झारखंड फल विक्रेता को भगवा झंडा लगाने का मिला दंड
पिछले कुछ दिनों से गैर भाजपा शासित राज्यों में हिन्दुओं के खिलाफ अत्याचार काफी बढ़ गया है। अभी हाल ही में झारखंड के जमशेदपुर में कुछ हिन्दू फल विक्रेताओं के साथ सिर्फ इसलिए दुर्व्यवहार किया गया, क्योंकि उन्होंने अपनी दुकान के सामने भगवा झंडा लगाया था और अपने बैनर पर हिन्दू लिखने का दुस्साहस किया। कुछ फल विक्रेताओं ने अपनी दुकान के आगे यह बैनर लगाया था -.
“विश्व हिन्दू परिषद की अनुमोदित हिन्दू फल दुकान”
इन पोस्टरों पर श्रीराम और भगवान शिवजी के चित्र भी अंकित थे। परन्तु यह बैनर एक कट्टरपंथी मुसलमान को नागवार गुज़रे, जिसने ट्विटर के माध्यम से जमशेदपुर पुलिस को शिकायत कर डाली, और जमशेदपुर पुलिस उस यूज़र की मांग पर नतमस्तक होते हुए उन विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई करने निकल पड़ी।
मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए संबंधित फल दुकानों से पोस्टर हटवा दिया गया है तथा संबंधित दुकानदारों के विरुद्ध कदमा थाना द्वारा धारा – 107 द0प्र0स0 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है। pic.twitter.com/AXGXNmaPWW
— Jamshedpur Police (@Jsr_police) April 25, 2020
बता दें कि महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे की भांति ही झारखंड के सत्ता की असल बागडोर किसी अन्य के हाथ में है। हेमंत सोरेन भले ही मुख्यमंत्री हैं, परन्तु असल सत्ता तो लगता है कांग्रेस के पास है। जमशेदपुर पुलिस के अफसरों ने ना सिर्फ बैनर हटवाए, अपितु फल विक्रेताओं के विरुद्ध शांति भंग करने के आरोप में सीआरपीसी की धारा 107 के अन्तर्गत मुक़दमा भी दर्ज किया।
मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए संबंधित फल दुकानों से पोस्टर हटवा दिया गया है तथा संबंधित दुकानदारों के विरुद्ध कदमा थाना द्वारा धारा – 107 द0प्र0स0 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है। pic.twitter.com/AXGXNmaPWW
— Jamshedpur Police (@Jsr_police) April 25, 2020
परन्तु यह बात केवल झारखंड तक ही सीमित नहीं रही है। तेलंगाना और बिहार में कट्टरपंथी मुसलमानों के इशारों पर पुलिस फल विक्रेताओं और अन्य दुकानदारों के विरुद्ध आपराधिक मुक़दमा दर्ज कर रही है।
भगवा झंडा लगाने पर हुई कार्रवाही
उदाहरण के लिए बिहार के नालंदा जिले में कुछ दुकानों के विरुद्ध सिर्फ इसलिए मुक़दमा दर्ज किया गया है, क्योंकि उन्होंने अपने दुकानों पर भगवा झंडा लगाया था। पर एफआईआर में दर्ज चार्जेज़ तो देखिए। दुकानदारों पर दंगा भड़काने के आरोप में आईपीसी की धाराओं के अंतर्गत धारा 147, गलत तरह से भीड़ जुटाने के लिए धारा 149, अवहेलना के लिए धारा 188 के अन्तर्गत मुक़दमा दर्ज किया गया है।
In Bihar's Nalanda, an FIR has been filed on complaint by block officer over saffron flags at Hindu shops. I was surprised to see IPC 295A applied, which is for hurting others' religious sentiments.
The SHO cut my call when I asked thisAny legal opinion on this pls? pic.twitter.com/E0yI1P2IIX
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) April 26, 2020
किसी को शायद ही समझ में आएगा कि कैसे केसरिया रंग (भगवा झंडा ) से किसी की भावनाएं आहत होती है, और भला इस एक रंग से दुनिया का क्या बिगड़ जाएगा? क्या बिहार सरकार के लिए अपनी संस्कृति का मान रखना एक अक्षम्य अपराध है?
इसी भांति तेलंगाना में एक कट्टरपंथी मुसलमान के कहने पर हैदराबाद के क्षेत्र में पुलिस ने एक सब्जीवाले पर इसलिए कार्रवाई की, क्योंकि उसने अपने थैले पर भगवा झंडा लगा रखा था
https://twitter.com/azamnawaaz/status/1254354903150915588?s=19
कुछ राज्यों में हिन्दू प्रतीकों का सम्मान करना गुनाह के सामान है
बता दें कि हमारे संविधान में अनुच्छेद 25 के अन्तर्गत किसी भी धर्म का अनुसरण करने की स्वतंत्रता है। परन्तु लगता है कि कुछ राज्यों में इसकी जगह गंगा जमुनी तहजीब, जहां हिन्दू धर्म के प्रतीकों की बात करना तो बहुत दूर की बात, हिन्दू धर्म का उल्लेख करना ही किसी अक्षम्य पाप से कम नहीं है।
— Cyberabad Police (@cyberabadpolice) April 26, 2020
https://twitter.com/azamnawaaz/status/1254354903150915588?s=19
इसके पीछे का प्रमुख उद्देश्य स्पष्ट है – भारत की वैश्विक छवि खराब करना और सनातन संस्कृति को कुचलना। कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा दर्ज मुकदमे उतना किसी व्यक्ति का खून नहीं खौला पाते जितना यह कि झारखंड, तेलंगाना और बिहार में पुलिस के पास इतना ख़ाली समय कि वे वाकई में ऐसे घटिया केस पर कार्रवाई कर रही है। पर एक सच तो ये भी है कि इन राज्यों की सरकारों के आदेश पर ही पुलिस एक्शन ले रही है। हिंदुओं के प्रति इस भेदभावपूर्ण रुख के लिए इन राज्यों की सरकारों को शर्म आनी चाहिए।