नई सरकार आते ही मलेशिया के सांसद भारत से रिश्ते सुधारने की बात कर रहे हैं

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मलेशिया से 94 वर्ष की उम्र के महातिर मोहम्मद की सरकार जाते ही अब दोबारा भारत और मलेशिया के अधिकारियों से दोनों देशों के सम्बन्धों को सुधारने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। मलेशिया में पिछले महीने 23 तारीख को मुहयुद्दीन यासीन की सरकार बनी थी, और ठीक उसी दिन से दोनों ओर से अधिकारियों ने आपसी सम्बन्धों को दुरुस्त करने पर काम करना शुरू कर दिया है।

महातिर मोहम्मद ने कश्मीर और CAA जैसे आंतरिक मुद्दों पर सार्वजनिक मंचों से भारत की आलोचना की थी, जिसके बाद से ही भारत और मलेशिया के संबंध खटाई में पड़ गए थे। भारत ने इसके बाद मलेशिया से आयात होने वाले पाम ऑयल पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब नई सरकार में संभवतः कैबिनेट पद ग्रहण करने वाले एक सांसद वी का सियोंग ने उम्मीद जताई है कि बातचीत के बाद भारत इस प्रतिबंध को हटा सकता है।

वी का सियोंग के मुताबिक “क्या हम इसपर बातचीत नहीं कर सकते हैं? आखिर यहां हमारे देश और देशवासियों का सवाल है। चूंकि अब नई सरकार बन गयी है, तो हमारे नए प्रधानमंत्री इस ओर जरूर ध्यान देंगे, और भारत के साथ अपनी दोस्ती को मजबूत करेंगे”।

इससे साफ है कि मलेशिया के नए PM मुहयुद्दीन यासीन किसी भी हाल में महातिर मोहम्म्द द्वारा की गई गलतियों को नहीं दोहराएंगे और भारत के साथ अपने रिश्तों को प्राथमिकता देंगे। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय अधिकारियों ने भी मलेशिया को यह साफ कर दिया है कि अगर मलेशिया भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा, तो ही भारत उसके साथ अच्छे संबंध बनाएगा।

मुहयुद्दीन वैसे भी भारत के साथ अच्छे रिश्ते रखने के पक्षधर रहे हैं और वे ज़ाकिर नाईक के मामले पर भी भारत का ही समर्थन कर चुके हैं। पिछले वर्ष अगस्त में जब ज़ाकिर ने मलेशिया के हिंदुओं को निशाने पर लेते हुए उनकी वफादारी पर शक किया था, तो यासीन ने उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाया था। ज़ाकिर ने तब कहा था कि मलेशिया के हिन्दू मलेशिया से ज़्यादा पीएम मोदी के वफादार हैं। उसके बाद यासीन ने ज़ाकिर को चेतावनी देते हुए कहा था-

कानून से ऊपर कोई नहीं है, डॉक्टर जाकिर नाइक भी नहीं। उसके बाद ज़ाकिर नाईक पर कार्रवाई करते हुए उनके सार्वजनिक भाषणों पर रोक लगा दी गयी थी।

मुहयुद्दीन के पास ज़ाकिर नाइक को भारत को सौंपने के रूप में भारत के साथ संबंध सुधारने का एक अच्छा मौका उपलब्ध है। इसी के साथ मुहयुद्दीन बिना वजह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करके भी नई दिल्ली के साथ दोस्ती मजबूत कर सकते हैं।

मलेशिया के पूर्व PM महातिर ने जहां एक ओर कश्मीर के मुद्दे को UN आम सभा में उठाया था, तो वहीं गलत बयानबाजी करते हुए उन्होंने CAA को मुस्लिम विरोधी बताया था। इसके बाद मलेशिया की पाम ऑयल इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। नीचे दिए हुए ग्राफ से आप समझ सकते हैं कि वर्ष 2019 के आखिर में भारत ने मलेशिया से पहले के मुक़ाबले बेहद ही कम मात्रा में पाम ऑइल का इम्पोर्ट किया था, और इसी दौरान भारत ने इन्डोनेशिया से पाम ऑइल का इम्पोर्ट बढ़ा दिया।

अब मुहयुद्दीन कभी नहीं चाहेंगे कि भारत का मलेशिया के पाम ऑयल पर लागू प्रभावी प्रतिबंध ऐसे ही जारी रहे, ऐसे में वे भारत के साथ अपने रिश्ते सुधारने को बेशक प्राथमिकता देंगे। सांसद वी का सियोंग भी इस ओर इशारा कर चुके हैं। अब इस बात की उम्मीद जताई जा सकती है कि मलेशिया और भारत के रिश्ते दोबारा बेहतरी की ओर रुख मोड़ सकते हैं।

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