“सुनों चीनियों, अभी हमारे देश से निकलो”, चीनी पुलिस ने Africa वालों को पीटा तो केन्या का सांसद भड़का

चीन वाले अफ्रीकन लोगों को कोरोना-कोरोना बोलकर पीट रहे हैं, अब केन्या ने दिया धाकड़ जवाब

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चीन कल तक जिस मुद्दे को लेकर पूरी दुनिया में शिकायत करता फिर रहा था, वही अब उसने अपने घर में करना शुरू कर दिया है, और वह मुद्दा है नस्लभेदी हमलों का। चीन शुरू से ही यह शिकायत करता रहा है कि पश्चिमी देशों में चीनी लोगों के साथ सही से व्यवहार नहीं किया जाता है और उन पर नस्लभेदी हमले भी किए जाते हैं, लेकिन अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि चीन में कोरोना वायरस के नाम पर चुन-चुनकर अफ्रीका और black लोगों पर पुलिस अत्याचार कर रही है और उन्हें जबरदस्ती क्वारंटाइन कर रही है।

चमड़ी के रंग के आधार पर भेदभाव और मारपीट किए जाने की वजह से अफ्रीका में भी अब चीन-विरोधी आवाज़ें उठना शुरू हो चुकी हैं और चीन के अत्याचारों के जवाब में केन्या के एक सांसद ने केन्या में मौजूद सभी चीनी नागरिकों को तुरंत देश छोड़ने के लिए कह दिया है। साफ है कि कोरोना वायरस की वज़ह से अफ्रीकी देशों और चीन में तनाव और ज्यादा बढ़ रहा है।

पिछले काफी दिनों से चीनी पुलिस द्वारा अफ्रीका के लोगों की पिटाई की videos सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है। अफ्रीका के लोगों को “कोरोना वायरस” कहकर पुकारा जा रहा है और उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए केन्या के चीन विरोधी सांसद मोसेस कुरिया ने कहा

“सभी चीनी नागरिकों को हमारे देश से चले जाना चाहिए, वो भी तुरंत! जो वायरस तुमने वुहान की लैब में बनाया, उसके लिए तुम अफ्रीका के लोगों को दोष कैसे दे सकते हो? जाओ अभी निकलो”।

मोसेस के समर्थन में अब केन्या के और भी सांसद आ गए हैं। उदाहरण के तौर पर केन्याई सांसद चार्ल्स जगुआ ने मोसेस का समर्थन करते हुए फेसबुक पर लिखा-

“अफ्रीकन लोगों के साथ चीन में जो हो रहा है, मैं उसकी निंदा करता हूं। मैं केन्या के लोगों से यह कहने से पीछे नहीं हटूंगा कि बाइबल का अनुसरण करते हुए उन्हें आंख दिखाने वालों को पलटकर आंख दिखाने से पीछे नहीं हटना चाहिए”।

इसी तरह केन्या की एक Representative केट वारुगुरु ने कहा-

“जो चीन में हो रहा है वह दिल तोड़ने वाला है। दुखद है कि जिस तरह अपने यहां हम चीन के लोगों की सुरक्षा करते हैं, उस प्रकार चीन में हमारे लोगों की रक्षा नहीं हो रही है”।

इसी के साथ केन्या के लोगों में भी चीन के खिलाफ गुस्सा भरा है। लोग ट्विटर पर ट्रेंड चला रहे हैं “China must explain”।

कोरोना आने के बाद से ही केन्या में चीन के लोगों के खिलाफ घटनाओं के घटने की खबरें आ रही हैं। पिछले दिनों केन्या में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कुछ अफ्रीकन लोग चीनी लोगों को यह कहते हुए साफ सुने जा सकते थे कि “तुम कोरोनावायरस हो”

BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार– फरवरी में सोशल मीडिया पर कथित तौर पर एक सांसद का मेसेज वायरल हुआ था जिसमें उस सांसद ने केन्या के लोगों से कहा था-

“अभी चीन से कुछ लोग न्यू इयर मनाकर आए हैं, ये अपने साथ कोरोनावायरस लेकर आए हैं, इन्हें पकड़ो और जबरदस्ती क्वारंटाइन कर दो, अगर फिर भी ये नहीं माने तो इन चीनियों को पत्थर मारकर अपने से दूर भागा दो। लोगों को ऐसा करने की मेरी तरफ से खुली छूट है”।

इस पर केन्या में मौजूद चीनी राजदूत ने कड़ी आपत्ति जताई थी और इसे नस्लभेदी करार दिया था।

BBC की इसी रिपोर्ट में लिखा है कि केन्या ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बड़े पैमाने पर चीन से लोन लिया हुआ है लेकिन ज़मीन पर इसका किसी को कोई फायदा नहीं दिखा है, ऊपर से केन्या की वित्तीय हालत और खराब हो गयी है, लोग सरकार को बुरा भला कह-कहकर तो अब ऊब चुके हैं, लेकिन अब उन्होंने सीधा चीनियों को ही निशाना बनाना शुरू कर दिया है। कोरोना के बाद पहले ही अफ्रीका में चीन को लेकर गुस्सा था, वहीं अब चीनी पुलिस के हमलों ने अफ्रीका के लोगों में और ज़्यादा गुस्सा भड़का दिया है, जिसके कारण अफ्रीका और चीन के रिश्तों में तनाव बढ़ता ही जा रहा है।

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