दुनिया में चीन में बने मास्क और अन्य मेडिकल सप्लाई की मांग बहुत तेजी से बढ़ चुकी है क्योंकि कोरोना के कारण अब चीन ही एक ऐसा देश बचा है जहां इन चीजों का उत्पादन हो रहा है। दुनिया में कोरोना-काल का चीन को सबसे ज़्यादा आर्थिक फायदा होता दिखाई दे रहा है। दुनियाभर में मास्क की बढ़ती मांग के कारण चीन में पिछले 2 महीने में 5 हज़ार से ज़्यादा नई फ़ैक्टरियाँ खुल चुकी हैं जो मास्क बनाती हैं। अधिक मात्रा में सामान बनाने के साथ-साथ चीन घटिया क्वालिटी का सामान बनाने के लिये भी पूरी दुनिया में बदनाम है और अब मास्क के मामलों में भी ऐसा ही देखने को मिल रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये मास्क जहां बनाए जाते हैं, वहाँ ना तो स्वच्छ वातावरण है और ना ही कर्मचारी खुद मास्क लगाकर या दस्ताने पहनकर काम करते हैं। इससे डर बढ़ गया है कि अगर एक स्वस्थ व्यक्ति भी इन मास्क को पहनेगा तो उसके भी बीमार पड़ने के अनुमान बढ़ जाएँगे।
न्यूज़ पोर्टल द इपोच टाइम्स के मुताबिक, पैसों के लिए अभी चीन का फोकस क्वालिटी पर नहीं, बल्कि क्वान्टिटी पर है। जो कंपनियाँ पहले बिजली का सामान बनाती थी, या अन्य काम में लगी थीं, वे भी अब मुनाफे के लिए मास्क बनाने लगी हैं। इससे लगातार घटिया मास्क बाज़ार में आ रहे हैं क्योंकि इन फ़ैक्टरियों में गुणवत्ता के मानकों का पालन कभी होता ही नहीं है। चीन की सरकार भी इन्हें रेगुलेट करने में असफल दिखाई दी है।
इन्टरनेट पर कुछ ऐसी वीडियो भी सामने आ रही हैं जिनमें इन गंदगी से भरी फ़ैक्टरियों में कर्मचारी बिना दस्तानों और मास्क के ये मास्क बना रहा है।
https://twitter.com/Volvic73345688/status/1247077866677899264
इसके साथ ही एक वीडियो ऐसी भी सामने आई है जहां एक कर्मचारी मास्क के ढेर में से कई मास्क को उठाकर अपने जूते साफ कर रहा होता है। सोचिए अगर ये मास्क एक्सपोर्ट होकर आपके पास आते हैं, तो क्या आप इन मास्क को पहनना चाहेंगे?
साइंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोई वायरस एक मास्क की परत पर 1 सप्ताह तक जीवित रह सकता है। अगर इन मास्क को बनाने वाला कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित निकला तो कोई मास्क या दस्ताने ना होने की वजह से वह व्यक्ति इन सभी masks को भी वायरस से दूषित कर देगा, और उसे पहनने वाले व्यक्ति का क्या हाल होगा, उसकी आप कल्पना ही कर सकते हैं।
इसी वजह से पिछले कुछ समय में कुछ देशों ने चीन से आने वाले सामान की बेहद घटिया क्वालिटी होने की बात को सबके सामने रखा है। हाल ही में नीदरलैंड ने चीन से आए खराब मेडिकल समान जैसे फेस मास्क को वापस लौटाने का निर्णय लिया था। नीदरलैंड की सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि उन्होंने चीन में निर्मित लगभग 6 लाख फेस मास्क को वापस लौटाने का निर्णय लिया है क्योंकि वे गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते हैं। नीदरलैंड के अलावा स्पेन, इटली और तुर्की जैसे देश भी चीन से आए सामान की घटिया गुणवत्ता होने की शिकायत कर चुके हैं। चीन में एक तो चीजों को गंदगी भरे वातावरण में बनाया जाता है, तो वहीं उनकी क्वालिटी भी बेहद खस्ता होती है। ऐसे में अभी यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि चीन में बने मास्क पहनने से अच्छा है आप या तो घर में बना मास्क पहनले या फिर घर से बाहर ही ना निकलें।