कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं और विश्व पर संकट गहराता जा रहा है। चीन कई देशों को कोरोना एक्सपोर्ट करने बाद अब मेडिकल सामानों की सप्लाइ कर फायदा उठाने की पूरी कोशिश कर रहा है। लेकिन इस बीच चीन की कई और करतूत भी सामने आ रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में मास्क और हैंड सेनिटाइजर जैसी आवश्यक चीजों की कमी हो गयी है और इसका कारण कोई और नहीं बल्कि चीन सरकार समर्थित कंपनियां है जो पहले ही मेडिकल सामग्रियां ऑस्ट्रेलिया से खरीद कर चीन एक्सपोर्ट कर चुकी हैं। अब जाकर ऑस्ट्रेलिया की सरकार को होश आया है और मौजूदा customs regulations का विस्तार करते हुए इस सप्ताह दस्ताने, गाउन, गॉगल्स, वीज़र्स और अल्कोहल वाइप्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अगर कोई फेस मास्क और हैंड सैनिटाइज़र जैसे मेडिकल सप्लाई का निर्यात करता है तो उसे पांच साल तक के प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल, पिछले सप्ताह यह खबर आई थी कि चीनी सरकार समर्थित एक दिग्गज कंपनी ने गुपचुप तरीके से ऑस्ट्रेलिया में मास्क, हैंड सैनिटाइटर, वाइप्स और आवश्यक चिकित्सा के सामान थोक भाव में खरीदा और उन्हें चीन भेज दिया।
द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के अनुसार द ग्रीनलैंड ग्रुप, नाम की कंपनी के कारण अब ऑस्ट्रेलिया के मार्केट से एंटी-कोरोनावायरस उपकरण गायब हो चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में जहां भी द ग्रीनलैंड ग्रुप हैं वहाँ से 3 मिलियन सर्जिकल मास्क, 500,000 जोड़े दस्ताने और भारी मात्रा में सैनिटाइज़र और वाइप्स की ख़रीदारी हुई है ।
यह बताया गया कि ग्रीनलैंड के ऑस्ट्रेलियाई प्रबंध निदेशक शेरवुड लुओ ने भी सोशल मीडिया पर इसके बारे में पोस्ट किया था। वहीं रिपोर्ट में यह भी बात सामने आ रही है कि ऑस्ट्रेलिया में मूल रूप से जितने भी कर्मचारी थे, उनमें से अधिकांश चीनी हैं, उनको मेडिकल सामग्री खरीद कर एकत्रित करने के लिए कहा गया था। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से चीन किसी भी देश में कितना अंदर तक हस्तक्षेप कर सकता है। अब इसी कंपनी के कारण ऑस्ट्रेलिया में इन सभी मेडिकल उपकरणों की कमी हो चुकी है।
वहीं एक और मामले में फरवरी महीने के आखिर में, जब चीन में स्वास्थ्य संकट अपने चरम पर था, ऑस्ट्रेलिया में मौजूद चीन की और एक रियल-एस्टेट कंपनी Risland Australia वहां से 80 टन से ज्यादा मेडिकल सामग्रियां खरीदकर वूहान ले गई। जिसमें एक लाख संक्रमण से बचाव के कपड़े और 10 लाख जोड़े दस्ताने शामिल थे, इस बात की पुष्टि खुद Risland Australia नाम की इस कंपनी ने की थी।
अब ऑस्ट्रेलिया के चिकित्सा विशेषज्ञ व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की संभावित कमी से चिंतित है। यह कमी इतनी भयावह है कि और अधिक फेस मास्क बनाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई सेना को बीच में आना पड़ा।
इन दोनों कंपनियों ने रियल एस्टेट बिजनेस को किनारे रखकर ऑस्ट्रेलिया की दुकानों से सर्जिकल मास्क, थर्मोमीटर, एंटीबैक्टीरियल वाइप्स और हैंड सेनिटाइजर जैसी चीजें साफ कर दीं। जब तक ऑस्ट्रेलिया की सरकार जागती, जरूरी चीजों की कमी व्याप्त हो चुकी थी। अब ऑस्ट्रेलिया वायरस की चपेट में है और बेहद परेशान है क्योंकि यहां जरूरी मेडिकल संसाधनों की कमी हो गई है।
हर रोज चीन के छल और धोखे की नई कहानियां उभर कर सामने आ रही है। स्पेन, चेक गणराज्य, द निदरलैंड को खराब मेडिकल किट बेचने की खबर पहले ही आ चुकी है। अब इन देशों ने भी चीन का सामान वापस कर दिया है। यह सोचने वाली बात है कि जिस चीन को फरवरी के आखिर में ऑस्ट्रेलिया से मास्क और हैंड सेनीटाइजर मांगना पड़ा अब वही चीन दूसरे देशों को यही मेडिकल उपकरण बेच रहा है। इससे स्पष्ट पता चलता है कि चीन ने जानबूझकर और धोखे से ऑस्ट्रेलिया से ये सभी सामान निर्यात कराया था। चीन की करतूतों की रोज एक नई कहानी सामने आ रही है। ऐसे मे अब सभी देश को मिलकर चीन के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।