स्क्रीनिंग में पास होने के लिए कुछ लोग Paracetamol खा रहे हैं, इन्हें तुरंत कॉलर से पकड़ो और जेल में भरो

इसे पढ़कर समझ आता है कि कैसे एक व्यक्ति की वजह से पूरे शहर में महामारी फैल सकती है

पैरासिटामॉल

भारत में कोरोना के मामले बढ़कर 460 से अधिक हो चुके हैं, इसी वजह से भारत के 75 जिलों में पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया है जिससे इस वायरस से होने वाले संक्रमण को रोका जा सके। भारत में अभी तक जिस तरह से यह वायरस फैला है उसका एक प्रमुख कारण विदेश से आने वाले लोगों का एयरपोर्ट पर जांच के डर से भागना है जैसे कनिका कपूर का मामला सामने आया था। परंतु उससे भी एक बड़ी समस्या उभरकर सामने आई है। कई ऐसे मामले आए हैं जिसमें विदेश से आने वाले लोग प्लेन में बैठने से पहले Paracetamol (पैरासिटामॉल) खाकर आते हैं जिससे भारत में होने वाली थर्मल जांच में उनके शरीर का तापमान सामान्य हो और वे जांच से बच जाएं। इससे तो वे कोरोना वायरस के जांच से बच जा रहे हैं लेकिन जिस इलाके में वे जा रहे हैं और जिनसे मिल रहे हैं, उन सभी को ऐसे लोग संक्रमित करते जा रहे हैं। ऐसे लोगों को तुरंत हिरासत में लेना चाहिए क्योंकि इन्हें न तो अपनी चिंता है और न ही समाज की।

दरअसल, विदेश से इंदौर लौटने वाले दो लोगों के बारे में ऐसी बातें सामने आई हैं कि उन्होंने अपना संक्रमण छिपाने के लिए जांच से पहले पैरासिटामॉल की दवाई ली थी, जिससे थर्मल जांच (Infrared Thermometer) में उनकी बीमारी का पता न चल सके। सरकार विदेशों में बसे अपने नागरिकों को सुरक्षित देश वापस लाने में जुटी है। ऐसे में कुछ नागरिक बेहद गैर-जिम्मेदाराना हरकतें करने में लगे हुए हैं।

शुक्रवार रात दुबई से आई फ्लाइट के यात्रियों की जांच में सामने आया है कि कुछ यात्रियों ने एयरपोर्ट के परिसर में खड़े अपने संबंधियों को यह सूचना दी कि किस प्रकार उन्होंने पैरासिटामॉल (Paracetamol Tablet) लेकर अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित कर लिया। उनमें से एक यात्री ने कहा कि प्लेन में बैठने से पहले उसने पैरासिटामॉल की दो टेबलेट खा ली थी जिससे जांच में उसके शरीर का तापमान सामान्य निकला।

वहीं दूसरे यात्री ने कहा कि यात्रा से पहले ही उसने शरीर के तापमान को सामान्य करने के लिए पैरासिटामॉल की टेबलेट ले ली थी और फिर वह आसानी से एयरपोर्ट (Airport) से बाहर आ गया। जूना रिसाला निवासी एक युवक इसी सप्ताह दुबई से अफ्रीका होते हुए इंदौर लौटा है। शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखने के लिए उसने यात्रा से पहले ही टेबलेट खा ली थी। इसका असर यह हुआ कि मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर जांच में तापमान सामान्य निकला और युवक एयरपोर्ट से आसानी से बाहर निकल गया।

वहीं इससे पहले भी हैदराबाद से यही खबर आई थी। लंदन से घर लौटने के बाद एक व्यक्ति ने बताया था कि कई छात्रों ने अपने शरीर के तापमान को कम करने और हवाई अड्डे पर जांच से बचने के लिए हैदराबाद में उतरने से पहले पैरासिटामॉल लिया था। वहीं एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में मानव अधिकार कानून में एलएलएम के एक छात्र, एनामसेट्टी ने बताया कि छात्रों ने एयरपोर्ट पर जांच से बचने के लिए अपने symptoms के बारे में स्व-घोषणा पत्र में झूठ बोला था।

अब यह विडम्बना ही है कि अपने आप को अधिक व्यवस्थित और पढ़ा लिखा मानने वाले लोग ही तरह ही शर्मनाक हरकत कर रहे हैं जिसके कारण कोरोना के और फैलने की आशंका बढ़ गयी है। सुनने में यह सामान्य बात हो सकती है, लेकिन इस तरह की लापरवाही न सिर्फ उन यात्रियों के लिए बल्कि उनके परिजनों और देश के लिए भी बहुत घातक हो सकती है। ये तो कुछ मामले हैं जो पकड़े गए हैं लेकिन ऐसे भी कई लोग होंगे जो इस तरह की हरकत करने के बाद खुले घूम रहे हैं और अन्य लोगों को भी संक्रमित कर रहे हैं। अगर आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हैं तो तुरंत उसे जांच के लिए प्रेरित करे क्योंकि ये समाज और आपके लिए ही अच्छा है नहीं तो ये लापरवाही कितनी घातक हो सकती ये हमने ईरान और इटली में देखा हैं।

भारत सरकार ने लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए कई कदम उठा चुकी है।  सरकार ने 76 जिलों को लॉकडाउन किया है, इसके साथ ही यात्री ट्रेनों और मेट्रो का परिचालन भी 31 मार्च तक बंद करने का फैसला लिया गया है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली से लेकर तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश और असम तक लॉकडाउन कर दिया गया है।

परंतु सरकार द्वारा कड़े कदम उठाने के बावजूद भी कोई विदेश से आने वाले व्यक्ति पैरासिटामॉल लेकर जांच से बचने की कोशिश करते हैं। ऐसे में उसे तुरंत हिरासत में लेना चाहिए क्योंकि इस तरह की लापरवाही से वह व्यक्ति न सिर्फ अपनी नहीं बल्कि अपने परिवार और पूरे समाज की जान खतरे में डाल रहा है। ये किसी अपराध से कम नहीं है।

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