बांग्लादेश ने कहा था- ‘Italy चले जाएंगे लेकिन भारत नहीं जाएंगे’, आज भारत में नदी पार करके बांग्लादेशी कोरोना मरीज आ रहे हैं

बांग्लादेश

बांग्लादेश में कोरोना के कारण हालत बद से बदतर होती जा रही है। मेडिकल सुवधाओं की इतनी कमी हो चुकी है कि बांग्लादेश के नागरिक अवैध तरीके से बॉर्डर पार कर भारत में आने लगे हैं।दरअसल, बांग्लादेश में कोरोना के कुल मामले 5400 पार कर चुके हैं और लगभग 150 मौतें हो चुकी है। विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक बांग्लादेश में मेडिकल सुविधाओं की कमी है और तो और यहां मेडिकल सुविधाएं इतनी महंगी है कि कोरोना से पीड़ित लोग भारत आकर इलाज करवाना चाहते हैं।

बता दें कि रविवार को बुखार से पीड़ित एक बांग्लादेशी युवक कुशियारा नदी में तैरता हुआ भारत की सीमा में अवैध तरीके से घुस आया। यहां पहुंचने पर उसने करीमपुर जिले के मुबारकपुर पहुंचकर ग्रामीणों को बताया कि उसे कोरोना है और उसका इलाज कराने में उसकी मदद करें। युवक की पहचान अब्दुल हक के रूप में हुई और यह युवक बांग्लादेश के सुनामगंज जिले का रहने वाला है। यह जानने वाली बात है कि वहां से करीमगंज का मुबारकपुर इलाका महज चार किलोमीटर की दूरी पर है।

BSF के प्रवक्ता और DIG जेसी नायक ने बताया युवक कुशियारा नदी पार कर रविवार सुबह 7:30 बजे भारतीय सीमा में दाखिल हुआ था। गांव वालों ने उसे देखा तो उसे रोक लिया। उससे बातचीत में पता चला​ कि वह बांग्लोदशी नागरिक है।

जैसे ही युवक ने ये बताया कि उसे कोरोना है तो ये बात सुनकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। इस पूरी घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे बीएसएफ के जवानों ने युवक को हिरासत में ले लिया है। बाद में बांग्लादेशी सेना को बुलाकर युवक को सौंप दिया गया।

DIG नायक ने बताया जांच में अब्दुल ने बताया कि उसे कोरोना है और वह इलाज के लिए भारत में आया है। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश से कोई भारत में इलाज के लिए इस तरह से भाग कर आया है। BBC की रिपोर्ट के अनुसार कोलकाता में सस्ती मेडिकल सुविधा के कारण इस शहर को मेडिकल टूरिज़म यानी चिकित्सा पर्यटन का प्रमुख केंद्र बना दिया गया है।

यह जानकर हैरानी होगी कि पिछले वर्ष भारत में बांग्लादेश के हाई कमिश्नर सैयद मुअज्जम अली ने यह बयान दिया था कि बंगलादेशी भारत आने की बजाए भूमध्य – सागर पार कर इटली जाना पसंद करेगा। उन्होंने कहा था कि पूर्वोत्तर भारत में हमारे यहां से बढ़ते प्रवासियों के लिए बांग्लादेश की बड़ी आलोचना होती है लेकिन, मैं आपको बता दूं कि मेरे देश का कोई भी शख्स भूमध्यसागर तैर कर पार कर लेगा और इटली पहुंच जाएगा लेकिन भारत नहीं आएगा। उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश का हर नागरिक ऐसी जगह जाने का इच्छुक है जहां ज्यादा कमा सके।

बांग्लादेश के अधिकारी ऐसे बयान देते हैं लेकिन वहाँ की बाकी चीजों को छोड़िए, बुनियादी सुविधाओं की इतनी कमी है कि वहाँ से लोग भाग कर भारत आते हैं। कोरोना के कारण यह हालत अब बद से बदतर हो चुकी है। बांग्लादेश में अभी तक जितने लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और जितने लोगों की जांच की जा रही है, उस संदर्भ में मौजूदा संख्या वास्तविक स्थिति की सिर्फ एक झलक मात्र हो सकती है और यह संख्या काफी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। बांग्लादेश के अधिकारियों को ऐसे भारत विरोधी बयान देने से बचना चाहिए और वास्तविकता को देखना चाहिए। विकट स्थिति में भारत जैसे पड़ोसी देश ही मदद करते हैं। भारत ने रविवार को पड़ोसी देश बांग्लादेश को मलेरिया रोधी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की एक लाख टेबलेट और 50 हजार सर्जिकल दस्ताने दिए। बांग्लादेश में भारत की उच्चायुक्त रीवा गांगुली दास ने बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्री जहीद मलिक को आपूर्ति सौंपी है।

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