‘पैसे हमसे लेते हो और चाटूकारिता चीन की करते हो’, ट्रम्प ने WHO को 3rd गियर पर ले लिया है

WHO में बैठे चीनी चाटूकारों की लंका लगने वाली है!

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यदि डोनाल्ड ट्रम्प किसी चीज़ के लिए जाने जाते हैं, तो वह है उनका मुखर स्वभाव। राजनीतिक शिष्टाचार गया तेल लेने, यदि कोई व्यक्ति या वस्तु उन्हें अप्रिय लगती है, तो उसके प्रति आपत्ति जताने में महोदय कोई मीन मेख़ नहीं निकालेंगे। इसी कड़ी में उन्होंने WHO को चीन का चापलूस दिखाते हुए उस पर दुनिया से वुहान वायरस की भयावहता को छुपाने का आरोप लगाया है।

उक्त ट्वीट में डोनाल्ड ट्रम्प कहते हैं-

“जिसे हमने इतना पैसा दिया, वो WHO आज चीन की चाटुकारिता कर रहा है। इस पर हम अवश्य ध्यान देंगे। अच्छा हुआ कि उनकी चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध और आवाजाही वाली सलाह मैंने नहीं मानी थी। हमें इतना घटिया सुझाव आखिर WHO ने क्यों दिया?”

बता दें कि चीन के वुहान में उत्पन्न चीनी वायरस पूरी दुनिया में उत्पात मचा रहा है। अब तक 75000 से ज़्यादा लोग इससे मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं, जबकि लगभग 3 लाख इस संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। इस बीमारी का सबसे घातक प्रभाव अमेरिका पर ही पड़ा है, जहां 4 लाख से भी ज़्यादा लोग इस महामारी से संक्रमित है और करीब 13000 लोग इस बीमारी से मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं।

चीन तो इस महामारी को विश्व में फैलाने के कारण आलोचना के घेरे में है ही, इसके अलावा WHO पर भी इस महामारी की भयावहता छुपाने का आरोप लगा है। कुछ हफ्तों पहले फ्लॉरिडा से रिपब्लिक पार्टी की ओर से सीनेटर रिक स्कॉट ने कांग्रेस द्वारा WHO और चीन के गुप्त सम्बन्धों की जांच करने की मांग उठाने का फैसला लिया। इसी के साथ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि WHO अमेरिकी पैसे लेकर चीन के प्रोपेगैंडे को दुनियाभर में फैलाने का काम कर रहा है, ऐसे में इस संस्था की जांच की जानी चाहिए।

वुहान वायरस ने स्कॉट को मानो चीन के खिलाफ बोलने का सुनहरा अवसर प्रदान कर दिया हो। स्कॉट ने बताया, “WHO का काम जन स्वास्थ्य की सूचनाएं दुनिया को देना है ताकि हर देश अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर फैसला ले सके। जब कोरोना वायरस की बात आई तो WHO असफल रहा।’

यही नहीं, आगे उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि WHO जानबूझकर चीन के इशारे पर भ्रामक जानकारियां फैला रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमें पता है कि कम्युनिस्ट चीन अपने यहां के केस और मौतों को लेकर झूठ बोल रहा है। WHO को चीन के बारे में पूरी जानकारी थी, लेकिन बावजूद इसके जांच करने की जरूरत महसूस नहीं की गई”.

अब डोनाल्ड ट्रम्प कोरोना के शुरुआत से ही चीन के इस फरेब पर कितना क्रोधित हैं, ये किसी से नहीं छुपा है। वे पहले ऐसे वैश्विक नेता थे जिन्होंने वुहान वायरस को उसके वास्तविक जन्मस्थान के नाम पर रखने का साहस किया। जहां अधिकांश दुनिया राजनीतिक शिष्टाचार के नाम पर चीन कि कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, डोनाल्ड ट्रम्प ने मानो इन नीतियों को अपने पैरों तले रौंदते हुए चीन पर उंगली उठाई है। अब वुहान वायरस से अमेरिका कितने दिनों में उबरता है, ये तो बाद की बात है, परन्तु इतना तो स्पष्ट है कि स्थिति सुधरने पर चीन की शामत आनी पक्की है।

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