्यम है। प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विश्णुदत्त शर्मा ने सिंधिया का स्वागत करते हुए कहा, सिंधिया ने हिम्मत करके जो निर्णय लिया है, वह स्वागत योग्य है।
Input-IANS