तुम काफिर लोग हिंदू हो, हटो यहां से खाना नहीं मिलेगा, पाकिस्तान में कोरोना पीड़ित हिंदुओं से भेदभाव

CAA विरोधियों खुश हो जाओ...क्योंकि हमारे हिंदू भाई-बहन पाकिस्तान में भू्खे हैं.

पाकिस्तान

PC: Gazabhai

कहते हैं विपत्ति सबके वास्तविक स्वरूप दिखा देती है। यूं तो पाकिस्तान को ऐसे किसी पैरामीटर की आवश्यकता नहीं होती, परंतु वुहान वायरस ने सिद्ध कर दिया की कैसे पाकिस्तान में मानवता का नाममात्र निशान भी नहीं है। हाल ही में ये खबर सामने आई है कि सिंध प्रांत के कराची शहर में पाकिस्तानी प्रशासन ने राशन के वितरण के नाम पर हिंदुओं के साथ काफी भेदभाव किया है।

कराची में लोग Rehrri Ghoth पर राशन पाने के लिए कतार में खड़े हो गए। परंतु जब हिंदुओं ने राशन लेने का प्रयास किया, तो उन्हें यह कहकर भगा दिया कि राशन केवल मुसलमानों के लिए है। इसके अलावा Liyari, Sachal Ghoth और कराची के अन्य हिस्सों, यहाँ तक कि पूरे सिंध में इस प्रकार का भेदभाव देखा गया। राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ॰ अमजद आयूब मिर्ज़ा ने बताया कि यह समस्या पूरे सिंध में व्याप्त है, और भारत को बिना विलंब हस्तक्षेप करना चाहिए।

अब बात करें पाकिस्तान तो वुहान वायरस से उसे बिलकुल भी मतलब नहीं है। पाकिस्तान में कुल मामले 1600 का आंकड़ा पार कर चुके हैं, जिसमें एक चौथाई से ज़्यादा मामले तो अकेले सिंध में मिल जाएंगे, पर lockdown की तो बात छोड़िए, मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक सुविधाएं भी नहीं है यहाँ पर। एक ओर यहाँ का प्रधानमंत्री पाकिस्तानी विद्यार्थियों को वुहान से बाहर निकालने की बात पर कहता है कि सब कुछ अल्लाह के भरोसे छोड़ दे, तो वहीं दूसरी ओर वो इसलिए lockdown नहीं करता, क्योंकि उसके लिए Pakistan के लिए कर्जा जुटाना ज़्यादा ज़रूरी है, और उनके अनुसार lockdown करने से लोग भूख से मर जाएंगे।

परंतु Pakistan के पास इतना समय और संसाधन है कि वो अल्पसंख्यकों पर अत्याचार ढाह सकें। हालांकि, यह कोई हैरानी की बात नहीं है। कभी लड़कियों का अपहरण कर उन्हें जबरन इस्लाम में परिवर्तित कराया जाता है, तो कभी ईश निंदा के आरोप के नाम पर अल्पसंख्यकों को सरेआम पीट पीट कर मार दिया जाता है। पाकिस्तान में तो नैतिकता के नाम पर एक ही जवाब आता है, “नैतिकता, वो क्या होती है?”

परंतु यह बात सिर्फ राशन न देने तक सीमित नहीं है। अभी कुछ ही महीनों पहले गुलालई इस्माइल ने Pakistan से बाहर आने के बाद सनसनीखेज खुलासे किए थे जो सुर्खियों में भी आए थे, जहां अल्पसंख्यक समुदायों के हजारों लोगों को आतंकवाद खत्म करने के नाम पर पाकिस्तान में मौत के घाट उतारा जा रहा है। उनके शब्दों में, ‘निर्दोष पश्तूनों को पाकिस्तान में आतंकवाद खत्म करने के नाम पर मारा जा रहा है। हजारों लोगों को Pakistan आर्मी के इंटर्नमेंट सेंटर्स और यातना केन्द्रों में बंद किया गया है।‘ चीनी लोगों को बसाने के इरादे से बलोच लोगों के गांवों को जलाने के पाकिस्तानी इरादे किसी से नहीं छुपे हैं।

गुलालई की माने तो पाकिस्तान में अल्पसंख्यक होना एक अभिशाप तो है ही, और यदि आप एक महिला हो, तो स्थिति आपके लिए और दयनीय हो जाती है। महिलाओं को दिन दहाड़े अगवा कर लिया जाता है और उन्हें ज़बरदस्ती इस्लाम में परिवर्तित कर सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को बेच दिया जाता है।

पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठन ने दावा किया है कि हर वर्ष 1000 से ज़्यादा युवा हिन्दू और ईसाई लड़कियों का अपहरण कर उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है, क्योंकि पाकिस्तानी प्रशासन की कृपा से मियां मिठू जैसे कट्टरपंथियों को ऐसे कुकृत्य करने की खुली छूट मिली है। ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा है, “धार्मिक अल्पसंख्यकों के विरुद्ध किए जा रहे ईश निंदा हिंसा को सरकारी निष्क्रियता के कारण खुली छूट मिली है”।

ऐसे में पाकिस्तान द्वारा सिन्ध् प्रांत में हिंदुओं को राशन देने से मना करना इसी बात का परिचायक है कि उनके लिए दो ही चीज़ मायने रखती है – कट्टरपंथ और कश्मीर। इसके अलावा कोई भी चीज़ Pakistan की प्राथमिकता में कहीं नहीं ठहरते।

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