कानून मंत्री को कानूनी नोटिस- जाने कैसे थरूर को Sorry बोलकर रविशंकर प्रसाद ने अपनी भद्द पिटवा ली

हर बार रविशंकर प्रसाद अपने बयानों से मामू बन जाते हैं!

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अपने पैर पर कोई कैसे कुल्हाड़ी मार सकता है, ये कोई केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से सीखे। जनाब ने हाल ही में लोकसभा चुनावों के दौरान शशि थरूर के विरुद्ध लगाए आरोप वापस लेते हुए उनसे माफी भी मांगी है। रविशंकर प्रसाद ने  थरूर पर अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के जिम्मेदार होने का आरोप लगाया था, जिसके लिए महोदय ने अब माफी मांगी है।

पर ये विवाद आखिर उत्पन्न क्यों हुआ था? अक्टूबर 2018 में शशि थरूर ने बेहद अपमानजनक टिप्पणी करते हुए कहा था, “पीएम मोदी शिवलिंग पर बैठे एक बिच्छू समान है, उन्हें आप अपने हाथ से हटा नहीं सकते और न ही आप चप्पल से मार भी नहीं सकते हैं”।

इस पर रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राहुल गांधी और थरूर से माफी मांगने को कहा था, और साथ में ये भी कहा कि शशि थरूर एक हत्या के केस में नामजद हैं।

जवाब में कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर ट्वीट करते हैं, “ये कौन सा केस है भाई? क्या आप एक नया केस बनाने वाले है मंत्री जी?”

शशि थरूर ने 48 घंटे में बिना शर्त माफी की दरख्वास्त की, जिसके चलते रविशंकर प्रसाद को अपना ट्वीट और प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो क्लिप डिलीट करना पड़ा।

रविशंकर के माफी मांगने के बाद थरूर कहते हैं, “आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने अपने शब्द वापस लिए। आशा करते हैं कि हमारे संबंध में ऐसी कोई दरार ना आए”।

पूरे प्रकरण में रविशंकर प्रसाद ने है तरह से अपना व्यवहार दिखाया है, उससे स्पष्ट पता चलता है कि वे कैसे पार्टी की नाक कटवाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। 2016 से विधि मंत्री रहे रविशंकर प्रसाद को सोच समझकर अपने बयान देने चाहिए थे। यदि उनके पास कोई ठोस प्रमाण नहीं थे, तो उन्होंने ऐसे बयान ही क्यों दिए?

इस पर सुब्रमण्यम स्वामी ने रविशंकर प्रसाद के बयान पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, “बेल पर जीएसटी कितनी लगेगी?”

परन्तु ये पहली बार नहीं है, जब रविशंकर प्रसाद ने अपने बयान से भाजपा या केंद्र सरकार की भद्द पिटवाई हो। इससे पहले उन्होंने कहा था कि मुसलमान बीजेपी को वोट नहीं देते लेकिन फिर भी मोदी सरकार उनसे किसी तरह का भेदभाव नहीं करती।

एक बार उन्होंने मंदी पर भी बेहद गैरजिम्मेदराना बयान दिया था। रविशंकर ने कहा था कि- ‘’अगर फ़िल्में करोड़ों का कारोबार कर रही हैं तो फिर देश में मंदी कैसे है?’’

वास्तव में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद अपने बयानों की वजह से भाजपा व केंद्र सरकार की भद्द पिटवाते रहते हैं। ऐसे में पार्टी के आलाकमान को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और चेतावनी देनी चाहिए कि आगे से किसी तरह का ऐसा बयान भविष्य में न आए।

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