“फेक अकाउंट बनाओ, चमचों से फॉलो करवाओ, मोदी पर आरोप लगाओ, फिर अकाउंट डिलीट कर लो”

कोरोना के Time में राहुल गांधी का WORK FROM HOME

राहुल गांधी

जहां वुहान वायरस से लड़ने के लिए पीएम मोदी कमर कस चुके हैं, तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो लोगों में डर कम करने के बजाए उसे और बढ़ाने का काम कर रहे हैं, और ये बात राहुल गांधी से बेहतर कौन जान सकता है? हाल ही में राहुल गांधी ने एक फेक अकाउंट के अजीबोगरीब दलीलों को बढ़ावा देते हुए नजर आये, जिसके कारण उनकी सोशल मीडिया पर अच्छी खासी फजीहत हुई।

हाल ही में राहुल गांधी एक फेक अकाउंट के ट्वीट शेयर करते हुए पकड़े गए, जिसके जरिए ये अफवाह फैलाई जा रही थी कि भारत में आवश्यक मेडिकल सामग्री का अकाल पड़ चुका है। डॉक्टर कामना कक्कड़ के नाम से इस ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट आता है, ” बिना शास्त्र के मुझे युद्ध में ना भेजिए पीएमओ। जल्द से जल्द पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट और N 95 मास्क का इंतज़ाम कीजिए”।

 

एक और ट्वीट में कामना कक्कड़ कहती हैं, “जब वो आए, तो आप N 95 मास्क और ग्लव्स मेरी कब्र पर भेज दें। ताली और थाली भी बजा देना वहां। रेगार्ड्स, एक फ्रस्ट्रेटेड सरकारी  डॉक्टर।” 

रोचक बात तो यह है कि इस अकाउंट को बने अभी ज़्यादा समय भी नहीं हुआ है। परन्तु उस एक भ्रामक ट्वीट को जो रिस्पॉन्स मिला, उससे स्पष्ट होता है कि कुछ तो गड़बड़ था।

रही सही कसर राहुल गांधी ने पूरी कर दी। जनाब ट्वीट करते हैं, “मुझे बहुत दुख हो रहा है, इसे रोका जा सकता था, हमारे पास समय था। हम और तैयार होना चाहिए था।”

परन्तु इस हैंडल की पोल खुलते देर नहीं लगी , और जल्द ही राहुल गांधी के झूठे अभियान की पोल खुल गई। इसके अलावा। जब कुछ व्यक्तियों ने इस कथित डॉक्टर से मदद की पेशकश की, तो उसने किसी को भी उत्तर नहीं दिया

फिर जितनी जल्दी ये अकाउंट सुर्खियों में आया, उतनी ही जल्दी डिलीट भी ही गया। डिलीट होने से पहले डॉक्टर कामना कक्कड़ का अंतिम ट्वीट था, “मैं झूठ  फैलाने के लिए क्षमा चाहती हूं। मास्क भी अवेलेबल हैं और इक्विपमेंट भी। हमें नहीं पता था कहां जाना है, आईसीएमआर की गाइड लाइन दिन प्रतिदिन बदलती रहती हैं।”

 

इसके बाद तो सोशल मीडिया पर इस अकाउंट को जमकर ट्रोल किया गया। एक ओर भाजपा के सोशल मीडिया हेड अमित मालवीय ट्वीट करते हैं।

“तो एक फेक हैंडल कामना कक्कड़ के नाम से बनाया जाता है, बरखा दत्त और शेखर गुप्ता इसे फॉलो करते हैं और राहुल गांधी इसका इस्तेमाल कर सरकार को निशाने पर लेता है। अकाउंट फिर थोड़ी ही देर बाद डिलीट हो जाता है। आपको कुछ गड़बड़ नहीं लगता”।

यह अकाउंट कितना फेक है, इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि स्वघोषित फैक्ट चेकर ऑल्ट न्यूज के संस्थापक प्रतीक सिन्हा तक इसे एक फेक अकाउंट बताने लगे।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि ये काम राहुल गांधी द्वारा देश को और डराने के उद्देश्य से किया गया था।  भारत में 31 जनवरी से ही N95 मास्क और आवश्यक मेडिकल इक्विपमेंट के एक्सपोर्ट पर रोक लगी थी।  इसके अलावा सरकार ने आवश्यक वस्तुओं के स्टॉक को पहले से ही व्यवस्थित कर लिया था।

राहुल गांधी भले ही एक फेक अकाउंट के आधार पर अभी सामान के कमी का रोना रो रहे थे, परन्तु उन्हें अपने ही पार्टी द्वारा शासित महाराष्ट्र और राजस्थान में मेडिकल इक्विपमेंट को लेकर हो रही धांधली नहीं दिखाई दे रही थी।

महाराष्ट्र में भी मास्क के होर्डिंग की खबरें सामने आई है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने चौदह करोड़ रूप्ए के मूल्य के पौने तीन लाख मास्क पकड़े थे –

ऐसा प्रतीत होता है कि देश के राज्यों में मेडिकल इक्विपमेंट की कमी दिखाकर मोदी सरकार पर ठीकरा फोड़ने का प्लान चल रहा था, जो बुधवार को फ्लॉप सिद्ध हुआ। हम तो इतना ही कहेंगे कि राहुल गांधी, कुछ तो लिहाज करो, कुछ तो लिहाज करो देश का।

Exit mobile version