‘हर जगह ऑपरेशन लोटस चल रहा है, विधायकों किधर हो,’-सिंधिया के BJP में जाते ही पवार की नींद उड़ी

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मध्य प्रदेश में बड़ी राजनीतिक उठापठक के बाद अब महाराष्ट्र में भी ऐसे ही भूचाल के झटके महसूस किए जाने लगे हैं। दरअसल, कल जैसे ही कांग्रेस के पूर्व नेता सिंधिया ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर BJP का दामन थामा, उधर महाराष्ट्र में भी BJP के सचिव अतुल भटखलकर ने एक ऐसा ट्वीट कर डाला जिससे इस बात के आसार बढ़ गए हैं कि भाजपा ने जो हाल मध्य प्रदेश में कमलनाथ का किया है, अब वही हाल महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और NCP का हो सकता है। कल अतुल भटखलकर ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा “क्या मध्य प्रदेश में आए भूकंप के झटके महाराष्ट्र में महसूस किए जा रहे हैं?”

दरअसल, बुधवार को जब सिंधिया ने दिल्ली में भाजपा जॉइन की, तो ठीक कल शाम को ही शरद पवार ने महाराष्ट्र में भी अपने विधायकों के साथ बैठक की। यह बैठक तब की गयी जब मीडिया में यह खबरें चल रही हैं कि बीजेपी जल्द ही मध्य प्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी ऑपरेशन लोटस को लॉन्च कर सकती है। जिस तरह BJP ने महाराष्ट्र में सिंधिया और कमलनाथ के बीच बढ़ रही दूरियों का फायदा उठाया, उसी तरह BJP महाराष्ट्र में शिवसेना के दुखी विधायकों को अपने साथ करके शिवसेना, कांग्रेस और NCP की सरकार की कुर्सी हिला सकती है।

हालांकि, कल NCP ने साफ किया कि उसने ये बैठक आगामी राज्यसभा के चुनावों के लिए रणनीति बनाने के लिए बुलाई थी, और इसका मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक घमासान से कोई लेना देना नहीं है। इसी तरह शिवसेना के प्रवक्ता संजय राऊत ने भी एक बयान जारी कर ऐसी खबरों को झूठा करार दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा “महराष्ट्र में महा अघाडी सरकार को कोई खतरा नहीं है, और वे मध्य प्रदेश के वायरस को महाराष्ट्र में नहीं आने देंगे। यहां स्थिति अलग है। यहां एक ऑपरेशन 100 दिन पहले ही फ्लॉप हो चुका है”।

बता दें कि जिस तरह मध्य प्रदेश में हमें सिंधिया और कमलनाथ के बीच खींचतान देखने को मिलती थी, ठीक उसी तरह महाराष्ट्र में भी हमें तीनों सत्ताधारी पार्टियों के बीच घमासान देखने को मिलता रहता है। जब महाराष्ट्र में शिवसेना ने NCP और सत्ता की भूखी कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, तब मंत्रिपद बंटवारे के दौरान ही तीनों पार्टियों के बीच घमासान दिखना शुरू हो गया था और कांग्रेस उप-मुख्यमंत्री का पद लेने पर अड़ गयी थी।

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इसके अलावा अभी हाल ही में एल्गार परिषद मामले (भीमा कोरेगांव) में भी हमें NCP और शिवसेना के बीच दरार देखने को मिली थी। जब केंद्र ने इस मामले को NIA को सौंप दिया था, तो बाद में CM ठाकरे ने इस पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की जिससे NCP के नेता शरद पवार नाराज़ हो गए और सार्वजनिक प्रेस कॉन्फेरेंस कर उद्धव ठाकरे को केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ खड़े होने के लिए कहा था।

इसके अलावा CAA का समर्थन करने के मुद्दे पर भी शिवसेना और कांग्रेस एक दूसरे के सामने आ चुके हैं। इन पार्टियों के बीच इस खींचतान को देखकर कहा जा सकता है कि BJP को महाराष्ट्र में अपना ऑपरेशन लॉटस कामयाब करने में ज़्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, और इसीलिए शरद पवार भी अब अपने विधायकों के साथ बैठक करने पर मजबूर हो रहे हैं।

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