“घर पर बोर हो रहा था, इसलिए यात्रा की” LockDown के बीच छत्तीसगढ़ के मंत्री ने 250 km. लंबी ड्राइव की

वाह क्या बहाना है!!

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कांग्रेस एक बार फिर से सुर्खियों में है, और इस बार भी गलत कारणों से। छत्तीसगढ़ में एक मंत्री को हाल ही में नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ा गया। छत्तीसगढ़ के वाणिज्य मंत्री कवासी लखमा अपने घर से एक साधु से मिलने हेतु 250 किलोमीटर लंबी यात्रा की। इस दौरान उनका पूरा काफिला उनके साथ चला था.

ना तो किसी ने कोई मास्क पहना था और ना ही कोई सुरक्षा उपकरण। इसके बावजूद उन्होंने इतनी लंबी यात्रा की, और जब उनसे कारण पूछा गया, तो ज़रा जवाब सुनिए- मैं घर पर पड़े पड़े बोर हो गया था, इसलिए मैंने यह यात्रा की”

बता दें कि वुहान वायरस से संक्रमण के मामले में आश्चर्यजनक रूप से छत्तीसगढ़ ने काफी बेहतरीन काम किया है, और कुल 36 मामलों में 24 ठीक भी हो चुके हैं। नए मामले छोड़िए, छत्तीसगढ़ देश के उन चंद राज्यों में शामिल है जहां एक भी व्यक्ति इस महामारी से नहीं मरा है।

परन्तु कवासी लखमा जैसे लोगों के कारनामे देखकर लगता है कि ये सारे किए कराए पर पानी फेरने के लिए तैयार हैं।

हालांकि यह पहला ऐसा अवसर नहीं है, जब इस तरह का VVIP ऐटिट्यूड किसी ने दिखाया हो। लॉकडाउन के समय भी एचडी कुमारस्वामी अपने पुत्र निखिल की धूम-धाम से विवाह की। विवाह यूं तो रामनगर क्षेत्र के पास एक बड़े से मैदान में होनी थी, परन्तु लॉक डाउन के चलते उन्होंने समारोह स्थल को फॉर्महाउस के पास शिफ्ट कर दिया है। परन्तु लॉक डाउन के बावजूद कुमारस्वामी के पुत्र की शादी हुई और सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटी. न किसी ने मास्क पहना था न ही किसी ने सोशल डिस्टेसिंग का पालन किया।

ये पहला अवसर नहीं है जब कांग्रेस के क्षेत्रीय इकाइयों ने पार्टी की देश भर में नाक कटवाई हो। हाल ही में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने गैर-आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रारंभ कर दी है। अजय माकन के अनुसार केंद्र सरकार ई कॉमर्स कम्पनियों को अधिक प्राथमिकता दे रही है।

हालांकि कांग्रेस महाराष्ट्र और राजस्थान में अपने ही प्रशासित सरकारों द्वारा इस आरोप को सत्य सिद्ध करते दिखाई दी है। विश्वास नहीं होता तो इन ऑर्डर्स को ही देख लीजिए।

इन दिशा निर्देशों के अनुसार महाराष्ट्र और राजस्थान में सरकारों ने ई कॉमर्स कम्पनियों को गैर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए भी पूरी छूट दी है।

इतना ही नहीं, जब पूरे राजस्थान में जहां स्वास्थ्य सुविधाओं के लेने के देने पड़ गए, वहां पर जब भीलवाड़ा का स्थानीय मॉडल चमकने लगा, तो इस पर क्रेडिट लूटने में कांग्रेस हाईकमान सर्वप्रथम आ खड़ा हुआ। केंद्र सरकार युद्धस्तर पर इस महामारी से जूझ रही है, पर कांग्रेस को अभी भी तुच्छ राजनीति में ही मजा आ रहा है।

इससे ज़्यादा हास्यास्पद क्या होगा कि जो पार्टी नैतिकता की दुहाई देते हुए छोटे व्यापारियों के अधिकारों की बात करें, वह स्वयं कांग्रेस शासित राज्यों में नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इनके नेता पकड़े जाते हैं। इसे देखकर तो एक ही बात याद आती है, हिपोक्रेसी की भी सीमा होती है भाई!

ये वही कांग्रेस है जो अफवाह फैलाती है कि नौ मिनट के लिए सभी लाइट बंद करने पर पूरे देश के बिजली व्यवस्था का बंटाधार हो जाएगा और पावर ग्रिड फ़ेल हो जाएगी। खैर इनकी सोच कितना सच हुआ वो तो सभी को पता है.

एक कहावत तो बहुत सुनी होगी आपने, पर उपदेश कुशल बहुतेरे। इसका अर्थ स्पष्ट है, कुछ लोग दूसरों को खूब उपदेश देते हैं, पर स्वयं पर उस उपदेश को कभी लागू नहीं होते। कांग्रेस को दूसरों को ज्ञान बांचने से पहले अपने गिरेबान में भी झांककर देख लेना चाहिए।

ऐसे में छत्तीसगढ़ पर किसी तरह कोरोना का प्रभाव बेहद कम है और कांग्रेसी नेताओं को ऐसी कोई गलती नहीं करनी चाहिए जिससे वहां की आम जनता को महामारी की मार झेलनी पड़े.

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