“Corona से भारत में सुनामी आने वाली है” एक इकोनोमिस्ट ने बकवास क्या की, BBC वाले इंटरव्यू लेने पहुंच गए

अब एक इकोनॉमिस्ट चिकित्सा के बारे में बताएगा!!

बीबीसी, कोरोना, भारत,

2011 में एक फिल्म आयी थी। नाम था कंटेजियन। उसकी टैगलाइन थी – नथिंग स्प्रेड्स लाईक फियर, यानी भय से ज़्यादा असरदार कुछ भी नहीं होता। आज यह फिल्म वुहान वायरस के प्रकोप के चक्कर में कितनी प्रासंगिक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कैसे लोग इस मूवी को एक बार फिर जमकर देख रहे हैं। अब एक ऐसी खबर आई है, जिसने कंटेजियन के टैगलाइन को सत्य सिद्ध कर दिया। हाल ही में BBC की एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमें भारत में वुहान वायरस की भयावहता से सम्बंधित कई बातें उठाई गई। इसमें ये भी कहा गया कि यदि भारत न कड़े कदम नहीं उठाए, तो इटली से भी बुरा हाल होगा।

रिपोर्ट के एक अंश अनुसार, “डॉक्टर रामानन लक्ष्मीनारायण ने कहा, “हो सकता है हम बाकी देशों की तुलना में थोड़ा पीछे चल रहे हों, लेकिन स्पेन और चीन में जैसे हालात रहे हैं, जितनी बड़ी संख्या में वहां लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं, वैसे ही हालात यहां बनेंगे और कुछ हफ़्तों में हमें कोरोना की सुनामी के लिए तैयार रहना चाहिए।

कोरोना वायरस संक्रमण के मामले भारत में फिलहाल काफ़ी कम हैं। जिस वक़्त दुनिया के ज़्यादातर देश बुरी तरह कोरोना की चपेट में है, भारत में इसके मामले कम क्यों सामने आए हैं?

इस सवाल के जवाब में डॉक्टर रामानन लक्ष्मीनारायण ने कहा कि अगर हम ज़्यादा लोगों का टेस्ट करते तो संभव है कि और अधिक मामले अब तक सामने आ चुके होते लेकिन भारत ही नहीं सारी दुनिया में कोरोना टेस्ट बहुत कम ही हो रहा है। मुझे लगता है आने वाले दो से तीन दिनों में जब ज़्यादा लोगों के टेस्ट होंगे तो मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी. ये संख्या 30 करोड़ के पार भी जा सकती है इसलिए हमें तैयार रहना चाहिए. भारत में ऐसे संक्रमण का फैलना बेहद आसान है और इसकी वजह यहां का जनसंख्या घनत्व है, जैसा कि चीन के साथ हुआ है।”

एक होता है किसी आपदा के बारे में लोगों को सूचित करना, और एक होता है लोगों में व्याप्त डर को और बढ़ाना। दुर्भाग्यवश BBC लोगों को वुहान वायरस से लड़ने के लिए प्रेरित करने के बजाए उन्हें अधिक भयभीत करा रही है। इस व्यक्ति से इंडिया टुडे और एनडीटीवी ने भी बातचीत की।

परन्तु एक और बात है, जो यह सिद्ध करती है कि BBC का झूठ से कितना पुराना नाता है। जांच पड़ताल में पता चलता है कि BBC ने जिस व्यक्ति से वार्तालाप की थी, वह ना तो डॉक्टर है, और ना ही कोई चिकित्सा विशेषज्ञ। वह व्यक्ति वास्तव में एक अर्थशास्त्री है, जिसने एक बेहद बचकाने तरीके का उपयोग कर अपनी बात कही है। इनकी पोल खोलने में डॉक्टर विजय चौथियावाले ने एक अहम भूमिका भी निभाई है, जिन्होंने एक लंबे थ्रेड से इस व्यक्ति की पोल खोलकर रख दी।

अब ये तो वही बात हो गई भैया, बंदर के हाथ में उस्तरा थमा दिया। BBC ने जिस कथित डॉक्टर से बात की, उसने अमेरिका और यूके का हवाला देते हुए कहा है कि भारत में अभी वुहान वायरस के केस की बाढ़ आएगी। परन्तु उन्होंने ये भी कहा कि यह पर्याप्त टेस्टिंग ना होने के कारण है, जो कि सरासर गलत है। भारत में हर प्रकार से टेस्टिंग भी हो रही है, और किसी भी स्टेज पर संदिग्ध व्यक्तियों को नहीं बख्शा जा रहा है। शायद यही कारण है कि अभी भारत में इन मामलों में इटली, स्पेन या जर्मनी जितनी भयावहता नहीं आई है।

परन्तु ये BBC के लिए कोई नई बात नहीं है। वह तो प्रारंभ से ही भारत विरोधी गतिविधियों में जमकर सक्रिय रहा है। चाहे कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने पर प्रोपेगैंडा फैलाना हो, या फिर CAA पर भारत विरोधी लहर रचनी हो, BBC का झूठ फैलाने से बहुत पुराना नाता है। बस इस बार उनकी पोल बात बढ़ने से पहले ही खुल गई।

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