कोरोना पर भारतीय Media की घटिया कवरेज: DD, प्रसार भारती और WION को छोड़कर सब TRP के पीछे लगे हैं

इतनी घटिया कवरेज शायद ही कभी देखने को मिली हो

डीडी न्यूज, प्रसार भारती, वियान,

कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट आई कि दूरदर्शन नेटवर्क की व्यूअरशिप में पिछले वर्ष सोलह प्रतिशत तक का उछाल आया है। डीडी न्यूज़ के अंग्रेज़ी संस्करण यानी डीडी इंडिया में 2018 में ही 63 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है। बिज़नेस स्टैंडर्ड के रिपोर्ट की मानें तो डीडी नेटवर्क के दर्शकों में सबसे ज़्यादा वृद्धि युवाओं के श्रेणी में देखी गई है, जिनकी अधिकतम आयु 21 वर्ष है।

परन्तु इसके पीछे की वजह क्या है? पिछले कुछ वर्षों में डीडी न्यूज़ कंगाली के मुहाने पर आ खड़ा हुआ था, और निजी ब्रॉडकास्टर वर्चस्व जमाने की होड़ में लगे हुए थे। परन्तु ऐसा क्या हुआ, की सब कुछ अचानक से बदल गया।

यदि वुहान वायरस पर डीडी न्यूज़ की कवरेज पर आप गौर करें, तो आपको  समझ में आएगा कि क्यों लोग डीडी न्यूज़ के प्रति एक बार फिर आकर्षित हो रहे हैं। एक ओर जहां निजी चैनल चौबीसों घण्टे बॉक्सिंग मोड में रहते हैं, तो वहीं डीडी न्यूज़ आज भी केवल तथ्यों और वास्तविक खबरों को प्राथमिकता देती है।

आज की जनता टीआरपी की भूखी न्यूज़ चैनलों की ओर नहीं, अपितु इन चैनलों के प्रति युवा वर्ग आकर्षित है, जहां वास्तविक खबरें बताई जाती हैं। उदाहरण के लिए अर्णब का रिपब्लिक चैनल। यहां सब ब्लैक एंड व्हाइट चलता है, कुछ भी ग्रे शेड में नहीं मिलता।

जनता कर्फ्यू पर आधारित एक शो में अर्णब गोस्वामी कई ऐसे लोगों को सामने लाए, जो जनता कर्फ्यू के पक्ष में थे, और एक दो ऐसे भी लोग थे, जो  इसके पक्ष में नहीं थी। अब अर्णब हो और ऐसे लोगों पर चिल्लाए नहीं, भला ऐसा हो सकता है क्या?

परन्तु इस बार रिपब्लिक को ऐसे मोदी विरोधियों को ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ी होगी, क्योंकि ऐसे बहुत कम लोग है जिन्होंने पीएम मोदी के इस कदम का समर्थन नहीं किया हो। कांग्रेस के एक दो नेता छोड़ दें, तो लगभग सभी ने पीएम मोदी के इस कदम का समर्थन किया है। स्वयं शेहला राशिद जैसे वामपंथियों ने इस कदम का समर्थन किया है।

अर्णब के शो से हमें पता चलता है कि कैसे निजी न्यूज़ चैनल केवल ऐसे वाद विवादों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जहां सभी चीज़ों के एक्सपर्ट वहीं हैं, और दूसरा कोई नहीं।

इसीलिए अब युवा जनता डीडी न्यूज़ जैसे चैनलों की ओर मुड़ रही है, जहां टीआरपी के चक्कर में स्टूडियो को चलता फिरता अखाड़ा नहीं बना दिया जाता। यदि युवाओं को पीएम मोदी के कदम के प्रति अपना समर्थन दिखाना है, तो वे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करेंगे, अर्णब की चिल्ल पों नहीं सुनेंगे।

वुहान वायरस पर अपनी कवरेज में डीडी न्यूज केवल  तथ्यों और उससे संबंधित खबरों पर ही फोकस कर रही है। डीडी नेटवर्क से सम्बंधित एक अधिकारी के अनुसार, “स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वर्तमान  के अनुसार हम कई भाषाओं में जनता को इस बीमारी ये प्रति जागरूक कर रहे हैं। न्यूज़ कवरेज के अलावा हम स्पेशल फोन इन प्रोग्राम भी आयोजित कर रहे हैं।  इन प्रोग्राम्स से हमें काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है”। बता दें कि प्रसार भारती ने भी तथ्यों के आधार पर ही रिपोर्टिंग की है।

ठीक इसी तरह जी मीडिया ग्रुप का इंटरनेशनल चैनल WION ने भी कुछ इसी तरह से कोरोना को लेकर कवरेज किया है। पहले WION ने चीन की स्थानीय मीडिया से संपर्क करके चीन की ग्राउंड रिपोर्टिंग की, उसके बाद अब पूरे विश्व की रिपोर्टिंग WION पर देखा जा सकता है। इस चैनल पर बेहद प्रोफेशनल ढ़ंग से बिना फालतू का बहस किए खबरें प्रसारित की जाती हैं। वास्तव में WION एकलौता निजी क्षेत्र का चैनल है जो डीडी न्यूज की टक्कर ले रहा है।

इसके अलावा कोविड 19 वायरस से संबंधित वीडियो को डीडी के आधिकारिक यूट्यूब चैनलों पर डिफॉल्ट स्टेटस दिया गया है। जब संकट का समय हो, तो एजेंडा से ज़्यादा तथ्य और सत्य काम आता है। इसीलिए अब डीडी न्यूज, प्रसार भारती और WION एक बार फिर से लोकप्रिय हो चला है। आशा करते हैं कि ये ऐसे ही फलता फूलता रहे।

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