कोरोना से चीन में 40 हज़ार लोग मरे, ये बात हम नहीं खुद वुहान के मुर्दे बोल रहे हैं

आपने अब तक सिर्फ खबरें देखीं, वुहान के शमशान घाट देखे क्या?

वायरस

PC: Shanghaiist

चीन के वुहान शहर से निकला वुहान वायरस अब पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है। इस वायरस के 6 लाख से अधिक पॉज़िटिव केस और 27 हजार से अधिक मौते हो चुकी हैं। अब ऐसी खबर आर ही है कि चीन ने इस वायरस पर नियंत्रण कर लिया है। चीन में इस वायरस से मरने वालों की संख्या 3000 से कुछ अधिक बताई जा रही थी। कोई माने या न माने चीन तो यही कह रहा है। लेकिन अब जब वुहान शहर खुला और मरने वालों के परिजन अस्थियाँ लेने पहुंचे तो नजारा कुछ और ही था। चीन जिस बात को छिपा रहा था, अब वही बात सामने आने लगी है। एक रिपोर्ट के अनुसार अनुमानित मृत्यु से कई गुना अधिक अस्थियां मृतकों के परिजनों को सौंपे गए हैं।

अस्थियों को लेने के लिए लोगों को 5-5 घंटे तक इंतज़ार करना पड़ा तब जाकर उन्हें उनके मृत परिजनों के शव की अस्थियाँ मिलीं।

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद चीन दोबारा संदेह के घेरे में आ गया है।

दरअसल, 27 मार्च को आधिकारिक चीनी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बीमारी से 2,535 मरने के अलावा 50,006 लोग वुहान में Covid-19 वायरस से संक्रमित थे। हालांकि, चीन की एक आउटलेट Caixin की रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं। इस हफ्ते हुबेई राजधानी में शवगृहों को वापस खोला गया, तो महामारी के दौरान खोए हुए अपने प्रियजनों के अवशेष प्राप्त करने के लिए लोगों को पांच घंटे तक लाइन में इंतजार करना पड़ा। Caixin द्वारा प्रकाशित एक तस्वीर में दिखाया गया है कि Hankou शवगृह में 2,500 कलशों से भरा एक ट्रक आया। इस रिपोर्ट के अनुसार ड्राइवर ने बताया कि उसने एक दिन पहले ही इस शवगृह में इतनी ही अस्थियों को पहुंचाया था। एक अन्य तस्वीर में शवगृह के अंदर कलशों के ढेर दिखाई दे रहे हैं। वहाँ पर सात stack थे और प्रत्येक stack में 500 कलश मौजूद थे। अगर हम इसे जोड़ें तो यह आंकड़ा 3,500 पहुंचेगा। इस तरह से यह आंकड़ा चीन के आधिकारिक आंकड़ों से कहीं अधिक है।

कहा जा रहा है कि 4 अप्रैल तक शवगृह में प्रतिदिन 500 की दर से अस्थियां वितरित की जायेंगी। वुहान शहर में ऐसे ही सात अन्य शव गृह हैं। यदि वे सभी एक ही कार्यक्रम से चलेंगे तब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 10 दिनों में 40,000 से अधिक अस्थियों को वितरित किया जाएगा। जो कि चीन की सरकारी आंकड़ा से कई गुना अधिक है।

जब ब्लूमबर्ग के पत्रकारों ने इन शवगृहों को कॉल किया तब उन्होंने कहा कि उनके पास या तो वह डेटा नहीं था या वे इसका खुलासा करने के लिए अधिकृत नहीं थे।

इससे स्पष्ट पता चलता है चीन दुनिया से कई सच छुपा रहा है। दुनिया भर के अन्य देशों में जो हो रहा है उसे देखते हुए, अब चीन में कोरोना से मरने वालों की संख्या और भी संदिग्ध हो गयी है। अमेरिका ने हाल ही में रिपोर्ट किए गए कोरोनावायरस मामलों में चीन को पीछे छोड़ दिया है जबकि इटली और स्पेन दोनों में अधिक मौतें हुई हैं।

कुछ दिनों पहले ही यह बात सामने आई है कि चीन में मोबाइल यूजर्स की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। लोगों ने दावा किया है कि चीन में बीते तीन माह में 2.1 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स कम हो गए। न्यूयॉर्क में रहने वाली चीनी ब्लॉगर जेनिफर जेंग ने मोबाइल यूजर्स को लेकर बीते 19 मार्च को जारी हुए चीन के सरकारी मासिक डाटा को सोशल मीडिया में पोस्ट किया था।

इससे यह बात तो स्पष्ट होती है कि चीन अपने देश में कोरोना के व्यापक असर को छिपाने के लिए कई चालें चल रहा है। ये सवाल उठता है कि क्या चीन फिर से कुछ छिपा रहा है? क्या चीन में कोरोना वायरस ने लाखों लोगों की जान ले ली है जिसे चीन दुनिया के सामने नहीं बताना चाहता है? जो भी हो, सच तो एक दिन सामने आ ही जाएगा।

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