देश के कुछ लोग हैं जो लॉकडाउन के नियमों को न मानने की कसम खाकर बैठे हुए हैं, और इनकी करतूतों का खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ता है। ऐसा ही कुछ हमें दिल्ली के जहाँगीर पूरी में देखने को मिला है। दरअसल, शनिवार को इस इलाके के सी ब्लॉक में एक ही परिवार के 31 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। बताया जा रहा है कि सभी पीड़ित एक कोरोना संक्रमित महिला के संपर्क में आए थे। कुछ दिन पहले महिला की मौत हो चुकी है। जहांगीरपुरी का सी ब्लॉक और बी ब्लॉक पहले से ही कंटेनमेंट जोन (सील जोन) घोषित था।
ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी लोग एरिया को सील किए जाने के बाद भी एक घर से दूसरे घरों में घूमते-फिरते थे और लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते थे। अब इन सब को कोरोना पॉज़िटिव हो गया है तो इससे इस एरिया में संक्रमण के आंकड़े ऊपर जाने का खतरा बढ़ गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस एक परिवार में 31 लोग रहते थे जिनमें 1 पति, उसकी दो बीवियाँ और 19 बच्चों समेत अन्य रिश्तेदार भी रहते थे। 19 बच्चों में 12 लड़कियां हैं जबकि 7 लड़के हैं। मीडिया में अब यह रिपोर्ट किया जा रहा है कि यह मुस्लिम परिवार लगातार लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा था। अब इन सब लोगों को नरेला के क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया है।
दिल्ली में कोरोना के कुल मामले 1700 को पार कर चुके हैं और इनमें से बड़ी संख्या तबलीगी जमात और धर्म विशेष से जुड़े लोगों की है। पहले तबलीगी वालों ने दिल्ली और देश के कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई को कमजोर किया, अब उसी मानसिकता के लोग अन्य इलाकों में कोरोना को फैलाने में लगे हैं। ऐसा लगता है मानो इस देश का कानून इन लोगों पर लागू होता ही नहीं है। एक विशेष धर्म के कुछ लोगों ने तो मानों इस लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने की कसम ही खा ली है।
सिर्फ जहाँगीरपुरी ही नहीं बल्कि दिल्ली के और भी कई ऐसे इलाके हैं जहां ये लोग इसी तरह लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते देखे जा सकते हैं। उदाहरण के लिए कुछ दिनों पहले ही ज़ी न्यूज़ के मुख्य संपादक सुधीर चौधरी ने मुरादाबाद से एक वीडियो को पोस्ट करते हुए दिखाया था कि कैसे कुछ मुस्लिम युवक सड़कों पर टहलते औ र झुंड में खड़े होकर दिल्ली और केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे थे।
ये मुरादाबाद का नवाबपुरा इलाक़ा है जहां दो दिन पहले मोहल्ले के लोगों ने डॉक्टरों और पुलिस पर पत्थर बरसाए थे।ये #coronavirus का घोषित Hotspot है।मेरे सहयोगी @AmitPrakashRep ने वहाँ से ये तस्वीर भेजी है।ये भी वही मोहल्ला है जहां देश का क़ानून नहीं चलता। pic.twitter.com/JAVcUCheKF
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) April 17, 2020
आज देश का माहौल ऐसा हो गया है कि अगर कोई भी इन लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कुछ बोलता है तो इसे कम्यूनल करार दिया जाता है, और उसपर मुस्लिम-विरोधी होने का टैग लगा दिया जाता है। 31 लोगों के परिवार को खड़ा करने का सबके पास पूरा अधिकार है, लेकिन बड़े परिवार के साथ एक व्यक्ति की जिम्मेदारियाँ भी बढ़ जाती हैं।
बड़े परिवार में यदि किसी के पास खाने के लिए कुछ नहीं हो, पहनने के लिए कपड़े नहीं हों और उनका स्वास्थ्य सही नहीं हो, तो ऐसे बड़े परिवार पर किसी को गर्व तो कतई नहीं होना चाहिए। ऐसे में हम देश के सभी देशवासियों और खासकर कि एक धर्म विशेष के कुछ लोगों से यह अपील करना चाहते हैं कि वे इस देश के लिए ना सही तो कम से कम अपने परिवार के लिए तो नियमों का पालन करने का कष्ट कर लें।