कोरोनो वैक्सीन ट्रायल के लिए चीन पाकिस्तानियों का इस्तेमाल करेगा और इससे पाकिस्तानी खुश हैं

वैसे जानवरों पर पहले टेस्ट किया जाता है लेकिन चीन ने तो....

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पूरी दुनिया में वुहान वायरस के कारण घिरे चीन ने अब इस वायरस को खत्म करने के लिए वैक्‍सीन बनाने का दावा किया है और वह इसके लिए पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाने जा रहा है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान इसके लिए स्वयं तैयार हुआ है और वहां खुशियां भी मनाई जा रही हैं। दरअसल, वुहान वायरस का गढ़ रहे चीन ने इससे निपटने के लिए एक वैक्‍सीन बनाई है जिसका अगले तीन महीने में पाकिस्तान में ट्रायल किया जाएगा। इसके लिए दोनों देशों के बीच एक करार भी हुआ है।

कोरोना काल में भी चीन ने पाकिस्तान को अपने काबू में कर रखा है और उसे ऐसा जाल में फंसाया है कि अब पाकिस्तान अपने नागरिकों की बलि भी चढ़ाने को राजी हो चुका है। ऐसा लगता है जैसे पाकिस्तान चीन के लिए गिनी पिग बन चुका है। यानि वो देश जहां चीन अपने कोरोना के वैक्सीन की टेस्टिंग करेगा। अगर यह टेस्टिंग कामयाब रहा तो वाहवाही चीन की होगी लेकिन इसका खतरा पाकिस्तान की जनता को उठाना पड़ेगा।

पाकिस्तान के एक टीवी चैनल ने दावा किया है कि चीन ने कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की इजाद कर ली है और वैक्सीन के टेस्ट के लिए पाकिस्तान के लोगों को चुना गया है। पत्रकार सादिया अफजल का दावा है कि एक चीनी कंपनी ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान या एनआईएच को पत्र लिखकर उन्हें वैक्सीन कार्यक्रम शुरू करने की सूचना दी थी।

हैरानी की बात ये भी है सादिया अफजल पाकिस्तान के मंत्री की पत्नी हैं। उन्होंने ये बताया कि पत्र के अनुसार इस पूरी घटना में लगभग 3 महीने का वक्त लगेगा। दावों के अनुसार, यदि पाकिस्तान में क्लीनिकल परीक्षण किए जाते हैं और यह सफल हो जाता है, तो उच्च प्राथमिकता के आधार पर पाकिस्तान वैक्सीन प्राप्त करने वाला पहला राष्ट्र होगा।

बता दें कि दुनिया में कहीं भी कोरोनोवायरस का टीका अभी तक विकसित नहीं हुआ है। पाकिस्‍तानी न्‍यूज चैनल 92 न्‍यूज से बातचीत में पाकिस्‍तान के नैशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ हेल्‍थ के मेजर जनरल डॉक्‍टर आमिर इकराम ने कहा कि चीन ने वैक्‍सीन के ट्रायल के लिए काम शुरू कर दिया है। उन्‍होंने कहा-

ऐसी आशा है कि पाकिस्‍तान में अगले तीन महीने में कोरोना वायरस की वैक्‍सीन लॉन्‍च कर दी जाएगी।

इकराम ने कहा कि कई कंपनियां वैक्‍सीन बनाने का प्रयास कर रही हैं लेकिन चीन ने इसकी खोज कर ली है। उन्‍होंने कहा-

आमतौर पर एक वैक्‍सीन को बनाने में 8 से 10 साल लगते हैं। चीन की बनी नई वैक्‍सीन को कई संस्‍थानों से मान्‍यता मिल गई है। हम इन सब मामलों को बहुत जल्‍द ठीक कर लेंगे।

यहां यह समझना आवश्यक है कि चीन अपने वैक्‍सीन का पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस के मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल करने जा रहा है। यानि अभी इस वैक्‍सीन  के बारे में यह नहीं पता है कि यह किसी मरीज पर कितना कारगर है और कितना खतरनाक है।

शुरू में किसी भी वैक्‍सीन का ट्रायल किसी जानवर पर ही किया जाता जिससे इन्सानों को नुकसान न हो। किसी भी वैक्‍सीन के इंसानों पर ट्रायल के बहुत खतरे होते हैं। इन ट्रायल्स में मरीजों की जान भी जा सकती है या फिर वह ठीक भी हो सकता है।

अगर यह वैक्‍सीन असफल रहता है और किसी प्रकार का अन्य शरीर में रिएक्शन करता है तो उससे  बीमारी और ज्‍यादा फैल सकती है। इन सब खतरों के बावजूद पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार अपने आका चीन को खुश करने के लिए नागरिकों की जान दांव पर लगाने को तैयार हो गई है।

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