मुंह पर मास्क, आँखों पर काली पट्टी: राहुल को राजस्थान-महाराष्ट्र के मास्क घोटाले क्यों नहीं दिखाई दे रहे हैं?

इन्हें फेक अकाउंट बनाने से फुर्सत मिले, तब ना

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कोरोना वायरस से भारत सहित पूरी दुनिया त्रस्त है लेकिन भारत में इस विकट घड़ी के समय भी राजनीति करने वाले बाज नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के 49 वर्षीय युवा नेता राहुल गांधी केंद्र सरकार पर एक बाद एक आरोप लगा रहे हैं। हाल ही उन्होंने आरोप लगाया था कि बाजार में N-95 मास्क नहीं है।

हालांकि आश्चर्य की बात यह है कि वे राजस्थान और महाराष्ट्र में होने वाले मास्क घोटालों पर चुप्पी साधे हुए हैं। इन दोनों ही राज्यों कांग्रेस की सरकार है और यहां N-95 मास्क के घोटाले की बात सामने आई है लेकिन राहुल गांधी की अज्ञानता कहे या राजनीति, वो इन दोनों ही राज्यों में होने वाली कालाबाजारी को रोकने के लिए अपनी सरकार को कोई सुझाव या निर्देश नहीं दे रहे हैं।

बता दें कि महाराष्ट्र और राजस्थान में मास्क की कालाबाजरी जारी है। एक तरफ जहां राजस्थान के SMS अस्पताल में से करीब ढाई लाख से ज्यादा मास्क गायब हो गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के मुंबई में करीब 15 करोड़ के 25 लाख मास्क जब्त किए गए हैं।

फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के SMS अस्पताल के मास्क कहां गए, इसकी जानकारी ना तो अस्पताल प्रशासन को है और ना ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन को। हालांकि मास्क के गायब होने को लेकर कमेटी भी बनाई गई है और कांग्रेस का दावा है कि यह खबर फेक है। SMS अस्पताल में डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, आइसोलेशन में काम करने वालों के लिए मास्क की डिमांड की गई थी। पिछले कुछ दिनों में तीन लाख से अधिक मास्क आए, लेकिन अब फिर से डिमांड की जाने लगी है।

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अब सभी डॉक्टर्स और कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है कि किसने, कितने मास्क और कब-कब लिए। बता दें कि जो मास्क गायब हुए हैं, वे एन-95 क्वालिटी के हैं और काफी महंगे आते हैं।

अभी एक मास्क की कीमत 450 रुपए तक है। यानी कि यदि ये ढाई लाख मास्क भी इधर-उधर हुए हैं तो इनकी कीमत 11 करोड़ रुपए से अधिक है। ऐसी विषम परिस्थिति में यह किसी घोटाले से कम नहीं हैं। हैरानी की बात तो यह है कि जिन डॉक्टर्स और रेजीडेंट के लिए मास्क आए थे, उन्हें तो कभी मिले ही नहीं। रेजीडेंट तो खुद के स्तर पर इन्हें मंगा रहे हैं।

अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस 4 एफ वार्ड में कोरोना पॉजिटिव मरीज भर्ती रहा, उसका पता लगने के बाद भी रेजीडेंट, डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ को बढिया मास्क नहीं दिए गए। यहां तक कि उनके लिए सेनेटाइजर भी नहीं है। राजस्थान में इस हालात के लिए कौन जिम्मेदार है?

राजस्थान में अभी कांग्रेस के अशोक गहलोत की सरकार है और राहुल गांधी ने एक बार भी इस तरह के घोटालों पर रोक लगाने के लिए अपनी सरकार को कड़े कदम उठाने को नहीं बोला। इसी से स्पष्ट होता है कि दाल में कुछ तो काला है। वहीं महाराष्ट्र में भी कुछ व्यापारियों ने मास्क की कालाबाजारी करने की कोशिश की, ताकि वे करोड़ों रुपये कमा सकें।

कुछ दिन पहले मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को किसी ने टिप दी थी कि एक खास जगह काफी मास्क जमा किए गए हैं। इसी जानकारी के आधार पर सोमवार को इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक गोदाम व कुछ अन्य जगहों पर रेड डाली गई और वहां से करीब 25 लाख मास्क जब्त किए गए। बाजार में इनकी कीमत 15 करोड़ रुपये है। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

इन दोनों ही राज्यों में घोटाले अपने चरम पर है लेकिन राहुल गांधी ने जान-बूझ कर एक फेक ट्विटर अकाउंट को quote करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ झूठ फैलाया। ऐसी स्थिति में किसी भी पार्टी के नेता को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर केंद्र सरकार की मदद करनी चाहिए लेकिन फिर भी कांग्रेस और राहुल गांधी ने झूठ का सहारा लेते हुए अपनी राज्य सरकारों को बोलने के बजाए केंद्र पर निशाना साधा। यह कांग्रेस की विकृत मानसिकता को ही दिखाता है कि कोरोना जैसी महामारी के समय में इस तरह से डर और झूठ फैला रहे हैं।

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