पहले UPI और अब ‘आरोग्य सेतु’, भारत की सरकारी एप्प दुनिया को एक नई राह दिखा रही हैं

आरोग्य सेतु एप्प दुनियाभर चर्चा बटोर रहा है

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सही कहा गया है, आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। जिस वुहान वायरस ने संसार में त्राहिमाम मचा रखा है, उसमें भारत का एक एप्प पूरे विश्व के लिए एक अनोखा उदाहरण बना हुआ है। अपने नागरिकों की सेहत का ध्यान रखने के लिए भारत ने हाल ही में आरोग्य सेतु एप्प बनाया, और अब विश्व भर की बड़ी बड़ी कंपनियां ना केवल उस एप्प से प्रभावित है, अपितु इस एप्प का अनुसरण करना चाहती हैं।

नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेन्टर द्वारा विकसित यह एप्प गूगल प्ले स्टोर और एप्पल के एप्प स्टोर दोनों पर उपलब्ध है। ये आपके फोन नंबर, जीपीएस और ब्लूटूथ का प्रयोग कर बता सकता है कि कैसे ये एप्प आपकी COVID 19 से संबंधित कई समस्याएं हल कर सकता है।

ये एप्प ना केवल उपभोक्ता के निजी अधिकारों का सम्मान करता है, बल्कि यह भी पता लगाता है कि उपभोक्ता कहीं वुहान वायरस से संक्रमित लोगों या उस क्षेत्र में तो नहीं।

ये एप्प कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में बहुत सहायक है, क्योंकि इससे इकट्ठा हुआ डेटा काफी हद तक बता सकता है कि संक्रमित व्यक्ति किस हद तक जाने अंजाने इस महामारी को फैला सकता है।

बता दें कि इसी कदम पर चलते हुए दक्षिण कोरिया ने वुहान वायरस को लगभग नियंत्रण में कर लिया है। अब नए मामले दहाई के आंकड़ों में है, जबकि रोजाना मृत्यु केवल सिंगल डिजिट में दर्ज हो रही है। इतना ही नहीं, दक्षिण कोरिया के प्रशासन की सतर्कता और कुशलता के कारण कुल संक्रमित हुए 10000 से अधिक मामलों में लगभग 7500 मरीज़ पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।

इसी प्रकार से आरोग्य सेतु एप वुहान वायरस से संक्रमित लोगों को ढूंढने में ना केवल सफल रही है, बल्कि देश में। काफी लोकप्रिय भी रही है। लॉन्च हुए एप को अभी एक माह भी पूरा नहीं हुआ है और 1 करोड़ से ज़्यादा लोग इस एप्प को डाउनलोड कर चुके हैं।

भारत के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के विजय राघवन के अनुसार ये एप्प इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि कोई कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाता है तो उसे और उससे संबंधित व्यक्तियों को ढूंढने में आसानी रहेगी।

अब प्रश्न ये उठता है कि आरोग्य सेतु एप्प के साथ यूपीआई की बात क्यों की जा रही है? दरअसल, यह एप्प इतना लोकप्रिय हो चुका है कि विश्व बैंक और गूगल तक इस एप की प्रशंसा कर रहा है।

अपनी रिपोर्ट में वर्ल्ड बैंक कहता है कि डिजिटल तकनीक से वुहान वायरस के मामलों में अप्रत्याशित उछाल को रोका जा सकता है। ऐसे स्वैच्छिक योगदान काफी कारगर रहे हैं और हाल ही में भारत ने इसी दिशा में एक एप्प लॉन्च किया है, को स्मार्टफोन के लोकेशन डेटा से संक्रमण का पता लगा सकती है।

इसी प्रकार से कुछ वर्ष पहले लॉन्च हुई UPI पेमेंट गेटवे सिस्टम ने विश्व में अपनी धाक जमा के रखी है। गूगल ने स्वयं अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व को UPI के तर्ज पर एक एप्प इजाद करने की सलाह दी थी। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो आरोग्य सेतु एप्प भी UPI के तर्ज पर विश्व भर में भारत का नाम बढ़ा सकती है।

अब एप्पल और गूगल भी आरोग्य सेतु की तर्ज पर एप्प विकसित कर रहे हैं, जिससे वुहान वायरस से संक्रमित व्यक्ति का पता लगाने में आसानी हो।

इसी परिप्रेक्ष्य में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ट्वीट करते हैं, भारत को COVID 19 के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में बहुत आगे चल रहा है। बहुत अच्छा लगा यह देखकर कि गूगल और एप्पल भी हाथ बंटा रहे हैं

भारत ने यूं तो आरोग्य सेतु एप्प का आविष्कार वुहान वायरस से संक्रमण को रोकने के लिए किया था, पर अब लगता है कि यह विश्व को इस महामारी से लड़ने में एक नई राह दिखा रहा है। ऐसे में यह कहना अनुचित नहीं होगा कि भारत एक बार फिर विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है, और इस बार उनके नेतृत्व में वुहान वायरस नामक महामारी का संहार भी संभव है।

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