एक हफ्ते में ही वुहान में दोबारा लॉकडाउन, चीन को अब समझ आया कि खुशी मनाने में जल्दबाज़ी कर दी

वुहान एक बार फिर लॉक डाउन के मुहाने पर

वुहान

PC: The Economic Times

जो दिखता है, ज़रूरी नहीं है कि वैसा ही हो। अभी चीन की ओर से दावा किया जा रहा है कि वे वुहान वायरस के विरुद्ध जंग जीत चुके हैं और आम जनजीवन जल्द ही पटरी पर आ रहा है। परंतु जमीनी हकीकत तो कुछ और ही बयां कर रही है।

सूत्रों से ये बात सामने आई है कि वुहान शहर में चीनी प्रशासन एक बार फिर lockdown लगाना चाहता है, क्योंकि उसे आभास हो रहा है कि asymptomatic मामलों में एक अप्रत्याशित उछाल आया है, जिसके चक्कर में वुहान प्रशासन ने अपने नागरिकों को घरों में रहने का निर्देश दिया है। इसका अर्थ स्पष्ट है – चीन को डर है कि कहीं वुहान वायरस एक बार फिर से न लौट आए। यह तो वही बात हो गयी कि एक कदम आगे बढ़ाकर दो कदम पीछे खींच लिए।

बता दें कि वुहान वायरस की उत्पत्ति चीन के गंदे, मटमैले वेट मार्केट्स में हुई थी, जिसके कारण पूरी दुनिया इस बीमारी से जूझ रही है। अब तक 10 लाख से ज़्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं, और करीब 60 हज़ार से ज़्यादा लोग इसके कारण मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं। चीन ने बड़े दिनों के बाद देशभर में लगाए गए lockdown को हटाने का निर्णय किया था, जिससे वे अपनी अर्थव्यवस्था को वापिस पटरी पर ला सके –

इसी कारण चीन वुहान में 9 हफ्ते लंबे lockdown को हटाने की जद्दोजहद में लग गया। इसके अलावा ये देश दुनिया भर में दोयम दर्जे के मास्क, टेस्टिंग किट इत्यादि एक्सपोर्ट करने लगा। परंतु बात यहीं पर नहीं रुकी, चीन तो वेट मार्केट्स को खोलने की भी तैयारी कर ली।

अब अचानक से asymptomatic मामलों में बढ़ोत्तरी होने लगी, जिसके कारण अब यह अटकलें लगाई जाने लगी है कि कहीं चीन में वुहान वायरस एक बार फिर दस्तक तो नहीं देने जा रहा। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट की माने तो ऐसे silent कैरियर की संख्या 4000 से ज़्यादा है। ऐसे मामले अब तक 1075 का आंकड़ा पार चुके हैं, जिसमें 742 केवल हूबेई प्रांत से सामने आए हैं। हालांकि, चीन का वास्तविक स्वरूप क्या है, ये जानते हुए किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए यदि वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं ज़्यादा निकले।

इससे ज़्यादा चिंताजनक बात तो यह है कि वुहान में परिवहन को काफी हद तक बहाल कर दिया गया और 8 अप्रैल तक चीन में आम आवाजाही के लिए भी रास्ते खुल जाएंगे। ऐसे में यदि मामलों पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो चीन में वुहान वायरस की एक दूसरी लहर और बड़ी मुश्किल खड़ी करने सकता है, जो विश्व के लिए भी काफी घातक साबित हो सकती है।

परंतु चीन को देखकर ऐसा बिलकुल नहीं लगता कि उन्हे इस बात की ज़रा भी चिंता है। उनके मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की माने तो यह asymptomatic पेशंट सब इम्पोर्टेड केस हैं। वुहान वायरस के कारण चीन की अंतर्राष्ट्रीय छवि वैसे ही रसातल में है, और अब इन खबरों से उसके छवि में कोई भी सुधार दूर दूर तक नहीं दिखाई देता।

चीन की शैतानी के कारण इटली, ईरान, स्पेन और अब अमेरिका में त्राहिमाम मचा हुआ है, पर बीजिंग को  केवल अर्थव्यवस्था के चलने से मतलब है, चाहे इसके लिए लाखों लोगों की बलि ही क्यों न चढ़ानी पड़े।

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