‘9 मिनट बाद Power Grid क्रैश हो जाएगी’ EarthHour में चुप रहने वाले कांग्रेसी मोदी के फैसले पर माथा पीट रहे हैं

यहां सिर्फ 9 मिनट बिजली बंद रहेगी, अर्थ आवर में 1 घंटे होती थी!

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वुहान वायरस से निपटने के लिए भारत एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रहा है। कहने को भारत में 3000 से ज़्यादा लोग वुहान वायरस से संक्रमित है, परंतु इनमें से एक तिहाई से ज़्यादा लोग तबलीगी जमात के सदस्य हैं, जो अपनी गंदी आदतों के कारण इस महामारी के शिकार बने हैं। मौजूदा समय में देश संकट से जूझ रहा है ऐसे में लोगों को एक करने की जरुरत समझी जा रही है.  इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वीडियो संदेश में देश की जनता से शुक्रवार को अपील की थी कि वो 5 अप्रैल को रात को 9 बजे 9 मिनट तक घर की लाइटें बंद करके घर के दरवाज़े पर या बालकनी में मोमबत्ती, दिया, टॉर्च या मोबाइल फ़्लैशलाइट जलाएं।

इसी संदेश के साथ पीएम मोदी ने आगे कहा- इस संकट से अंधकार और अनिश्चितता जो पैदा हुई है उससे उजाले की ओर बढ़ना है. इसे पराजित करने के लिए प्रकाश के तेज को चारों दिशाओं में फैलाना है इसलिए इस रविवार को 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है.”

इसमें कोई दो राय नहीं है कि वामपंथियों को यहां भी पीएम मोदी का मज़ाक उड़ाना था। पर उनकी आलोचना करने के चक्कर में ये लोग अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार बैठे। वामपंथियों ने यह अफवाह फैलाना शुरू कर दिया कि नौ मिनट के लिए सभी लाइट बंद करने पर पूरे देश के बिजली व्यवस्था का बंटाधार होगा और पावर ग्रिड फ़ेल हो जाएगा।

इसका प्रारम्भ किया कांग्रेस के चहेते बुद्धिजीवी राजनेता शशि थरूर ने। जनाब ट्वीट करते हैं, ‘रविवार को 9 बजे रात में बिजली की मांग में अप्रत्याशित कमी हो जाएगी और फिर 9.09 बजे अचानक बहुत बढ़ जाएगी। इस कारण इलेक्ट्रिकल ग्रिड क्रैश कर सकते हैं। इसलिए इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड्स रात 8 बजे से ही बिजली काटने और 9.09 बजे वापस देने की सोच रहे हैं। प्रधानमंत्री ने एक और चीज के बारे में विचार नहीं किया।’

बात भी सही है, आखिर पीएम मोदी ने क्या सोचकर यह निर्णय लिया? उन्हें पूर्ववर्ती सरकार की भांति एक सुपर पीएम से परमीसन लेनी चाहिए थी न। परंतु यही व्यक्ति अर्थ आवर के अवसर पर कुछ ऐसे विचार प्रकट करते हैं।

इसे देख केवल एक ही विचार आता है –

[Insert Hypocrisy Ki Bhi Seema Hoti Hai Meme]

पर ठहरिए, ये तो मात्र प्रारम्भ है। प्रियंका गांधी वाड्रा अपने भ्राता से एक कदम आगे निकलते हुए ट्वीट करती हैं, “जहां पूरा देश वुहान वायरस के विरुद्ध एकजुट खड़ा है, हम आशा करते हैं कि केंद्र सरकार देश के ऊर्जा व्यवस्था का ख्याल रखे, ताकि संकट के समय बिजली आपूर्ति में कोई बाधा नहीं आए

ऐसे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विशेषज्ञ तो आईआईएन से भी न निकले होंगे। ये लोग बड़े ज़ोर शोर से दावा कर रहे हैं कि 9 बजे बिजली बंद करने से देश में बिजली का संकट आ जाएगा, पर इसके पीछे का तर्क बताने में इन्हें सांप सूंघ जाएगा।

अब कांग्रेस के हाईकमान ने ऐसी बात बोली है, तो ये तो कुछ नेताओं के लिए पत्थर की लकीर हो गयी। महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता नितिन राऊत कहते हैं, “इस समय महाराष्ट्र में ऊर्जा की मांग 23000 वॉट से नीचे गिरकर 13000 वॉट पर आ चुकी है। ऐसे में अचानक से मांग में ड्रॉप आने पर ग्रिड में ट्रिपिंग हो सकती है। इसलिए मैं अपील करता हूँ कि आप लाइट न बंद करें

कांग्रेस प्रवक्ता सलमान निजामी तो दो कदम आगे जाते हुए ट्वीट करते हैं, “दिया जलाना, बस्ती नहीं

[Insert Oh Bhaai Maaro Mujhe Maaro Meme]

अब बात एजेंडा प्रसारित करने की हो, और रोहिणी सिंह न कुछ बोले, ऐसा हो सकता है क्या, मोहतरमा ट्वीट करती हैं, “ऐसे वाहियात आइडिया कौन पीएम को रिकमेंड कर रहा है, बिना देखे कि इसके अंजाम क्या होंगे?

परंतु इस झूठे ट्वीट के लिए उन्हें जल्द ही ओड़ीशा के विद्युत आपूर्ति केंद्र के सीईओ अरुण बोथरा ने आड़े हाथों लेते हुए कहा, “ऐसी कोई बात नहीं है। ये पावर फ़्लक्चुएशन काफी आसानी से मैनेज हो जाएगा। पर कुछ लोग ऐसे महान थे, कि उन्होंने ये अफवाह फैलाना शुरू कर दी कि लाइट बंद करने से अस्पताल में वेंटिलेटर भी बंद हो जाएंगे।

दिलचस्प बात तो यह है कि यही वामपंथी बड़ी खुशी खुशी अर्थ आवर के लिए एक घंटे तक बिजली बंद कर देंगे परंतु जब पीएम मोदी ने केवल नौ मिनट तक अपने घर के लाइट बंद करने का आह्वान किया, तो सब के सब पागलों की तरह पीएम मोदी पर चिल्लाने लगते हैं। जनता कर्फ़्यू के पश्चात जहां देश एकता की एक नई मिसाल पेश करने की ओर अग्रसर है, तो वहीं कांग्रेस जलन के मारे अंट-संट बकवास करने में अपना समय व्यर्थ गंवा रही है।

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