कोरोना के मरीजों को POK में डंप कर रहा है पाकिस्तान, कश्मीरियों को मारने की बड़ी साजिश, लोग कर रहे विरोध

जो चीन ने हाँग-काँग में किया, वो पाकिस्तान अब PoK में कर रहा है

कश्मीर

PC: Maharashtra Times

कोरोना से पूरा विश्व त्रस्त है लेकिन पाकिस्तान इसमें भी एजेंडा चला रहा है। पाकिस्तान में अभी तक कोरोना के 1000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। पाकिस्तान ने अभी तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए हैं लेकिन, भारत के खिलाफ एजेंडा चलाने के लिए पीड़ित मरीजों को पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर यानि POK में स्थानांतरित कर रहा है। पाकिस्तान POK में वही कर रहा हा जो चीन ने Hong Kong (हॉंग कॉंग) के साथ किया था। इससे गुलाम कश्मीर में रहने वालों पर कोरोना वायरस का खतरा बढ़ गया है।

यूनाइटेड Kashmir पीपुल्स नेशनल पार्टी के निर्वासित अध्यक्ष सरदार शौकत अली कश्मीरी ने पाकिस्तान सरकार के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है।

उल्लेखनीय है कि पंजाब प्रांत के कोरोना पीड़ित लोगों को गुलाम कश्मीर के मीरपुर जिले में भेजा जा रहा है जिससे कि पंजाब के शहरों को कोरोना के संक्रमण से बचाया जा सके। शौकत अली कश्मीरी ने कहा, ‘पाकिस्तान खुद को बचाने के लिए गुलाम कश्मीर को मुश्किल में डाल रहा है। वह कोरोना पीड़ितों को गुलाम Kashmir में भेजकर वहां के मरीजों की संख्या बढ़ाना चाहता है। इसके पीछे उसका एक अन्य मकसद यह भी है कि वह ऐसा करके अंतरराष्ट्रीय सहायता प्राप्त करना चाहता है जिससे उसका फायदा हो सके। यह पाकिस्तान सरकार और वहां की सेना की बड़ी चाल है। राहत की बात यह है कि मीरपुर के लोग पाकिस्तान की इस चाल को समझ गए हैं और वे मरीजों को लाए जाने का विरोध कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा, “यह ध्यान देने वाली बात है कि मीरपुर के लोग जागरूक और विरोध कर रहे हैं। पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों ने स्थानीय लोगों को उनकी संपत्तियों (प्लाज़ा) और मोही-उद-दीन शिक्षण अस्पताल को quarantine सेंटर बदलने के लिए मजबूर किया। इसमें पाकिस्तान की गुप्त एजेंसियां भी लोगों को डराने में लगी हुई हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लोग विरोध करने वालों को धमका रहे हैं और सहयोग करने के लिए दबाव डाल रहे हैं।”

कश्मीरी नेता ने कहा, ‘इस तरह से वायरस को फैलाना भी आतंकवाद का एक रूप है। पाकिस्तान इससे बाज आए। यह एक खुला रहस्य है कि पाकिस्तान ने हमेशा अपने नापाक मंसूबों और लाभ के लिए हमारे क्षेत्रों का इस्तेमाल किया है। इसने ऑपरेशन गुलमर्ग, ऑपरेशन टोपाक और ऑपरेशन जिब्राल्टर को चरमपंथ, आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किया जिसके परिणामस्वरूप हमने एक पूरी पीढ़ी खो दी।’

बता दें कि POK के नागरिकों को पिछले 73 वर्षों में न ही बुनियादी राजनीतिक अधिकार मिले हैं और न ही विकास कार्य किए गए हैं। इसके अलावा, पीओके के लोग अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं, स्वच्छता और स्वास्थ्य की स्थिति की कमी से पीड़ित हैं। ऐसे में कोरोना के मरीजो को POK भेज कर पाकिस्तान डबल गेम खेल रहा है।

कश्मीरी नेता ने कहा, “हम विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हैं और पाकिस्तान से पीओके के विवादित क्षेत्रों में कोरोना प्रभावित लोगों को भेजने से रोकने के लिए कहते हैं जो क्षेत्र के लाखों लोगों की जान ले सकते हैं।”

बता दें कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के गिलगिट क्षेत्र में COVID-19 रोगियों का इलाज करते हुए एक 26 वर्षीय पाकिस्तानी डॉक्टर की मृत्यु हो गयी थी। पाकिस्तान के इस चाल को नाकाम करने के लिए वैश्विक संगठनों को कड़े कदम उठाने चाहिए। पाकिस्तान चाहता है कि कोरोना पाकिस्तान में न रह कर कश्मीर में जाए जिससे इसे अन्य देशों से बड़ा पैकेज मिल सके। वैसे भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो चुकी है और वह दूसरे देशों पर ही निर्भर है। परंतु इस महामारी के समय में भी पाकिस्तान इस तरीके का भारत विरोधी एजेंडा चला रहा है। इससे यही बात स्पष्ट होती है कि पाकिस्तान कोई देश नहीं बल्कि भारत विरोधो एक सोच है।

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