‘आपसे नहीं होता तो हम AIIMS को जिम्मेदारी दे देंगे’, शाह के सख्त तेवर के बाद ICMR ने Rapid Testing शुरु की थी

'क्या बात करते हो! कोरोना की कब्र खोद देंगे हम'

'आपसे नहीं होता तो हम AIIMS को जिम्मेदारी देंगे', शाह के सख्त तेवर के बाद ICMR ने रेपिड टेस्टिंग शुरु की थी

भारत में कोरोना ने कोहराम मचाया हुआ है। पूरे देश में मामलों की टेस्टिंग का जिम्मा ICMR को सौंपा गया। पिछले कुछ दिनों से ICMR ने अपने काम में तेजी लाते हुए अधिक टेस्ट करना शुरू किया था। अब बताया जा रहा है कि ICMR के अधिक टेस्ट करने के पीछे गृह मंत्री अमित शाह के सख्त निर्देश हैं।

कोरोना के मद्देनजर केंद्र सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का निर्णय किया है। गृह मंत्री अमित शाह भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। The Hindu की एक रिपोर्ट के अनुसार अमित शाह ने ICMR को टेस्टिंग के काम में तेज़ी लाने और अधिक से अधिक जांच करने के निर्देश दिये थे।

इस रिपोर्ट के अनुसार भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने केंद्रीय गृह मंत्री के हस्तक्षेप पर COVID-19 परीक्षण करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या का विस्तार किया। 30 जनवरी से पहले COVID-19 पॉजिटिव केस का पता चलने के बाद, सभी नमूनों को केवल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV), पुणे भेजा जाता था। जैसा ही पॉज़िटिव मामलों में वृद्धि हुई और परीक्षण को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई, ICMR को परीक्षणों का संचालन करने के लिए अधिक प्रयोगशालाओं को इस काम में लगाने के लिए कहा गया।

मार्च महीने में एक बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने ICMR के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव से कहा कि वे अधिक प्रयोगशालाओं को शामिल करें जो परीक्षण कर सकें, अन्यथा यह जिम्मेदारी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) को दी  जाएगी। इस रिपोर्ट के अनुसार 17 मार्च को ICMR ने COVID-19 के परीक्षण के लिए 72 नए प्रयोगशालाओं जिम्मा सौंपा और उसी के लिए परीक्षण मानदंडों को भी संशोधित किया। 23 मार्च को ICMR ने फास्ट ट्रैक फैसला लेते हुए सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में COVID-19 परीक्षण किटों के उपयोग के लिए मंजूरी दी।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की तरफ से 24 मार्च को जारी आंकड़ों के मुताबिक 118 लैब अब 12000 टेस्ट रोजाना करने को तैयार हैं। लव अग्रवाल ने कहा कि अब 29 निजी लैब अपने 16000 कलेक्शन सेंटर के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये सैंपल कलेक्शन आईसीएमआर के गाइडलाइन के मुताबिक किया जा रहा है।

इससे स्पष्ट होता है कि किस तरह से गृह मंत्री अमित शाह भारत की कोरोना से लड़ाई में सक्रिय हैं। वे न सिर्फ ICMR की टेस्टिंग पर नजर रखे हुए हैं बल्कि राज्यों से समन्वय स्थापित करने में भी अहम रोल निभा रहे है। किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में यदि कोई समस्या खड़ी हो रही है तो गृह मंत्रालय उसे भी हल करने में मदद कर रहा है। गृह मंत्रालय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कानून-व्यवस्था पर निगरानी रखने के साथ ही देशभर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है।

लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों के बड़े पैमाने पर पलायन करने से पैदा हुई स्थिति की निगरानी, उनके आश्रय, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की निगरानी का काम भी गृह मंत्रालय कर रहा है।

अमित शाह द्वारा ICMR को टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश के कारण ही कोरोना के बढ़ते मामलों को पकड़ने में मदद मिली, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को quarantine किया गया। भारत ने समय रहते अभी तक जितना भी कोरोना पर कंट्रोल किया है, उसका पूरा श्रेय केंद्र सरकार, भारतीय वैज्ञानिकों और ICMR के विशेषज्ञों को जाता है। ICMR ने शुरू से ही सोशल डिस्टेन्सिंग के महत्व को दोहराया था। उन्होंने कहा कि अध्ययन से संकेत मिलता है कि एक COVID-19 रोगी 30 दिनों में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है, यदि वह लॉकडाउन का पालन नहीं करता है।

अब अमित शाह का गृह मंत्री के तौर पर गृह विभाग से लेकर देश में कोविड-19 प्रयोगशालाओं की संख्या और रोजाना कितने टेस्ट हो रहे हैं तक की खुद से मॉनिटर कर रहे हैं. ऐसे में इस सक्रियता के साथ जल्द ही हम कोरोना को हराकर दम लेंगे.

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