चीन जिस तरह कोरोनावायरस के मुद्दे पर लगातार गैर-जिम्मेदाराना ढंग से व्यवहार कर रहा है, उसने दुनिया में चीनी सरकार के खिलाफ गुस्सा भर दिया है। शायद यही कारण है कि अब चीनी सरकार और दुनियाभर में मौजूद चीनी दूतावास हैकरों के निशाने पर भी आ गए हैं और ये हैकर्स लगातार चीनी सरकार की वेबसाइट्स को हैक करने की कोशिश कर रहे हैं। माना जा रहा है कि जिस तरह चीन पूरी दुनिया से कोरोनावायरस से जुड़े सही आंकड़े छुपा रहा है, उसी कारण ये हैकर अब चीनी सरकार पर ऑनलाइन हमला बोल रहे हैं ताकि किसी प्रकार की सही जानकारी का पता लगाया जा सके।
बता दें कि चीन की सबसे बड़ी वेब सिक्योरिटी प्रोवाइडर कंपनी कीहू 360 ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि अप्रैल महीने से लेकर अब तक करीब 200 बार उनके VPN पर अटैक देखने को मिले हैं। कंपनी ने यह भी दावा किया है कि ये अटैक प्रतिष्ठित हैकरों के एक संगठन “Darkhotel” द्वारा किए जा सकते हैं, जो कि पूर्वी एशिया से ऑपरेट करता है। यह भी जानकारी सामने आई है कि पिछले कुछ दिनों में इटली, यूके, उत्तर कोरिया और थाइलैंड में स्थित चीनी दूतावासों पर ये साइबर हमले हुए हैं।
केवल चीनी वेबसाइट्स पर ही नहीं, बल्कि ऐसे ही साइबर हमले हाल ही में डबल्यूएचओ की वेबसाइट्स पर भी देखने को मिले हैं। WHO के साथ-साथ बीजिंग में भी ऐसे ही साइबर हमले लगातार किए जा रहे हैं। कोरोनावायरस के समय में जब सभी लोग अपने-अपने घरों से काम कर रहे हैं, तो ऐसे में साइबर सेक्यूरिटी को एक बड़ी चुनौती मिलना शुरू हो गयी है, और हैकर्स इस अवसर को चीन के खिलाफ जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं।
कोरोनावायरस के समय चीन और WHO पर लगातार इस बीमारी से जुड़े सही तथ्यों को छुपाने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि चीन कोरोना से जुड़े मामलों और इस बीमारी से हुई मौतों को भी कई गुना तक कम करके दुनिया को बता रहा है। वहीं दुनिया में कुछ नेताओं ने इस ओर भी इशारा किया है कि चीन इस वायरस की मदद से जियो-पॉलिटिकल लाभ उठाना चाहता है। जिस प्रकार अब हैकरों ने चीन को निशाना बनाना शुरू कर दिया है, उससे इस बात की आशंका भी काफी बढ़ गयी है कि ये हैकर सही जानकारी प्राप्त करने और कोरोनावायरस के बारे में असली तथ्य जानने के लिए ऐसे हमले कर रहे हैं, जिसने चीन को चिंता में डाल दिया है।
जहां तक साइबर वारफेयर की बात है, तो चीन के हैकर्स दुनिया की साइबर सिक्योरिटी को नुकसान पहुंचाने के मामले में सबसे ज़्यादा बदनाम है। चीनी हैकर्स पर समय-समय पर पश्चिमी देशों पर ऐसे साइबर हमले करते रहते हैं। कोरोनावायरस के समय अब चीनी साइबर सिक्योरिटी कमजोर हुई है, तो इन हैकरों ने चीन को उसी की भाषा में जवाब देने का मन बना लिया है। हैकिंग को आम-तौर पर निजता के हनन के लिए अनैतिक माना जाता है, लेकिन जब बात चीन जैसे देश से सही जानकारी निकालने की हो, तो ऐसे प्रयासों का समर्थन करना आवश्यक हो जाता है।