रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स चीन से लड़ाई में साथ-साथ: अब चीन को भींगी बिल्ली बनाकर मारेगा अमेरिका

ऐसे समझिए भाजपा और कांग्रेस मिलकर चीन या पाकिस्तान को निपटाने का प्लान कर रहे हैं

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चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने अमेरिका में अब तक सबसे अधिक तबाही मचाई है। अमेरिका में कोरोना के पॉज़िटिव मामलों की संख्या 6 लाख पर कर चुकी है और लगभग 26 हजार से अधिक मौत हो चुकी है। कोरोना के बढ़ते मामलों से पूरा अमेरिका परेशान है और और इसी परेशानी ने अमेरिका की प्रमुख पार्टियों यानि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स को एक साथ कर दिया है और यह खबर चीन के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं है।

इसे अगर भारत का उदाहरण लेकर समझें तो इसका मतलब यह हुआ कि चीन के खिलाफ लड़ाई में अब भाजपा और कांग्रेस एक साथ आ चुकी हैं। इससे न सिर्फ चीन के खिलाफ एक्शन लेने में आसानी होगी बल्कि कोरोना से भी लड़ने में सरकार को मजबूती मिलेगी।

 

दरअसल, चीन की करतूतों और कोरोना फैलाने के बाद किए गए प्रोपोगेंडे ने अमेरिका की दोनों ही पार्टियां चीन के खिलाफ कड़े एक्शन लेने और एक बेहतर स्ट्रेटजी बनाने के लिए एकमत हो चुकी हैं। कोरोना महामारी के बीच अमेरिका और चीन के रिश्तों में होने वाले परिवर्तन पर नजर बनाए रखना मुश्किल है क्योंकि ये हर वक्त बदल रहा है। The Harris Poll का एक नया पोल दिखाता है कि कोरोना वायरस और चीन का मामला अमेरिकियों को एकमत कर रहा है।

रिपब्लिकन और डेमोक्रेट अब काफी हद तक सहमत हैं कि कोरोना वायरस महामारी के फैलने की जिम्मेदारी चीन की है, और अब चीन के ऊपर किसी अन्य मुद्दे पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। वे चाहते हैं कि अमेरिकी सरकार चीन पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाकर सख्त से सख्त एक्शन ले.

इस पोल के माध्यम से यह पता चलता है कि 90 प्रतिशत रिपब्लिकन यह कह रहे हैं कि वायरस के प्रसार के लिए चीनी सरकार जिम्मेदार है, जबकि यही बात 67 प्रतिशत डेमोक्रेट्स भी मानते हैं। केवल 22 प्रतिशत रिपब्लिकन और 34 प्रतिशत डेमोक्रेट ने कहा कि उन्हें लगता है कि चीनी सरकार ने उनके कोरोनोवायरस के आंकड़ों की सटीक रिपोर्ट की है।

वहीं चीन के साथ व्यापार पर यह सहमति और अधिक है। दोनों में से किसी भी पार्टी को यह नहीं लगता है कि ट्रम्प के “Phase 1” ट्रेड डील के तहत चीन अपने दायित्वों को पूरा करेगा या नहीं। लेकिन दोनों दलों के प्रमुख जानकारों का मानना है कि यदि बीजिंग अपने दायित्वों को पूरा नहीं करता है तो अमेरिकी सरकार को फिर से सख्त टैरिफ लगा देना चाहिए।

ऐसा लगता है कि दोनों ही पार्टियों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रोपेगैंडे को ध्वस्त करने का मन बना ली हैं। 71 प्रतिशत रिपब्लिकनों  का मानना है कि चीन को अन्य देशों को प्रकोप के कारण हुए नुकसान के लिए भरपाई करनी चाहिए। वहीं डेमोक्रेट्स मे यह प्रतिशत केवल 41 प्रतिशत रहा।

इस पोल में यह भी बात सामने आई है कि 66 प्रतिशत रिपब्लिकन यह चाहते हैं कि ट्रम्प को चीन के प्रति और कड़े रुख अपनाने चाहिए जो वे अभी अपनाते आए हैं। वहीं 38 प्रतिशत डेमोक्रेट्स यही चाहते हैं कि ट्रम्प को और सख्त रुख अपनाने चाहिए।

अमेरिका ने चीन के खिलाफ कदम उठाना प्रारम्भ भी कर दिया हैं और अमेरिकी सांसद चीनी अधिकारियों को कोरोना के आंकड़े छिपाने के लिए sanction लगाने पर विचार कर रहे हैं। वहीं इसके अलावा अमेरिका ने WHO की चीन के साथ मिलीभगत करने के लिए फंड को ही रोक दिया है। कुछ दिनों पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने WHO की फंडिंग रोकने की बात कही थी।

अब अमेरिका ने यह कर दिखाया है। ऐसा लगता है कि चीन के खिलाफ इसी तरह के कुछ और भी धमाकेदार निर्णय लिए जाने वाले हैं। डोनाल्ड ट्रम्प की पार्टी रिपब्लिकन और Joe Biden की पार्टी डेमोक्रेटेस का साथ आना चीन के लिए बहुत बुरी खबर है।

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