उद्धव ठाकरे के राज में महाराष्ट्र पुलिस को ‘भटके हुए लोग’ दौड़ा-दौड़ाकर पीट रहे हैं

कुछ लोग खुश रहे इसीलिए चुप है उद्धव सरकार

उद्धव ठाकरे, पुलिस,

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र लगातार पतन की ओर जा रहा है। राज्य में कोरोना के मामले करीब दस हजार पहुंचने वाले हैं, इसके साथ ही महाराष्ट्र कोरोना के मामलों में सबसे अव्वल राज्य हो गया है। 1000 में से 400 से अधिक मृत्यु तो केवल इसी जगह से निकली है। इसके साथ ही राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के गुंडों का भी आतंक चरम पर है. देश की सबसे नीडर पुलिस कही जाने वाली महाराष्ट्र पुलिस को अब अल्पसंख्यक समुदाय के लोग पीट रहे हैं.

दरअसल, सोमवार को जो देखने को मिला, उससे सिद्ध हो गया कि उद्धव को अपनी सेक्युलर छवि बरकरार रखने के अलावा कुछ और नहीं समझ में आ रहा है। दो जगह उपद्रवियों को नियंत्रण में करने  गई महाराष्ट्र पुलिस पर इस तरह से लाठी डंडे बरसाए गए, मानो वे किसी दानव से कम नहीं थे।

पुणे के प्रसिद्ध पिंपरी चिंचवाड़ क्षेत्र में एक ऑन ड्यूटी पुलिस सिपाही पर हमला करने के लिए तीन गुंडों को हिरासत में लिया गया। युनुस अत्तर और उसके बेटे मतीन और मोइन ने एक सिपाही को सिर्फ इसलिए पीट दिया, क्योंकि उसने एक फल के ठेले पर जमावड़ा करने पर आपत्ति जताई थी।

ये घटना पिंपरी चिंचवाड़ में स्थित कालेवाडी क्षेत्र में हुई थी। महाराष्ट्र में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हेतु एक निश्चित समय सीमा में काम करना होता है। परन्तु जब कालेवाडी में समय सीमा पार होने लगी, तो पुलिस को एक्शन लेना ही पड़ा। परन्तु घटनास्थल पर पहुंचे सिपाही से पहले ये दुकानदार बहस करने लगे, और फिर उनके साथ मौजूद एक ऑफ ड्यूटी पुलिसवाले ने लाठी से हमला कर दिया।

वहीं एक और घटना सामने आई जिसमें पुलिस पर दंगाई ने जमकर पथराव किया. मामला औरंगाबाद जिले के बिदकिन गांव की है. जहां 40 से ज़्यादा लोगों की नमाज़ में इकट्ठा होने की खबरें सामने आई। चूंकि ज्यादा संख्या में धार्मिक अनुष्ठानों के लिए इकट्ठा होना प्रतिबंधित है, इसलिए पुलिस ने रिपोर्ट मिलते ही इस गांव में चेकिंग शुरू की।

परन्तु उन्हें क्या पता था कि यहां जाहिलों की टोली उन पर पत्थर बरसाने के लिए आतुर है। जब पुलिस मस्जिद को ख़ाली कराने आई, तो उन पर इस्लामियों की हिंसक भीड़ ने हमला कर दिया, जिसमें बड़ी संख्या में औरतें भी शामिल थी। इस हमले में अब तक एक अफसर और 2 पुलिसकर्मी सहित 27 लोग गा हो चुके हैं, जबकि 27 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

इन घटनाओं से सिद्ध होता है कि कट्टरपंथी कैसे बेलगाम घोड़े की तरह महाराष्ट्र में तांडव मचा रहे हैं। उद्धव ठाकरे वैसे ही वुहान वायरस पर लगाम लगाने में पूर्णतया असफल रहें हैं, और अब उनके खाते में ऐसे आतंकियों को बढ़ावा देने का कारनामा भी दर्ज होगा।

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