शरजील इमाम अभी सलाखों के पीछे ही रहेगा, देशविरोधी भाषण और दंगा भड़काने के लिए पुलिस ने दायर की चार्जशीट

ये असम को देश से काटने की बात कर रहा था और अब इसे मिल गई आजादी!

शरजील इमाम

राष्ट्रीय राजधानी के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पिछले साल दिसंबर में हुई हिंसा से संबंधित एक मामले में दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ आरोप पत्र (चार्जशीट) दायर किया है। शरजील पर देशद्रोही भाषण देने और हिंसा भड़काने का आरोप है।

आरोप पत्र साकेत कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने दायर किया गया।

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शरजील इमाम पर 13 दिसंबर 2019 को जामिया में देशद्रोही भाषण देने और दंगे भड़काने का आरोप है। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए और 153 ए ( देशद्रोह और दो वर्गों के बीच भेदभाव) के तहत केस दर्ज किया गया था।

दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि 15 दिसंबर को जामिया मिलिया के छात्रों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और जामिया में रैली आयोजित की थी, इस दौरान गंभीर हिंसा हुई थी। पुलिस के मुताबिक, इस दौरान आगजनी और हिंसा हुई थी और पत्थरबाजी की गई थी। इसकी वजह से सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था।

गौरतलब है नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में चले आंदोलनों के बीच शरजील इमाम का जामिया और अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने का एक विवादित बयानों वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। यही नहीं शरजील इमाम ने शाहीन बाग में भड़काऊ भाषण देते हुए कहा था कि बाकी भारत को नॉर्थ ईस्ट से जोड़ने वाली चिकन नेक मुस्लिम बहुल इलाका है और अगर सभी मुस्लिम इकट्ठा हो जाएँ तो वे नॉर्थ ईस्ट को भारत से अलग कर सकते हैं।

इमाम ने कहा था “क्या आप जानते हैं कि असम के मुसलमानों के साथ क्या हो रहा है? एनआरसी पहले से ही वहां लागू है, उन्हें हिरासत में रखा गया है। आगे चलकर हमें यह भी पता चल सकता है कि 6- 8 महीने में सभी बंगालियों को मार दिया गया। हिंदू हो या मुस्लिम। अगर हम असम की मदद करना चाहते हैं, तो हमें भारतीय सेना और अन्य आपूर्ति के लिए असम का रास्ता रोकना होगा”। इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ देशद्रोह समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जनवरी के आखिर में शरजील को उसके पैतृक स्थान बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया था।

 

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