कोरोना वायरस के कारण अरब देशों में कोहराम मचा हुआ है और संयुक्त अरब अमीरात ने उन देशों के प्रति नाराजगी जताई है जिनके नागरिक UAE में फंसे हैं और उन्हें वे वहां से नहीं निकाल पा रहे हैं.
पाकिस्तान भी उनमें से एक था। चीन के अपने नागरिकों को न निकालने वाले पाकिस्तान ने अब अपने नागरिकों को वापस स्वदेश ले जाना शुरू कर दिया है। इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन ऐसा लगता है UAE द्वारा पाकिस्तान को दी गयी धमकी काम आई।
दरअसल, यूएई ने पाकिस्तान को अपने नागरिकों को वापस नहीं ले जाने पर श्रम संबंधों को लेकर समीक्षा करने की धमकी दी थी, जिसके बाद पाकिस्तान ने 227 “फंसे हुए नागरिकों” को शनिवार को पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की फ्लाइट से देश भेजा।
बता दें कि यूएई और अन्य खाड़ी अरब राज्यों ने भी कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामले दर्ज किए हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना के मामले अधिकतर प्रवासी मजदूरों में ही पाया जा रहा है जो कि भीड़-भाड़ वाले क्वार्टर में रहते हैं. कुछ मजदूरों को स्कूलों और विशेष केंद्रों में रखा गया है और कोशिश यह है कि फ्लाइट के जरिए उन्हें वापस उनके देश भेजा जा सके।
बता दें कि पिछले हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात की सरकार ने धमकी दी थी कि जो देश अपने नागरिकों को वापस नहीं ले जा रहे हैं, वे उनके साथ श्रम संबंधों की समीक्षा करेंगे। ये भी ऐलान किया गया कि यूएई सरकार कोरोना खत्म होने के बाद भारत व पाकिस्तान के साथ किए गए समझौतों में कटौती करेगी। इसका मतलब ये हुआ कि यूएई सरकार दोनों मुल्कों के प्रति सख्त रवैया अपनाएगी। इसमें वे नागरिक भी शामिल हैं जिनकी नौकरी चली गई है या जिन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है।
यूएई की सरकार ने करीब सात देशों को संदेश भेजा कि वह अपने अपने नागरिकों को यूएई से वापस अपने देश ले जाए। हालांकि कोरोना संकट में फंसे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की मदद के लिए भारत ने अपने हाथ बढ़ाए थे और यूएई को 55 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट दिया था।
Under guidance of UAE leadership, @UAEembassyIndia succeeded in obtaining the approval of the Indian government to export adequate quantities of #Hydroxychloroquine to UAE. pic.twitter.com/0QEHek9aY8
— UAE in India (@UAEembassyIndia) April 18, 2020
इससे UAE ने भारत की तारीफ भी की थी, यही नहीं कोरोना संकट को देखते हुए यूएई सरकार ने ऐलान किया था कि देश में रह रहे सभी रेजिडेंस, विजिटर्स और टूरिस्टों का वीजा बिना किसी आवेदन व फीस, जुर्माना के 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाया जाता है। इससे भारतीयों को यूएई में काफी राहत मिली है।
लेकिन ऐसा लगता है UAE ने पाकिस्तान को किसी प्रकार की छूट नहीं दी जिससे उसे अपने नागरिकों को वापस लाना पड़ रहा है। पाकिस्तान ने 227 “फंसे हुए नागरिकों” को शनिवार को पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की फ्लाइट से देश भेजा। दुबई में पाकिस्तान काउंसल जनरल ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी थी। हालांकि यह साफ नहीं है कि अन्य फ्लाइट्स कब उड़ाने भरेंगी। यूएई के दो अखबारों का कहना है कि खाड़ी देशों में रहने वाले 40,000 पाकिस्तानियों ने कॉन्सुलेट में अपना नाम रजिस्टर कराया था।
बता दें कि पाकिस्तान भी कोरोना से जूझ रहा है और अभी तक पाकिस्तान में 9 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जिसमें से 192 मौतें हो चुकी हैं। ऐसे में अब पाकिस्तान को UAE से अपने नागरिकों को निकालना पड़ रहा है। ये वही पाकिस्तान है जिसने चीन से अपने नागरिकों को वापस लाने से माना कर दिया था।
तब पाकिस्तान ने कहा था कि,“हम मानते हैं कि अभी चीन में रह रहे हमारे प्रियजनों के हित में है। (वे वहीं रहें।) यह क्षेत्र, विश्व, देश के वृहद् हित में है कि हम उन्हें अभी बाहर न निकालें।”
आगे उन्होंने कहा “डब्ल्यूएचओ भी यही कह रहा है, यह चीन की नीति है और यही हमारी भी नीति है। हम चीन के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं।‘’
अब UAE ने जब धमकी दी तो पाकिस्तान भींगी बिल्ली की तरह अपने नागरिकों को वापस लाने लगा है।