कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में चीन के खिलाफ गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। यह वायरस वैश्विक स्तर पर लगभग 40 हज़ार लोगों की जान ले चुका है और हर दिन कोरोना की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा रिकॉर्ड तोड़ता जा रहा है। यही कारण है कि कोरोना ने दुनिया में चीन के खिलाफ गुस्सा भर दिया है। पिछले कुछ दिनों में हमें यूके और अमेरिका की ओर से चीन विरोधी बयान सुनने को मिल रहे हैं। ट्रम्प जहां कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं, तो वहीं यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी यह कहकर चीन की पोल खोल दी कि चीन में कोरोना से मरने वालो की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से 15 से 40 गुना ज़्यादा होगी। अब चीन को खरी-खरी सुनाने वाले देशों की लिस्ट में जापान का नाम भी जुड़ गया है।
IT'S OFFICIAL!
The #Tokyo2020 Olympic Games will take place on July 23-Aug. 8, 2021, with the Paralympic Games to follow Aug. 24-Sept. 5, 2021.
— Team USA (@TeamUSA) March 30, 2020
दरअसल, अब जापान में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। इसको देखते हुए इसी वर्ष टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों को हुए हाल ही में अगले साल तक के लिए टाल दिया गया था। अब Japan में भी लोगों को घरों में रहने के लिये ही कहा जा रहा है। ओलंपिक खेलों के आयोजन की तैयारी पर Japan ने खरबों रुपये खर्च किए हैं, अब कोरोना की वजह से इसपर लगातार संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यही वजह है कि जापान की सरकार में चीन को लेकर रोष पैदा हो गया है।
जापान और चीन के संबंध वैसे भी कभी मधुर नहीं रहे हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के समय जापान ने चीन को काफी नुकसान पहुंचाया था। अब ज्यादा ताकतवर चीन Japan को समय-समय पर उन पुराने घावों के लिए उकसाता रहता है।
कोरोना की शुरुआत में Japan में इस बीमारी के बेहद कम मामले ही देखने को मिले थे। जब ईरान, इटली जैसे देश कोरोना की चपेट में आए थे, तो भी जापान में कोरोना कोई खास प्रभाव नहीं डाल पाया था। लेकिन अब लगता है कि जापान पर कोरोना वायरस बीमारी का दूसरा झोंका गहरा असर डाल सकता है, और इसी कारण से जापान में मामले एकदम बढ़े हैं।
शुरू में जापान ने इस स्थिति को बड़े ही बेहतर ढंग से कंट्रोल किया। शहरों में लॉकडाउन कर दिया गया और पाबन्दियाँ लाग दी गयी थी। चीन के सबसे करीबी होने के बावजूद Japan पर कोरोना का उतना असर नहीं हो पाया था।
लेकिन जैसे-जैसे अब Japan में कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं, जापान की सरकार का सब्र का बांध भी टूटता जा रहा है। चीन ने इसी को देखते हुए वुहान वायरस के खिलाफ लड़ाई में शुरू में जापान की तारीफ भी की थी। लेकिन अब लगता है कि इस तारीफ का भी जापान पर कोई असर नहीं हो रहा। Japanअब ना सिर्फ चीन की बल्कि WHO की भी खुलकर आलोचना कर रहा है।
पिछले दिनों जापान के उप प्रधानमंत्री तारो असो ने WHO पर निशाना साधते हुए कहा था कि WHO को अपना नाम बदलकर Chinese health organization रख लेना चाहिए। इसी के साथ उन्होंने उस प्रस्ताव का भी समर्थन किया था जिसके तहत WHO के मौजूदा अध्यक्ष टेड्रोस अधानोम को इस पद के लिए अयोग्य करार दिया जाना था।
https://twitter.com/Iyervval/status/1244314315588435969
जापान की कोशिश थी की इस साल के ओलंपिक जापान में होकर रहें, लेकिन वुहान वायरस की वजह से अब ऐसा नहीं हो पा रहा है। जापान इस साल ओलंपिक खेल कराने पर अदा हुआ था और यहाँ तक कि एक अधिकारी ने ये तक कहा था कि जापान के पास इसके अलावा कोइ प्लान B नहीं है। Japan ने इन खेलों की तैयारी में भारी भरकम 12.35 बिलियन डॉलर का निवेश किया था, और अब चूंकि ये खेल आगे के लिए टल गए हैं, तो इससे जापान को बड़ा नुकसान होना तय है।
इसी बीच Japan की मीडिया में भी चीन के खिलाफ आवाज़ उठना शुरू हो गयी है। Japan की मीडिया का एक हिस्सा जहां चीन पर कोरोना के मामले underreport करने का आरोप लगा रहा है, तो वहीं जापानी मीडिया का एक हिस्सा इस बात को दिखा रहा है कि कैसे पिछले कई सालों से चीनी एक्सपर्ट्स अमेरिका को गिराने के लिए आम हथियारों से परे जाकर किसी अन्य हथियार के उपयोग के बारे में बताते आ रहे हैं।
जापान में Japan today अखबार के “जनता के मत” सेक्शन में भी जापान की जनता चीनी-विरोधी सुर ही अपनाती दिखाई दे रही है। लोग यहाँ लिख रहे हैं कि उन्हें लगता है ये वायरस चीन की किसी bioweapon लैब में विकसित किया गया होगा।
जापान के लोगों में चीन के खिलाफ गुस्सा वैश्विक स्तर पर उमड़ रही चीनी विरोधी मानसिकता का ही एक उदाहरण है, जिसे कोरोनावायरस ने और तीव्र कर दिया है। अमेरिका, यूके के बाद Japan एक ऐसा देश है जिसने खुलकर चीन के खिलाफ मोर्चा खोला है।