कोरोना का बहाना बनाकर इमरान ने IMF से भीख मांगा, लेकिन IMF ने पाक को छोड़कर 25 देशों को कर्ज दिया

तुम हमेशा भीख मांगने आ जाते हो, चलो किनारे हटो'

दुनिया में दो शाश्वत सत्य है – सूर्य पूर्व दिशा से उदय होता है और पाकिस्तान हर जगह भीख मांगता है। आतंक के अलावा कोई और वस्तु ना एक्सपोर्ट करने के कारण पाकिस्तान की आर्थिक हालत बहुत पतली है, और वुहान वायरस मानो उसके लिए कोढ़ में खाज के समान है।

हाल ही में पाकिस्तान ने विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से सहायता मांगी, ताकि वुहान वायरस के समय वे अपनी अर्थव्यवस्था को संभाल सके। इसी परिप्रेक्ष्य में आईएमएफ ने कुछ देशों के लिए विशेष पैकेज का ऐलान किया, पर उन 25 देशों में पाकिस्तान का नामोनिशान नहीं था।

आईएमएफ द्वारा गठित आपदा प्रबंधन एवं राहत ट्रस्ट अथवा  CCRT फंड के अन्तर्गत 25 देशों के लिए फंड अप्रूव कराए। इसमें कई अफ्रीकी देश जैसे सिएरा लियोन, बुर्किना फासो इत्यादि शामिल हैं। यहां तक कि अफगानिस्तान को भी इस फंड के अन्तर्गत सहायता प्रदान की गई है, पर पाकिस्तान को ऐसी कोई सुविधा नहीं मिली है।

बता दें कि पाकिस्तान भी वुहान वायरस की चपेट में आ चुका है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में अभी तक 5700 से अधिक लोग संक्रमित हैं, और 150 से अधिक लोग मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं। इस बीच पक प्रधानमंत्री इमरान खान ने दरख्वास्त की कि पाकिस्तान को सभी अंतरराष्ट्रीय संस्था उसकी हालत देखते हुए कर्ज प्रदान करे।

पाकिस्तान में कोरोना के खिलाफ लड़ाई इस प्रकार लड़ी जा रही है कि आज के समय यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति भी इस देश में चला जाए, तो वो भी कोरोना समेत कई खतरनाक बीमारी अपने साथ लेकर आएगा। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है, स्वस्थ लोग बीमार पड़ रहे हैं, दवा-मास्क की कमी हो गयी है, कोरोना के मामले 500 पार कर गए हैं और पाकिस्तान की जनता समेत सरकार एक दम chill हैं, मानो उनके लिए ऐसी स्थिति कोई आम बात हो!

पाकिस्तान एक देश और एक सिस्टम के तौर पर कैसे काम करता है, इसे आप कोरोना के खिलाफ उसकी लड़ाई में भली-भांति देख सकते हैं। इस साल की शुरुआत में जब चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस के मामले मिलना शुरू हुए थे, तब वुहान में फंसे पाकिस्तानी छात्रों ने उन्हें वहां से बाहर निकालने के लिए कहा था। तब पाकिस्तानी अधिकारियों से उनके कहा था “ज़िंदगी और मौत तो अल्लाह के हाथ में होती है, यहां आना हो चाहे वहां आना हो”।

आज वुहान वायरस की वजह से पूरी दुनिया लॉकडाउन हुई पड़ी है। शहर के शहर, कई देश बंद हैं लेकिन इमरान खान ने अपने यहां लॉकडाउन करने से साफ मना कर दिया। इसके बचाव में उन्होंने दलील दी कि अगर लॉकडाउन किया तो पाकिस्तानी जनता कोरोना की बजाय भूख से मर जाएगी। उन्होंने कहा “अगर शहर बंद किए जाते हैं तो लोगों को कोरोना वायरस से तो बचा लिया जाएगा, लेकिन वे भूख से मर जाएं”।

परन्तु बात यहीं पर नहीं रुकती। कराची में लोग Rehrri Ghoth पर राशन पाने के लिए कतार में खड़े हो गए। परंतु जब हिंदुओं ने राशन लेने का प्रयास किया, तो उन्हें यह कहकर भगा दिया कि राशन केवल मुसलमानों के लिए है। इसके अलावा Liyari, Sachal Ghoth और कराची के अन्य हिस्सों, यहाँ तक कि पूरे सिंध में इस प्रकार का भेदभाव देखा गया। राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ॰ अमजद आयूब मिर्ज़ा ने बताया कि यह समस्या पूरे सिंध में व्याप्त है, और भारत को बिना विलंब हस्तक्षेप करना चाहिए।

शायद इसलिए अब आईएमएफ भी पाकिस्तान को कर्ज देने से मना कर रही है, क्योंकि बंदर के हाथ में तलवार देकर अपनी जान जोखिम में क्यों डालना? सच कहें तो पाकिस्तान के लिए आज भी दो ही चीज़ मायने रखती है – कट्टरपंथ और कश्मीर। इसके अलावा कोई भी चीज़ Pakistan की प्राथमिकता में कहीं नहीं ठहरते।

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