“BMC के पास HCQ नहीं, US को देने चले हो” लिबरल मीडिया के इस झूठ की खुद BMC ने ही धज्जियां उड़ा दी

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वामपंथी विचारधारा का समर्थन करने वालों का आजकल केवल एक ही मंत्र है, प्राण जाए पर प्रोपगेंडा ना जाए। इसी परिप्रेक्ष्य में अभी हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया फेक न्यूज़ फैलाता हुआ पकड़ा गया, जिसके कारण उसकी खूब फजीहत हुई। हाल ही में भारत ने अमेरिका सहित कई देशों को HCQ यानी हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति देने पर सहमति जताई है। इसपर टाइम्स ऑफ इंडिया ने यह टिप्पणी करते हुए एक लेख छापा, “मुंबई के डॉक्टरों के पास HCQ की सप्लाई तो है नहीं और भारत चल दिया दुनिया भर को आपूर्ति देने।” 

टाइम्स ऑफ इंडिया के बाद वेब पोर्टल इंडिया टाइम्स ने भी इसी दिशा में एक लेख छापा। पर उन्हें क्या पता था कि उनका दांव उन्हीं पर भारी पड़ जाएगा। पहले बीएमसी, और फिर प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने जमकर टाइम्स ऑफ इंडिया की क्लास लगाई।

बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “शहर में इस दवा की कोई कमी नहीं है। हमारे पास अस्पताल में 90000 टैबलेट्स और शहर के बीएमसी स्टोर में 10 लाख से ज़्यादा टैबलेट है। कृपया अफवाहों पर ध्यान ना दें।”

यही नहीं , भारत की जो फार्मा कंपनी इस निर्माण में कार्यरत है, उनके अनुसार यदि उन्हें उनके मैक्सिमम कैपेसिटी पर काम करने दिया जाए, तो वे इतना HCQ बना सकते हैं कि केवल 10 प्रतिशत स्टॉक से वे भारत की सभी मांगों को पूरा कर सके।

इसके अलावा प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने भी इंडिया टाइम्स के रिपोर्ट की धज्जियां उड़ाते हुए उसे फेक करार दिया, और फलस्वरूप इंडिया टाइम्स को अपना विवादित लेख हटाना ही पड़ा ।

परन्तु  ऐसा पहली बार नहीं है, जब HCQ के पीछे भारत विरोधी खबरें फैलाई गई हो। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया तो इस बात को झुठलाने में लगी है कि इस दवा से कुछ भी फायदा हो सकता है।

विश्व भर की मीडिया, BBC से लेकर वनशिंगटन पोस्ट तक सभी ने अब इस दवा के खिलाफ अभियान चला दिया। कई तरह के इंटरव्यू छापे जा रहे हैं जिससे इस दवा की क्रेडिबिलिटी पर ही सवाल खड़े किये जाने लगे।

परन्तु इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक बलराम भार्गव ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, जिनमें डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मचारी, हेल्पर आदि के इलाज के लिए सिफारिश की थी।

बता दें कि भारत, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसने वित्तीय वर्ष 2019 में 51 मिलियन डॉलर मूल्य की दवा का निर्यात किया था। यह देश के 19 बिलियन डॉलर फार्मा के क्षेत्र से होने वाले निर्यात का एक छोटा हिस्सा है। 

ऐसे में टाइम्स ऑफ इंडिया ने केवल प्रोपेगैंडा वादियों का साथ दिया है, अपितु अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारने का काम भी किया है। अब टाइम्स ऑफ इंडिया आने वाले समय में हंसी के पात्र से अधिक कुछ भी नहीं होगा।

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