‘तुम्हारे लोग Corona से मर गए, कोई बात नहीं अब रोना बंद करो लोग जान जाएंगे’ चीन रोने पर भी पाबंदी लगा रहा

कब्र पर दिखे तो खैर नहीं, चीन सबको डरा-धमकाकर घर में बंद किया है

चीन, वुहान, जिनपिंग, रोना

वुहान वायरस दुनिया में तेजी से फैल रहा है। आज इसका आंकड़ा 7 लाख के पार भी पहुंच सकता है।  ये सब चीन में प्रारंभ हुआ और उसके कुप्रबंधन के कारण आज पूरे दुनिया को एक गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। अब रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं कि चीन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी स्थिति में लोग अपनों मृत परिवार के सदस्यों के लिए सार्वजनिक रूप से ना रोएं।

वुहान प्रान्त की सरकार ने सख्त निर्देश दिए हैं कि 30 अप्रैल तक कोई भी कब्र पर या फिर शमशान घाट पर बड़ी संख्या में नहीं उपस्थित होगा। साफ है कि चीनी 4 अप्रैल को अपने पारंपरिक किंगमिंग समारोह में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, जिसमें वे अपने पूर्वजों के समाधि स्थल पर जाकर उन्हें नमन करते हैं।  हुबेई के अलावा गुआंगझी और झेइजांग प्रांतों ने भी इसी परिपाटी पर प्रतिबंध लगाए।

चीन में हैन चीनी समुदाय द्वारा आयोजित इस समारोह में चीन के अलावा ताइवान, हांगकांग, मकाउ इत्यादि से लोग शामिल होते हैं। इस समारोह में चीनी अपने पूर्वजों के कब्र या समाधि स्थल पर जाकर उन्हें साफ करते हैं और कुछ चढ़ावा देकर लोग ये अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति हेतु लोग प्रार्थना करते हैं।

चीन की इनवेस्टिगेटिव मीडिया आउटलेट Caixin  ने बताया कि कैसे जब हुबेई की राजधानी वुहान में जब मुर्दाघर खुले, तो लोगों को काफी समय तक अपने प्रियजनों के अवशेष पाने के लिए लाइन में लगना पड़ा था। रिपोर्ट के अनुसार, वुहान में कुल आठ मुर्दाघर हैं। यदि सब उक्त मुर्दाघर की भांति काम कर रहे हैं, तो आने वाले दस दिनों में 40000 से ज़्यादा लोगों के अवशेष वितरित किए जा सकते हैं।

वुहान से सामने आई दो रिपोर्टों के अनुसार- दो स्थानीय लोग, अपने प्रियजनों को इस बीमारी को खो चुके हैं, काफी समय तक अपने प्रियजनों के अवशेष पाने के लिए कतार में लगे हुए थे।  Weibo सोशल नेटवर्क पर स्नो in हैंड नामक एक यूज़र बताता है, “मुझे जिला प्रशासन ने बताया कि अगली नोटिस तक मेरे पिता के अवशेष मुझे नहीं मिलेंगे”

चीन के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार साढ़े तीन हजार से ज़्यादा लोग मरे हैं। परन्तु ये ट्रेंड पूरी दुनिया में नहीं दिख रहा है। इटली और स्पेन चीन के आधिकारिक आंकड़ों को पार कर चुके हैं, जबकि अमेरिका के कुल मामले चीन के कुल मामलों से ज़्यादा हो चुके हैं। जब शी जिनपिंग को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की गई, तो अमेरिकी मीडिया पोर्टल जैसे वॉल स्ट्रीट जर्नल, न्यूयॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकारों को बाहर निकाल फेंका गया। परन्तु tencent नामक पत्रिका ने गलती से वास्तविक आंकड़ों की एक झलक दे दी, जिससे चीन की पोल सबके सामने खुल गई।

पिछले कुछ वर्षों में चीन ने अपने नुमाइंदे विश्व के हर शीर्ष बॉडी में स्थापित किए हैं, जिसका उपयोग वे इस महामारी पर जवाबदेही से बचने हेतु कर रहे हैं। WHO ये मानने से मना कर रही थी कि वुहान वायरस एक घातक संक्रमण है, और उसके अध्यक्ष को चीन के इशारों पर चलने के लिए जमकर लताड़ा जा रहा है।

जिस प्रकार से चीन में हालत स्थिर होने पर खबरें सामने आ रही है, उससे स्पष्ट होता है कि चीन दुनिया से सोवियत संघ में चेर्नोबिल त्रासदी के तर्ज पर एक बहुत बड़ी आपदा छुपाई जा रही है, और यदि ऐसा है, तो चीन को इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

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