कोरोना महामारी से लड़ने में अभी तक डॉक्टर्स, नर्सें और अन्य मेडिकल स्टाफ सबसे आगे रहा है। इसी के साथ दुनिया के अन्य देशों में फंसे भारतीयों को वापस अपने वतन लाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले एयर इंडिया के क्रू मेंबर्स भी सम्मान के अधिकारी हैं। इनमें से कुछ लोग आज भी अपनी जान खतरे में डालकर कोरोना के मरीजों को बचाने में लगे हैं, तो वहीं एयर इंडिया का क्रू दुनिया के अलग-अलग देशों की प्रतिकूल स्थिति में भारतीयों को बचाने में सबसे आगे रहा है। लेकिन विडम्बना यह है कि अब इन corona warriors का अपने देश के ही लोग ही तिरस्कार करने में लगे हैं और कोरोना के डर से इन्हें इनके घर में घुसने नहीं दिया जा रहा है।
बीते रविवार को शाम “5 बजे 5 मिनट” के कार्यक्रम से पीएम मोदी ने सभी लोगों से इन कोरोना योद्धाओं का सम्मान करने को कहा था, लेकिन कुछ जगह हमें ठीक इसका उलटा होता दिखाई दे रहा है।
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने गृह मंत्री अमित शाह को इस संबंध में पत्र भी लिखा था। इस पत्र में कहा गया था कि “डॉक्टर्स के सामने कई समस्याएं आ रही हैं। कोरोना मरीजों के संपर्क में रहने के कारण मकान मालिक डॉक्टरों पर मकान खाली करने का दबाव बना रहे हैं। इसके अलावा कुछ सोसाइटी में एंट्री से भी रोका जा रहा है”। अब गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने लोगों से अपील कर शांत रहने के लिए कहा है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कल दिल्ली पुलिस के कमिश्नर से बातचीत की और डॉक्टरों को कोई भी समस्या न होने देने के लिए सुनिश्चित करने को कहा। वहीं इसी मामले पर डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट किया “मैं दिल्ली, नोएडा, वारंगल, गुजरात में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को परेशान किए जाने को लेकर परेशान हूं। मैं कहना चाहता हूं कि डॉक्टर सारे सुरक्षा मानक अपना रहे हैं। घबराओ मत”।
I’m DEEPLY ANGUISHED to see reports pouring in from Delhi, Noida,Warangal,Chennai etc that DOCTORS & PARAMEDICS are being ostracised in residential complexes & societies. Landlords are threatening to evict them fearing #COVID2019 infection. Pls don’t panic !#CoronavirusLockdown
— Dr Harsh Vardhan (Modi Ka Pariwar) (@drharshvardhan) March 24, 2020
लोगों का ऐसा बर्ताव झेलने वाले ये डॉक्टर्स अकेले नहीं हैं, बल्कि कुछ दिनों पहले लोगों का ऐसा ही बर्ताव एयर इंडिया क्रू के साथ भी देखने को मिला था। एयर इंडिया क्रू के कुछ लोग जब अपने घर गए तो पाया कि उनके पड़ोसियों ने ही उनसे कहा कि “वे वहां न रहें क्योंकि उन्हें कोरोना संक्रमण हो सकता है और दूसरे लोग उनसे संक्रमित हो सकते हैं”। कई मामलों में लोगों ने पुलिस को भी बुला लिया।
इसके बाद एअर इंडिया ने एक बयान में कहा था, “यह चौंकाने वाला है कि रेज़ीडेंट वेलफ़ेअर एसोसिएशन और पड़ोसियों ने क्रू मेम्बरों का बहिष्कार कर दिया क्योंकि वे अपनी ड्यूटी निभाने के लिए विदेश गए थे”। आगे एयर इंडिया ने कहा था “ये लोग भूल गए हैं कि इन लोगों के पति-पत्नी, माता-पिता, अभिभावक, भाई-बहन, बच्चों और दूसरे लोगों को दूसरे देशों से सुरक्षित निकालकर ले आए हैं”।
#FlyAI : Dear all, we invite your attention towards this press release . Kind cooperation is solicited. pic.twitter.com/cbTGXIr0tP
— Air India (@airindia) March 22, 2020
एयर इंडिया का क्रू हो या फिर एम्स के डॉक्टर, ये लोग पूरी सावधानी के साथ काम करते हैं ताकि ये वायरस से संक्रमित न हो जाए। इन सभी लोगों को सरकार द्वारा विशेष उपकरण और पोशाकें दी जाती हैं ताकि ये लोग किसी भी प्रकार संक्रमित लोगों के संपर्क में ना आ सकें। ऐसे में इन्हीं लोगों का बहिष्कार करना overreaction ही कहा जाएगा।
बहिष्कार करना ही है तो हमें ऐसा लोगों का करना चाहिए जो social distancing नहीं अपना रहे हैं और जो सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं। corona warriors को सम्मान देना हमारे समाज की ज़िम्मेदारी है और इससे हम भाग नहीं सकते। इन कोरोना योद्धाओं का तिरस्कार करने वालों के खिलाफ सरकार और पुलिस को सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।