फेक न्यूज़ फैलाने में सबसे आगे रहने वाला एनडीटीवी एक बार फिर से सुर्खियों में है, और इस बार भी गलत कारणों से। एक ओर जहां अपने पिस्तौल से शाहरुख पठान उर्फ मोहम्मद शाहरुख आठ राउंड फायर करता हुआ पकड़ा गया और आम आदमी पार्टी का पार्षद ताहिर हुसैन को पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे भड़काने और आईबी अफसर अंकित शर्मा की जघन्य हत्या के संबंध में पकड़ा गया है, अब इन्हें बचाने के लिए वामपंथी चैनल भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर ही पूरा दोष मढ़ना चाहते हैं। इसी सिलसिले में चैनल ने एक बार फिर सिद्ध किया कि वे पत्रकारिता की दुनिया में हंसी का पात्र क्यों बना हुआ है।
एनडीटीवी पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने संजय गुप्ता नाम के एक व्यक्ति का इंटरव्यू लिया था, जो एनडीटीवी के अनुसार कपिल मिश्रा का मकान मालिक हुआ करता था। ‘ऑन रिऐलिटी चेक’ नामक इस शो पर एनडीटीवी के पत्रकार के साथ इस साक्षात्कार की माने, तो कपिल मिश्रा के भाषण के बाद ही पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे भड़के थे –
Watch @OnReality_Check | "Violence started after Kapil Mishra's speech," says Sanjay Gupta, Mishra's landlord.#Delhi #DelhiViolence pic.twitter.com/aZD0cvu9cB
— NDTV (@ndtv) March 6, 2020
परंतु इस झूठ का पर्दाफाश करने में ज़्यादा समय भी नहीं लगा, और सोशल मीडिया के कुछ यूजर्स ने जल्द ही श्रीनिवासन जैन के झूठे कवरेज की पोल खोल दी। स्वयं कपिल मिश्रा ने मोर्चा संभालते हुए ट्वीट किया, “प्रिय एनडीटीवी, अब तो फेक न्यूज़ दिखाना बंद करो। सड़क से किसी ऐरे गैरे नत्थू खैरे को उठाकर मेरा मकान मालिक दिखा रहे हो? ये आदमी तो कभी मेरा मकान मालिक रहा ही नही”। परंतु कपिल मिश्रा वहीं पर नहीं रुके। उन्होंने एनडीटीवी पर तंज़ कसते हुए कहा, “शाहरुख को अनुराग बताने वाले Fake News Channel का एक और सफेद झूठ।”
Dear @ndtv – STOP showing fake news against me
NDTV picked a random guy from road and showing him as my landlord
This guy is not my landlord.
It's a fake news.
शाहरुख को अनुराग बताने वाले Fake News Channel का एक और सफेद झूठ https://t.co/T3mlpS5fna
— Kapil Mishra (Modi Ka Pariwar) (@KapilMishra_IND) March 7, 2020
कपिल मिश्रा के समर्थन में आए कई यूजर्स ने एनडीटीवी को उसके पक्षपाती कवरेज के लिए जमकर लताड़ा। एक यूजर ने ताहिर हुसैन की फोटो लगाते हुए कहा, “एनडीटीवी के दलालों, इस आतंकवादी के बारे में बात नहीं करोगे” –
https://twitter.com/abhibansal1979/status/1236115410644131841?s=20
वहीं दूसरे यूजर ने एनडीटीवी की पत्रकारिता पर तंज़ कसते हुए लिखा, “ओ..हो… अब तो एनडीटीवी वालों को युनाइटेड नेशंस में पहुंच जाना चाहिए। भीम आर्मी वाले “विश्व बंद” का ऐलान कर देना चाहिए” –
https://twitter.com/ArvindCAA/status/1236197928915496961?s=20
फलस्वरूप एनडीटीवी को स्पष्टीकरण जारी करते हुए ट्वीट करना पड़ा, “संजय गुप्ता ने एनडीटीवी को यह भरोसा दिलाया था कि वो कपिल मिश्रा का मकान मालिक था। पर क्रॉस चेकिंग करने पर पता चला कि वो कपिल मिश्रा के मकान मालिक नहीं है, बल्कि उनका ब्रोकर था, जिसने 2 प्रॉपर्टी डीलिंग्स में कपिल मिश्रा के साथ हिस्सा लिया था।” –
Clarification: Sanjay Gupta gave NDTV the impression he was Kapil Mishra's landlord. On crosschecking, it appears that he's not the landlord, but acted as a broker/witness for Mr Mishra in at least 2 property dealings. Here are screenshots of his signature, alongside Mr Mishra's. pic.twitter.com/rjQ9ZmcTJo
— NDTV (@ndtv) March 7, 2020
अब इतना बेतुका स्पष्टीकरण केवल एनडीटीवी ही दे सकता है। इसी पर तंज़ कसते हुए अजित दत्ता नामक ट्विटर यूजर ने पोस्ट किया, “बहुत सही। एनडीटीवी ने एक व्यक्ति के साथ पहले पूरी स्टोरी की, जिसमें वो कपिल मिश्रा के मकान मालिक होने का दावा कर रहा था, और जब वो झूठा निकला, तो उस व्यक्ति को बलि का बकरा बना दिया। आखिर एनडीटीवी चला क्या रहा है? मीडिया चैनल या फिर व्हाट्सएप ग्रुप?” –
NDTV did an entire story with a guy who claimed to be Kapil Mishra's landlord, but wasn't. The channel is now trying to blame the guy, saying he "gave them the impression". What are these dumfuqs running, a media outlet or a WhatsApp group?
— Ajit Datta (@ajitdatta) March 7, 2020
परंतु यह पहली बार नहीं है जब श्रीनिवासन जैन इतनी बेशर्मी से झूठ बोलते हुए पकड़े गए हो। जब अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार संबंधी प्रावधानों को निष्क्रिय कर केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने का निर्णय लिया, तो श्रीनिवासन जैन ने इसी प्रकार से फेक न्यूज़ फैलाई थी।
एनडीटीवी के शो ‘Reality Check’ के एक वीडियो क्लिप के अनुसार श्रीनगर से रिपोर्टिंग कर रहे एक पत्रकार ने दावा किया कि कश्मीरी सरकार के फैसले से खुश नहीं है। रिपोर्टर के अनुसार उस बूढ़े व्यक्ति ने कहा, ‘नई दिल्ली कहती है कि सभी जम्मू कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने से खुश हैं। यह कर्फ़्यू हटाके तो देखे, उन्हे पता चल जाएगा कि कौन कितना खुश है’।
वीडियो को अगर ध्यान से देखें तो पाएंगे कि इस पूरे वीडियो में उस बूढ़े व्यक्ति का कहीं उल्लेख ही नहीं था। ‘रिऐलिटी चेक’ नामक इस शो में पूरे समय एनडीटीवी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में प्रोपगैंडा फैलाता है। स्वयं श्रीनिवासन जैन ने इस शो की शुरुआत काल्पनिक चरित्रों द्वारा कश्मीर में कथित रूप से व्याप्त भय के माहौल को दर्शाकर घाटी में स्थिति को बिगाड़ने का बेहद घटिया प्रयास किया था। इसी वीडियो को पाकिस्तान में सत्तारूढ़ पार्टी, तहरीक ए इंसाफ ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया, जो स्पष्ट करता है कि एनडीटीवी की वास्तविक वफादारी किस तरफ है।
For all those in New Delhi living in the delusion that Kashmir is happy over the scrapping of Article 370, union of J&K territory, an old Kashmiri has a msg:
“Lift the curfew for a day and we’ll let them know how happy we [Kashmiris] are”.
Can Modi do that?#SaveKashmirFromModi pic.twitter.com/qJZZpTcmN7— PTI (@PTIofficial) August 8, 2019
इतना ही नहीं, सीएए विरोध के दौरान जब पाकिस्तान में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने सिखों के पवित्र ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर पत्थरबाजी करते हुए उसे तोड़ने का नारा लगाया, तो श्रीनिवासन जैन को वहाँ पर केवल अपना प्रोपगैंडा दिखाई दिया। इस विषय पर कवरेज करते हुए एनडीटीवी के पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने अपनी चिंता जाहिर की और ट्वीट कर कहा, “यह निस्संदेह बहुत बुरी खबर है, पर मैं आशा करता हूं कि इससे सीएए के समर्थन में फैलाए जा रहा प्रोपेगेंडा को फ़ायदा न मिले। वैसे भी सीएए का कट ऑफ 2014 तक ही सीमित है, और इससे पाकिस्तान में उपस्थित अल्पसंख्यकों या फिर अन्य देशों के ऐसे लोगों को कोई खास फ़ायदा नहीं पहुंचेगा” –
Terrible news. Let’s hope it’s not used for pro-CAA propaganda. The CAA cutoff is 2014, and so of little use to minorities presently in Pakistan or the other notified countries. https://t.co/ZGhbvg9xNF
— Sreenivasan Jain (@SreenivasanJain) January 4, 2020
एनडीटीवी को ऐसा क्यों लगता है कि उसे फेक न्यूज़ फैलाने का अधिकार मिला है, और कोई उसका बाल भी बांका नहीं कर सकता? एनडीटीवी ने जिस तरह से कपिल मिश्रा को बदनाम करने का घटिया प्रयास किया है, उससे उनकी फेक न्यूज़ फ़ैक्टरी की छवि और मजबूत हो जाती है, जो बचकाने बहानों और स्पष्टीकरणों से नहीं मिटने वाली।