‘गांव में बाहरी लोगों का आना वर्जित है’ Bihar, Jharkhand और Punjab के इन गांवों ने बताया कैसे Self Isolation में रहते हैं

पूरी दुनिया को भारत के इन गांवों से सीखना चाहिए सेल्फ आइसोलेशन का तरीका!

गांव, बिहार, झारखंड, पंजाब, सेल्फ कोरेंटाइन, आइसोलेशन, कोरोना,

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जहां पूरी दुनिया self isolation और quarantine का सहारा ले रही है, तो वहीं भारत के गांवों ने इस बात को सबसे सही तरीके से समझा है। भारत के गांव के लोगों ने पीएम मोदी की अपील के बाद वो कर दिखाया है, जो पश्चिमी दुनिया के तथाकथित पढ़े-लिखे लोग करने में आनाकानी दिखा रहे हैं, और वह चीज़ है: self isolation। दुनिया के वैज्ञानिक अभी कोरोना के कोई इलाज़ विकसित नहीं कर पाये हैं और सभी लोगों से social distancing को अपनाने की अपील ही की जा रही है। ऐसे में भारत के बिहार, रांची और अन्य इलाकों के गांवों ने खुद isolate कर दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया है।

उदाहरण के तौर पर पंजाब के लुधियाना के एक गांव में जब बाहर विदेशों से आए लोगों से मिलने लगातार उनके रिश्तेदार और दोस्त आ रहे थे, तो गांव के सरपंच ने गांव वालों को अपने विश्वास में लेकर गांव की तरफ आने वाली 4 सड़कों पर बैरीकेडिंग कर दी। सरपंच ने मीडिया को बताया कि “हमने लोगों से कई बार कहा कि वे इस कर्फ़्यू के समय में हमारे गांव ना आएं, लेकिन उनको लगता है यहां कोई पार्टी चल रही है”। बाहर से आए NRI वैसे तो गांव में quarantine में रह रहे हैं, लेकिन फिर भी गांव में कोरोना का फैलने का खतरा है, जिसकी वजह से गांव ने अपने आप को isolate कर लिया है।

इसी प्रकार बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के हरनाटांड पंचायत के गांवों में ग्रामीण खुद को ही लॉकडाउन कर रहे हैं। इसके लिए ग्रामीण गांव में आने वाली सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग कर गांव में आने-जाने वाले सभी रास्तों पर पहरा बैठा दिया है। पश्चिमी चंपारण के सुदूरवर्ती थरूहट इलाके के हरनाटांड पंचायत के खजूरिया गांव के लोग गांव में आने वाली सभी तीन सड़कों पर अवरोधक लगा दिया है। खजूरिया गांव के शिक्षक कृष्ण मोहन प्रसाद बताते हैं कि मंगलवार की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेष में 21 दिनों तक पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद बुधवार को गांव वालों ने आपसी सहमति के बाद पूरे गांव को सील कर गांव के बाहर बोर्ड लगा दिया। गांव के लोगों ने खुद के बाहर निकलने और किसी भी बाहरी के गांव में आने जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है।

ग्रामीणों ने खजूरिया गांव को जोड़ने वाली सभी सड़कों को पर बल्ली (लकड़ी के बडे टुकड़े) और बांस लगाकर रोक लगा दी है तथा गांव के लोग वहां पाली बांटकर पहरा दे रहे हैं। ऐसे लोगों को निर्देश है कि इमरजेंसी मेडिकल सुविधा और प्रशासन के लोगों और आवश्यक सामग्री को छोड़ किसी को भी आने जाने से रोके। हरनाटांड पंचायत के उपमुखिया ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस बताया, गांव में बैठक कर निर्णय लिया गया कि इस गांव में बाहरी लोगों का आवागमन पर रोक लगनी चाहिए और इसके लिए के लोगों ने बुधवार को अनोखी पहल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों का मत है कि जब प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आम जनता के लिए पहल कर रहे है, तो हमें भी उनका साथ देना चाहिए।

इसी प्रकार रांची के गांव में भी बैरीकेडिंग की जा रही है और गांव के बाहर बोर्ड पर लिख दिया गया है “इस गांव में बाहरी लोगों का आना प्रतिबंध है। गांव वासी भी घर से बाहर ना निकलें”।

भारत के गांवों ने अपने इस व्यवहार से दुनिया को बड़ा संदेश भेजा है। दुनियाभर से खबरें आ रही हैं कि लोग quarantine से कूदकर भागकर रहे हैं और लोग सरकार की बात ना मानकर खुद को isolate नहीं कर रहे हैं। ऐसे समय में भारत के गांव ऐसे लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन सकते हैं।

Exit mobile version