दिल्ली दंगों के आरोपी और आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के लिए आतंकी संघठन पीएफआई का दर्द सामने आया है। दिल्ली हिंसा में संलिप्त संगठन पीएफआई का कहना है कि ताहिर हुसैन की कोई गलती नहीं थी, वह गंदी राजनीति का शिकार बना है। इसके साथ ही पीएफआई ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार पर भी जमकर हमला बोला है।
कौन है ताहिर हुसैन जिसे PFI ने समर्थन किया…
गौरतलब है कि 23 फरवरी को दिल्ली के पूर्वोत्तर में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी जो करीब 3 दिनों तक जारी रहा। इस हिंसा में आईबी के ऑफिसर अंकित शर्मा को दंगाइयों ने मारकर कूड़े की ढेर पर फेंक दिया। अंकित का शव 26 फरवरी को बरामद किया गया। कई लोगों की गवाही और स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व पार्षद मुहम्मद ताहिर हुसैन का इस जघन्य अपराध में हाथ है।
आरोप है कि उसके घर से गोलियां चल रही थीं और पेट्रोल बॉम्ब भी फेंके जा रहे थे। अंकित शर्मा के परिजनों के अनुसार, ‘आम आदमी पार्टी के नेता के घर से अनवरत गोलियां चलायी जा रही थी। उनके पास तलवार और पेट्रोल बॉम्ब भी थे। उसी नेता के लड़के हमारे अंकित को घसीटते हुए ले गए। अंकित भीड़ में फंसे लोगों को बचाने की कोशिश कर रहा था, तो उसे भी घसीटते हुए ले गए, और मार डाले”।
इस क्षेत्र के लोगों के अनुसार अंकित शर्मा और तीन अन्य लोगों को ताहिर हुसैन के घर में घसीटते हुए ले जाने की पुष्टि की गयी। अभी बाकी तीन लोगों का कोई पता नहीं चला है, जबकि अंकित के अवशेष मिल चुके थे। इसमें कोई दो राय नहीं है कि ताहिर हुसैन बुरी तरह फंस चुके हैं। दंगाइयों की भीड़ इसी व्यक्ति के घर पर इकट्ठा हुई थी और वहाँ पर पेट्रोल बॉम्ब से भरे क्रेट के साथ पहुंची थी।
#AAP councillor Tahir Hussain was rescued by @DCPNEastDelhi Ved Prakash Surya on 24th February after a mob attacked his home.
Here's what Tahir has to say.
Do listen and out this as a slap on every BJP thug trying to blame someone who is himself a victim of the riots.
1/n pic.twitter.com/1h80x2M2NM
— Ankit Lal 🏹 (@AnkitLal) February 26, 2020
ताहिर हुसैन से जुड़ी एक वीडियो भी वायरल हुई है, जिसमें ताहिर हुसैन के घर की छत पर इन आतंकियों को तांडव करते हुए देखा जा सकता है। एक व्यक्ति ने तो ताहिर पर लोनी, गाज़ियाबाद से हथियारों का जखीरा लाने का आरोप भी लगाया है। एक और हृदयविदारक वीडियो में सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे अंकित शर्मा के शव को इन आतंकियों ने बड़ी बेदर्दी से सीवर में फेंक दिया था।
https://twitter.com/indiantweeter/status/1232926188638633984?s=20
PFI की फंडिंग, ताहिर हुसैन और शाहीनबाग कनेक्शन-
आपको बताते चलें कि उत्तर भारत में एंटी सीएए प्रोटेस्ट के लिए खुफिया एजेंसियों द्वारा पीएफआई पर शंका जाहिर की जा रही है। ईडी ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया कि पीएफआई के कार्यकर्ता देशभर से चंदा इकट्ठा करके शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को फंडिंग कर रहे हैं। ईडी की रिपोर्ट के अनुसार 15 खातों में कुल 1 करोड़ से अधिक की राशि जमा की गई।
BIG #EXCLUSIVE #Breaking | ED (@Dir_ED) drops another bombshell, 2 days ahead of Delhi Assembly elections, PFI-Shaheen Bagh link out. Political party named by ED.
ED sends sealed cover report to Home Ministry. | Madhavdas G with details. pic.twitter.com/aq8nDhSFxz
— TIMES NOW (@TimesNow) February 6, 2020
इनमें 10 खाते इस्लामिक संगठन पीएफआई के थे। वहीं 5 खाते रिहैब इंडिया फाउंडेशन के थे। इन खातों से 4 दिसंबर 2019 से लेकर 6 जनवरी 2020 तक में कुल 1 करोड़ 34 लाख रुपयों की लेन-देन हुई थी। इन पैसों का इस्तेमाल हिंसा फैलाने के लिए किया गया था। इससे पहले भी ईडी ने कहा था कि शाहीनबाग की प्रोटेस्ट में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कई नेता शामिल हैं और ये लगातार इस्लामिक संगठन पीएफआई के संपर्क में हैं।
अब जब ताहिर हुसैन से आम आदमी पार्टी ने किनारा कर लिया है और ताहिर हुसैन की राजनैतिक शक्तियां कम हो गई हैं तो इस्लामिक संगठन पीएफआई को कष्ट जरुर होगा। इस कष्ट से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ताहिर हुसैन और पीएफआई में आतंक, दंगा और फर्जी प्रोटेस्ट को लेकर कितना मधुर संबंध था।
हालांकि अब पीएफआई का अंत जल्द ही होने वाला है। अवैध फंडिंग मामले में इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) की टीम पीएफआई के शास्त्रीनगर सेक्टर-13 स्थित कार्यालय पर पहुंची, जहां ताला लटका मिला, सभी फरार थे। अभी तक पुलिस ने पीएफआई से जुड़े 12 लोगों को जेल भेजा दिया है। यूपी में भी बड़े स्तर पर जांच चल रही है। यूपी की योगी सरकार ने भी इसे बैन करने के लिए कहा है। अब जिस तरह से पीएफआई और उसके गुर्गों पर नकेल कसी जा रही है, उससे दर्द के आंसू छलकेंगे ही।