‘कोरोना वायरस से पहले हम स्वतंत्रता चाहते हैं’, स्पेन में फिर से उठी आजादी की मांग

कोरोना के बाद क्या दो भागों में बंट जायेगा स्पेन ?

कैटालोनिया

एक तरफ पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा है तो वहीं कई देशों में कोरोना के साथ-साथ आंतरिक कलह भी अपना बढ़ने लगी है। यह तो सभी को पता है कि कोरोना से यूरोप की हालत खस्ता हो चुकी है। ऐसे समय में यूरोप के एक देश स्पेन में आंतरिक कलह फिर से जोर पकड़ने लगी है। कोरोना के बीच ही स्पेन के प्रांत कैटालोनिया में एक बार फिर आजादी की मांग उठने लगी है।

कैटेलोनिया के राष्ट्रपति क्विम तोरा (Quim Torra ) ने कैटेलोनिया के भविष्य के लिए स्पेन से आजादी की बातचीत को फिर से शुरू करने की मांग की है। उन्होंने स्पेन के कोरोना वायरस से निपटने के लिए गए कदमों को भी विश्व में सबसे घटिया बताया है।

Quim Torra ने कहा कि “अभी भी राजनीतिक बातचीत को फिर से शुरू करने का समय है। हमारे पास अभी भी राजनीतिक कैदी हैं, और कुछ निर्वासित लोग भी हैं, और हम आत्मनिर्णय के हमारे अधिकार की मांग करते हैं। Quim Torra का इशारा नौ स्वतंत्रता समर्थक नेताओं को सुनाई गयी जेल की सजा की ओर था जिन्हें  2017 में हुए जनमत संग्रह में भाग लेने के लिए सजा सुनाई गयी थी।

Quim Torra  ने द टेलीग्राफ से कहा कि ” हम कोरोनवायरस से पहले स्वतंत्रता चाहते है, इसलिए नहीं कि हम अपने झंडे को फिर से फहरा सके, बल्कि इसलिए कि हम अपने नागरिकों को बेहतर अवसर और सार्वजनिक सेवाएं दे सकते हैं।”

बता दें कि कैटेलोनिया में स्पेन से अलग होने की भावना काफी वर्ष पुरानी है। स्पेन से कैटेलोनिया की सांस्कृतिक और भाषाई भिन्नताएं पुरानी हैं। साल 2015 में कार्लस पुजिमोंट की अगुवाई वाली कैतेलन सरकार आने के बाद से इन कोशिशों में तेज़ी आई थी। पत्रकार रनवीर नायर मानते हैं कि कैटेलोनिया में अलगाववाद का आंदोलन तीन बुनियादों पर खड़ा है- इतिहास, अलग भाषा और राष्ट्रीय गर्व, लेकिन बाद के दिनों में कुछ आर्थिक कारण भी इसमें शामिल हो गए।

यहां आजादी की मांग पहली बार 1977 में उठी थी जब स्पेन में लोकतंत्र की वापसी हुई। 1977 में स्पेन सरकार ने कैटेलोनिया को स्वतंत्र राज्य का दिया था। लेकिन 2006 में एक संवैधानिक अदालत ने कैटेलोनिया के स्‍वायत्त राज्य का दर्जा रद्द कर दिया। इसके बाद यह आजादी की मांग 2010 में एक बार फिर से तेज हुई।

वर्ष 2008 से लेकर 2012-13 तक स्पेन की अर्थव्यवस्था की हालत काफी ख़राब थी। उस दौरान कैटेलोनिया के लोगों को लगा कि हम पहले से अलग हैं तो हम अपना हाल सुधारने की बजाय स्पेन के बाक़ी गरीब हिस्सों का बोझ क्यों उठा रहे हैं।’

2014 में यहां स्पेन से आजादी के लिए पहली बार जनमत संग्रह कराया गया जिसमें 80.8 फीसदी लोगों ने स्पेन से अलग होने के लिए अपना मत दिया। इसके बाद से यहां के लोगों में स्पेन से आजादी की मांग और तेज हो गई।

सितंबर 2017 में स्पेन की सरकार ने बहुमत के साथ एक बार फिर कैटेलोनिया के रिफरेंडम के लिए स्वीकृति प्रदान की लेकिन यहां की अदालत ने रिफरेंडम प्रक्रिया को ही रद्द कर दिया। रिफरेंडम कराने वाले लोगों ने दावा किया 90 फीसदी लोग स्पेन से अलग होने के पक्ष में हैं।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्पेन की अर्थव्यस्‍था में कैटेलोनिया राज्य से हिस्सेदारी 19 फीसदी है। यह राज्य स्पेन का इंडस्ट्रियल हार्टलैंड है। स्पेन का छोटा सा राज्य होने के बावजूद इसकी पर कैपिटा इनकम भी सबसे ज्यादा है। इसके बावजूद स्पेन सरकार ने कैटेलोनिया के हिस्से में एक बड़ा कर्ज दिखाया हुआ है जिसे भरना कभी मुमकिन नहीं होगा। यह कर्ज है 52 बिलियन डॉलर यानी 5200 करोड़ डॉलर का।

यह जानना आवश्यक है कि स्पेन की 16 फीसदी आबादी कैटालोनिया में रहती है और बार्सिलोना कैटालोनिया का सबसे बड़ा शहर है और कैटालोनिया की राजधानी भी है।

कैटेलोनिया की गिनती स्पेन के सबसे समृद्ध और औद्योगीकरण वाले क्षेत्रों में होती है। स्पेन के निर्यात में 25-26 फीसदी हिस्सेदारी कैटेलोनिया की है।’ कैटालोनिया की राजधानी बार्सिलोना में कई बड़ी कंपनियों का मुख्यालय है। यह प्रांत स्पेन के लगभग सभी रासायनिक उत्पादन का केंद्र है। क्षेत्रीय महासंघ के अनुसार, कैटलोनिया में कारोबार ऑस्ट्रिया या डेनमार्क की तुलना में अधिक है। कैटेलोनिया विश्वविद्यालय देश में सर्वश्रेष्ठ में से एक हैं वार्षिक रैंकिंग में शीर्ष पांच स्पेनिश विश्वविद्यालयों में से तीन कैटलन हैं। अपने बार्सिलोना और कोस्टा ब्रावा समुद्र तटों के साथ, कैटेलोनिया ऐसा क्षेत्र है जो विदेशी पर्यटकों को सबसे अधिक आकर्षित करता है। वर्ष 2016 में लगभग 18 मिलियन से अधिक पर्यटक आए थे जो स्पेन आने वाले सभी विदेशियों का एक चौथाई हिस्सा है।

कोरोना ने यह कैटेलोनिया के स्पेन से अलग होने की आशंका बढ़ा दी है क्योंकि स्पेन अब पूरी तरह से तहस नहस हो चुका है और अभी तक 2 लाख 30 हजार कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं तथा 23 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। खास बात यह है कैटेलोनिया में कोरोना के मामले 50 हजार के आसपास है। अगर कभी कैटेलोनिया स्पेन से अलग हुआ तो स्पेन के लिए यह आर्थिक तौर पर भी बड़ा झटका होगा।

Exit mobile version