सोमवार को अधिकांश केंद्रीय मंत्रालयों के अफसरों ने दोबारा कार्यालय का पदभार संभाला, क्योंकि पीएमओ की ओर से निर्देश दिए गए कि लॉकडाउन चाहे बढ़े या नहीं, लेकिन केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय सक्रिय होने चाहिए। इसी परिप्रेक्ष्य में गृह मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि उनके द्वार सदैव खुले रहेंगे और जी किशन रेड्डी या नित्यानंद राय में से कोई एक व्यक्ति सदैव उपस्थित रहेगा.
इसके पीछे प्रमुख कारण है गृह मंत्री अमित शाह की सक्रियता, जिसने सुनिश्चित किया की गृह मंत्रालय कभी भी बंद ना दिखाई दे। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साथ लेकर चलना हो, समस्याओं का निवारण करना हो, या फिर उपद्रवियों पर कार्रवाई ही क्यों ना करनी हो, गृह मंत्रालय हमेशा सेवा में उपस्थित दिखी।
हालांकि यह निर्देश स्पष्ट रूप में जारी नहीं हुआ है, परन्तु पिछले कुछ दिनों से दोनों मंत्री काफी सक्रिय रहे हैं। दोनों डे नाइट शिफ्ट में काम कर रहे हैं, ताकि गृह मंत्रालय हमेशा खुला रहे। इन दोनों ये अलावा पूरे समय केंद्रीय गृह मंत्रालय सचिव अजय भल्ला भी काफी सक्रिय दिखे हैं। वे अवकाश के दिन भी ऑफिस में सक्रिय रहे हैं।
केंद्रीय गृह सचिव के अलावा छह अतिरिक्त सचिव और 14 संयुक्त सचिव भी रोजाना ऑफिस आते रहे हैं। यह स्थिति 24 मार्च से ही लागू है। कोरोनावायरस संकट के बीच एकीकृत कमांड सेंटर भी 24 घंटे काम करता है।
पूरे देश में क्या हो रहा है, इसके तालमेल के लिए कमांड सेंटर में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के कर्मचारी मौजूद रहते हैं. हर शिफ्ट में NDRF के 15 लोग रहते हैं। इमारत के अंदर घुसने से पहले सबकी अच्छे से जांच की जाती है। गृह मंत्रालय द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को भेजा जाता है।
बता दें कि कोरोनावायरस को लेकर किए गए लॉकडाउन के दौरान, केंद्र सरकार के अधिकांश मंत्री घर से काम रहे थे। पीएमओ के निर्देश के बाद आज से (सोमवार) मंत्रियों ने दफ्तर आकर कामकाज करना शुरू किया है। सूत्रों ने इससे पहले जानकारी दी थी कि पीएमओ की ओर से सभी मंत्रियों को निर्देश दिया गया है कि वे सोमवार से अपने-अपने दफ्तर जाएं –
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस को दिल्ली में दंगे भड़काने वालों के विरुद्ध युद्ध स्तर पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वुहान वायरस से मोर्चा संभालने के कारण ये लड़ाई ठंडे बस्ते में डाल दी गई, जिससे अमित शाह काफी असंतुष्ट नजर आए। फलस्वरूप दिल्ली पुलिस ने काफी तगड़ी कार्रवाई करते हुए एक दिन में ही 800 से ज़्यादा उपद्रवियों को हिरासत में लिया है।
जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार- जब दिल्ली पुलिस के वर्तमान प्रमुख एसएन श्रीवास्तव ने उन्हें जब हालातों से अवगत कराया, तो अमित शाह ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि स्थिति कैसी भी हो, कार्रवाई नहीं रुकनी चाहिए। मंत्रालय का यह जवाब तब आया जब क्राइम ब्रांच की कुछ टीम घर से ही काम करना शुरू कर चुकी थी, जिसके कारण कई जगह गिरफ्तारियां कम हो गई थी।
लॉक डाउन की सफलता के लिए गृह मंत्रालय की सक्रियता काफी अहम है। कानून व्यवस्था से लेकर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति तक सभी प्रकार की आवश्यकता हेतु गृह मंत्रालय पूरी तरह तैयार है। इससे एक बार फिर अमित शाह ने सिद्ध कर दिया किं कैसे वे देश को हर प्रकार के संकट से निकालने हेतु प्रतिबद्ध है।