इंदौर कांड: ‘मेरा दिमाग ठनका तो मानवाधिकार गैंग भी बचाने नहीं आएगा’ मामा ने 3rd गियर लगा दिया है

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कोरोना के संकट में समुदाय विशेष का आतंक जारी है. चाहे वह पुलिस को पीटने को लेकर हो, चाहे वह नर्सों, डॉक्टरों के साथ छेड़खानी, हमला ही क्यों न हो. इस समुदाय के लोगों ने वो सब किया है जो एक आतंकी करना चाहता है. इंदौर के टाटपट्टी का मामला अभी गर्माया हुआ है. यहां जिन उपद्रवी लोगों ने डॉक्टरों पर हमला बोला था उन्हें सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके साथ ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बड़े सख्त लहजे में उपद्रवियों को संदेश दिया है कि किसी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा.

दरअसल, इंदौर की घटना के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर प्रदेश के उपद्रवियों को संदेश देते हुए कहा कि-ये सिर्फ़ एक ट्वीट नहीं है। ये कड़ी चेतावनी है…मानवाधिकार सिर्फ़ मानवों के लिए होते है।

 

शिवराज चौहान ने इस घटना पर सख्त लहजे में कहा कि- इंदौर के टाटपट्टी में उपद्रवियों ने जो कुछ किया है उसकी कड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. किसी को नहीं बख्शा जाएगा. पुलिस ने उपद्रवियों पर कार्रवाई शुरु कर दी है. उनके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लिया जा रहा है. शिवराज ने कहा कि कुछ मुट्ठी भर लोग हैं जो मानवता की सेवा करने वालों के खिलाफ ऐसा बर्ताव करते हैं. ऐसे में जो भी मानवता की सेवा करने वालों के खिलाफ बाधा डालने की कोशिश करेगा उन पर सख्त एक्शन लिया जाएगा. ऐसे लोगों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा. सीएम ने कहा कि लोगों की जिंदगी के लिए जरूरी है कि आप अपने काम में जुटे रहें। मैं आपकी कर्तव्यनिष्ठा को प्रणाम करता हूं. मैं और पूरा प्रदेश आपके साथ है।

इसके बाद शिवराज ने आगे कहा कि- कोरोनावायरस के खिलाफ युद्ध लड़ने वाले मेरे सभी डॉक्टर्स, नर्सेज़, पैरामेडिकल स्टाफ, ANM,आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और नगरीय निकाय कर्मचारी, आप महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखें, आपकी सम्पूर्ण सुरक्षा की ज़िम्मेदारी मेरी है।

इंदौर के टाटपट्टी में क्या हुआ था?

इंदौर का टाटपट्टी इस समय राज्य में कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है. इस इलाके में एक मरीज कोरोना पॉजिटिव मिला था. जिसके बाद डॉक्टरों की टीम जांच करने के लिए पहुंची. इस दल में दो महिला डॉक्टर थीं. जैसे ही महिला डॉक्टरों ने जांच की प्रक्रिया शुरु की, ठीक उसी वक्त उपद्रवियों की भीड़ ने हमला बोल दिया. दोनों डॉक्टर किसी तरह जान बचाकर भागीं. टीम में शामिल एक महिला डॉक्टर ने खुद इस घटना के बारे में बताया-

महिला डॉक्टर ने खुद बताई आपबीती

”हमें कोरोना वायरस के एक संदिग्ध मरीज की जानकारी मिली थी. हम उसके घर गए. जब दरवाजा खटखटाया तो एक महिला बाहर निकली. कुछ ही देर हुए थे. हम अपने फॉर्मेट के हिसाब से उनसे सवाल पूछ ही रहे थे हमने संदिग्ध मरीज का नंबर मांगा तो महिला ने कहा कि वो घर पर नहीं है. वो महिला घर में अंदर चली गई. तभी अचानक एक भीड़ तेजी से साथ हमारी तरफ बढ़ती है. अचानक सौ-सवा लोग तेजी के साथ हमारी तरफ बढ़ते हैं. वो चिल्लाने लगते हैं कि मारो इन्हें, इसके बाद वे पत्थर मारने लगे. भीड़ देखकर हम भागे और तहसीलदार साहब की गाड़ी में जाकर बैठ गए. वहां दो चार पुलिसकर्मी थे जिन्होंने हमारी मदद की. अब तक ऐसा मंजर हमने फिल्मों में ही देखा। यह डरावना अनुभव था। कोरोना से डर नहीं लग रहा था, लेकिन उस भीड़ से डर लग रहा था। पलभर के लिए हमें समझ में नहीं आया कि क्या हुआ? हम तो उनकी सेहत के लिए वहां गए थे, लेकिन वे समझने को तैयार नहीं हुए.”

https://twitter.com/akshaynarang96/status/1245527806559150080

 

आरोपियों पर रासुका लगा, केंद्रीय जेल भेजे गए….

सुबह करीब 10 बजे उनके घरों के आसपास बल तैनात किया और मोहम्मद मुस्तफा हाजी मोहम्मद इस्माइल, नौशाद अहमद मुश्ताक अहमद कादरी, मोहम्मद गुलरेज हाजी अब्दुल गनी, शाहरुख खान फिरोज बाबा अंसारी, मुबारिक मोहम्मद इसहाक खान, शोहेब उर्फ शोबी मोहम्मद मुख्तियार और मज्जू उर्फ मजीद अब्दुल गफूर सभी निवासी टाटपट्टी बाखल को गिरफ्तार कर लिया। जबकि देर रात 6 और को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनमें से चार आरोपियों पर रासुका लगाकर केंद्रीय जेल में डाल दिया गया है।

डीएम साब भी बदले गए

वहीं इस घटना के बाद सीएम चौहान ने वहां के जिलाधिकारी की भी तबादला कर दी. यहां पर एक सख्त जिलाधिकारी की तैनाती की गई है. ऐसे में शिवराज चौहान ने जिस तरह से राज्य के दंगाइयों पर रैपिड एक्शन लिया है वो अपने आप में काबिले तारीफ है. उन्होंने बता दिया है कि जब चौहान का हंटर चलेगा तब मानवाधिकार संगठन भी बचाने नहीं आएगा.

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