तमाम कानूनी दांव-पेचों के बाद आखिरकार गुरुवार को तय हो गया कि निर्भया के हत्यारे शुक्रवार (20 मार्च 2020) को ही तड़के करीब साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। इसके बाद उन्हें कुछ देर तक फंदे पर ही लटके हुए छोड़ दिया। डॉक्टरों ने सभी दोषियों की नब्ज देखकर व अन्य जरूरी जांच करके उनकी मौत की पुष्टि की है।
Delhi: People, including women rights activist Yogita Bhayana celebrate & distribute sweets outside Tihar jail where four 2012 Delhi gang-rape case convicts were hanged at 5:30 am today. https://t.co/UzgNQgeGoV pic.twitter.com/ffS56YpFt9
— ANI (@ANI) March 20, 2020
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने आईएएनएस को बताया, डॉक्टरों ने निर्भया के सभी चारों दोषियों की मौत की पुष्टि कर दी है। दीनदयाल अस्पताल में चारों शवों का पोस्टमार्टम होगा, जिसके बाद उनके परिजनों को सौंपा जाएगा। सभी ने इस न्याय पर खुशी जाहिर की है जेल के बाहर जुटे लोगों ने तो मिठाईयां भी बांटी।
निर्भया के पिता ने दोषियों को मिली मोत की सजा पर कहा कि ‘न्याय के लिए हमारा इंतजार बेहद पीड़ादायी था। हम अपील करते हैं कि आज का दिन निर्भया ‘न्याय दिवस’ के तौर पर मनाया जाए’। वहीं, निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, ‘हमारी बेटी इस दुनिया में नहीं है और नहीं वापस लौटेगी। हमने उसके जाने के बाद यह लड़ाई शुरू की, यह संघर्ष उसके लिए था लेकिन हम अपनी और बेटियों के लिए यह लड़ाई जारी रखेंगे। मैंने अपनी बेटी की तस्वीर गले से लगाई और कहा- आखिरकार तुम्हें इंसाफ मिल गया।’
#WATCH Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang rape victim says, "As soon as I returned from Supreme Court, I hugged the picture of my daughter and said today you got justice". pic.twitter.com/OKXnS3iwLr
— ANI (@ANI) March 20, 2020
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दोषियों को फांसी पर लटकाने वाले जल्लाद पवन ने फांसी दिए जाने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन का धन्यवाद दिया। इसके बाद उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच मेरठ के लिए रवाना कर दिया गया है।
फांसी के वक्त से लेकर इससे करीब 36 घंटे पहले ही तिहाड़ जेल के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी काम में लगे हुए थे। दरअसल, अधिकारी कहीं भी कोई छोटी सी चूक न हो जाए, इसकी कोई भी गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहते थे। यही वजह है कि तिहाड़ जेल के महानिदेशक (डीजी) संदीप गोयल के साथ ही एडिशनल इंस्पेक्टर जनरल राजकुमार और जेल नंबर-3 के सुपरिटेंडेंट सुनील बुधवार की सुबह से ही जेल से बाहर नहीं गए। ये तमाम आला अधिकारी निर्भया के गुनगहारों को फांसी देने की तैयारियों में जुटे रहे।
राष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर 2012 को 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के चार दोषियों विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह और पवन गुप्ता को शुक्रवार की सुबह निर्धारित समय 5:30 बजे फांसी की सजा दे दी गई।