पंजाब में मुस्लिम गुर्जर समुदाय के लोगों को अब सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है और कारण यह है कि तबलीगी जमात से संबंध होने के कारण इन लोगों को गांवों में घुसने नहीं दिया जा रहा है। गुर्जर समुदाय के कई लोग दूध सप्लाई के काम में self-employed हैं और अब डेयरी वालों ने इन लोगों से दूध लेने से भी मना कर दिया है।
ऐसा इसलिए क्योंकि हाल ही में लुधियाना जिला के राजगढ़ गांव और चौकीमान गांव में दूध सप्लाई करने वाले गुर्जर समुदाय के दो व्यक्तियों में कोरोना पॉज़िटिव पाया गया है। इसी के बाद से पंजाब के इन दो गांवों में अब गुर्जर समुदाय के लोगों पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गयी है जिसके बाद इन लोगों ने पंजाब सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
पिछले महीने दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज़ में हजारों लोगों ने सभी नियमों और निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था, जिसके कारण ना सिर्फ देश में कोरोना के मामलों ने तेज रफ्तार पकड़ी है, बल्कि देशभर में एक समाज के लोगों की थू-थू भी हुई है। तबलीगी जमात के लोग ना सिर्फ प्रशासन के साथ बुरा व्यवहार कर रहे हैं, बल्कि कई जगह हमलावर भी हो रहे हैं। यही कारण है कि देशभर में तबलीगी जमात ने एक विशेष धर्म के लोगों को कटघरे में खड़ा कर दिया है, जिसकी वजह से ऐसे लोगों पर हमेशा के लिए समाज से बहिष्कृत होने का खतरा मंडराने लगा है।
इस बात में किसी को कोई शक नहीं है कि तबलीगी वालों के खिलाफ देशभर में गुस्सा है। आय दिन तबलीगी जमात से जुड़ी ऐसी खबरें आती हैं जिसे सुनकर लोगों का खून उबाल मारने लगता है। उदाहरण के लिए बिहार से हाल ही में यह खबर आई थी कि ये जमाती नर्स के साथ बदतमीजी करने लगे हैं और उन्हें यह धमकी भी दे रहे हैं कि वे नर्सों की फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देंगे। यह घटना गाजियाबाद में हुई घटना से मिलती है जहां जमाती क्वारंटाइन में बिना पैंट के घूम रहे थे और नर्सों को गलत-गलत इशारे कर रहे थे।
वहीं हाल ही में यह खबर भी सामने आई थी कि दिल्ली के द्वारका में क्वारंटाइन किए गए कुछ तबलीगी जमात के लोग स्वास्थ्य कर्मियों पर थूक रहे थे और वे पेशाब से भरी बोतलों को उनपर फेंककर मार रहे थे। इन तबलीगी जमात वालों की वजह से एक धर्म लगातार बदनाम हो रहा है और लोग अब इन लोगों का बहिष्कार करना शुरू कर चुके हैं, क्योंकि तबलीगी जमात वालों का तो पता नहीं, लेकिन बाकी सब को अपनी जान बहुत प्यारी है।
तबलीगी कांड के कारण जो घटना पंजाब के एक गांव में घटी है, वो शायद देश के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिले। तबलीगियों के कारण देश के सभी मुस्लिमों से रोजगार छिनने का डर बढ़ गया है, क्योंकि देश के अधिकांश मुस्लिम informal सेक्टर में ही एम्प्लॉयएड हैं।
पंजाब में गुर्जर समुदाय के लोगों ने अब उन गांव के लोगों के खिलाफ शिकायत की है, जो उन्हें गांव में घुसने नहीं दे रहे हैं, लेकिन गांव के लोगों की जागरूकता और social distancing को बहिष्कार और भेदभाव का नाम नहीं दिया जा सकता। इससे समाज में बंटवारा और ज़्यादा ही बढ़ेगा। देशभर में मुस्लिमों के खिलाफ गुस्से को कम करने और जागरूकता फैलाने के लिए मुस्लिम धर्म से संबन्धित प्रतिष्ठित लोगों को सामने आना होगा और तबलीगी जमात के लोगों की भर्त्सना करनी होगी।
इसी के साथ-साथ तबलीगी जमात के लोगों को भी सामने आकर सरकार और प्रशासन के साथ मिलकर काम करना होगा, तभी इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि अभी तक तबलीगी जमात का समर्थन करने वाले तो बहुत लोग सामने आ चुके हैं, लेकिन इनकी निंदा करने की हिम्मत अभी तक किसी ने नहीं दिखाई है, जो मुस्लिम धर्म के लोगों को समाज से दूर करने का सबसे बड़ा कारण बनकर उभरेगा।