दीप जले, जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगे- ये सब देखकर ‘पावर ग्रीड ब्रीगेड’ का कलेजा छलनी हो गया

देशभर में दीये जले, लेकिन वामपंथियों की छाती जली

जनता

कल रात पीएम मोदी के आह्वान पर देशवासियों ने 9 मिनट तक अपने घर की लाइटें बंद कर दीप जलाए, मोमबत्तियां जलाईं। जिस प्रकार से जनता ने उत्साह दिखाया, ऐसा लगा मानो अप्रैल में ही दीपावली मनाई जा रही थी। कई जगह तो जनता कर्फ्यू की भांति थाली भी बजाई और शंखनाद भी हुआ।

परन्तु यदि किसी को इसमें भी दिक्कत लगी, तो वह थे हमारे वामपंथी ब्रिगेड के सदस्य। हर चीज में कमी ढूंढने वाले ये प्राणी इस बात से काफी कुपित थे कि पीएम मोदी का यह आह्वान फिर से कैसै सफल हो गया।

शुरुआत की नन अदर दैन राणा अय्यूब ने। मोहतरमा तंज कसते हुए ट्वीट करती हैं, “भारत माता की जय, जय शेरावाली, जय श्री राम, वन्दे मातरम के नारे और सड़कों पर पटाखे। देखो, कोरोना भाग गया”।

दूसरी ओर निखिल वागले ऐसे समय में खुलेआम जनता का मज़ाक उड़ाते हुए नजर आए। अपने घर की लाइट ऑन रख ट्वीट करते हैं, “आज मेरा घर – #अंधेरनगरीचौपटराजा”।

अब ये कुंठा थोड़ी स्वाभाविक है। यही लोग दावा कर रहे थे कि घर की लाइट बंद करने पर लोड शेडिंग होगी, देश भर में बिजली संकट उत्पन्न होगा। परन्तु ऐसा कुछ ना होते देख वे कुंठा में कुछ भी बकने लगे, जैसा उनके ट्विटर साफ दिखाई दे रहा है। जनाब तो यहां तक दावा करने लगे कि ये सब इसलिए हो रहा है ताकि 6 अप्रैल को होने वाले भाजपा स्थापना दिवस में कोई कमी ना हो।

परन्तु यह अकेले थोड़ी ना थे। अपने आप को पत्रकार समझने वाली प्रोपेगैंडावादी सागरिका घोष तो मानो सुध-बुध सब खो बैठीं। मोहतरमा ट्वीट करती हैं, हमारे पास इस महामारी के कारण किसी तरह स्वच्छ हवा आई थी। अब पटाखे जलाकर फिर से प्रदूषण सातवें आसमान पर पहुंच गया”।

 

परन्तु सागरिका घोष पटाखों के बहाने हिन्दू संस्कृति पर प्रहार करने वाली अकेली प्राणी नहीं थीं। हर चीज पर ज्ञान देने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री सोनम कपूर ट्वीट करती है, “मेरे कुत्तों को बहुत डर लग रहा है। दिवाली हो रही है क्या?” –

शायद मोहतरमा ने अपने दिवाली स्टॉक से ही कोई पुराना ट्वीट उठाकर और कॉपी पेस्ट कर डाल दिया। इसके चक्कर में सोनम कपूर को सोशल मीडिया की जनता ने ऐसा ट्रोल किया कि पूछिए मत।

https://twitter.com/CHOTESA50699707/status/1246826700454785024?s=20

परन्तु यह पहली बार ऐसा नहीं हुआ है। जब पीएम मोदी के अनुरोध को देश ने हाथों  हाथ लेते हुए उसे बेहद सफल बनाया, तो इससे कुपित लिबरल उसमें भी कमी ढूंढने लगे। जनता कर्फ्यू तो अलग बात है, इन्हें टेनिस बात से भी तकलीफ थी कि आखिर रामायण और महाभारत क्यों दोबारा प्रसारित कराया ना रहा है। सच कहें तो हमारे वामपंथी ब्रिगेड उस मिट्टी के बने हैं, कि इन्हें भगवान अमर भी बना दे, तो इस बात की शिकायत करेंगे, कि भगवान क्यों नहीं बनाया। जिस नकारात्मकता में ये दिन रात लोटते हैं, उसी का नतीजा है कि ये किसी भी अच्छे काम को हमेशा गलत ही ठहराते हैं।

 

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